गुरुवार, 30 दिसंबर 2010

एमपी के युवाओं ने कहा दिलेर हैं बिहार के लोग

अमरेन्द्र कुमार तिवारी

सबौर (भागलपुर), प्रतिनिधि । 'युवा क्लब विनिमय कार्यक्रम' के तहत सभ्यता एवं संस्कृति का आदान प्रदान करने के लिए मध्य प्रदेश की बीस युवा-युवतियां अंग जनपद की धरती पर खानकित्ता गांव पहुंचे हैं। अभी यहां पहुंचे उन्हें महज दो दिन हुआ है, लेकिन लोगों को खानकित्ता गांव अपना घर आंगन जैसा लगने लगा है।

मध्य प्रदेश के इंदौर जिला स्थित हिचौली मर्दाना गांव से आए युवा आनंद सोलंकी ने एक सवाल के जबाव में कहा- 'जब यहां आने के लिए तेजस्वनी महिला मंडल क्लब, अखरावत खुर्द' से इंदौर नेहरू युवा क्लब द्वारा चयन किया गया तो इसकी सूचना मैंने अपने माता-पिता को दिया। उन्होंने बिहार दौरे का नाम सुनते ही पहले मना कर दिया। काफी समझाने-बुझाने पर जब राजी हुई तो कहा-'बेटा बिहार जा रहे हो थोड़ा संभल कर रहना'। दूसरे युवा जितेन्द्र ठाकुर ने कहा घर वालों को जो यहां के बारे में घबराहट थी, वह यहां पहुंचते ही दूर हो गई। तीसरे युवा पूनम चौधरी ने कहा हमें मां ने यहां आने के पूर्व प्रोत्साहित किया था। कहा था बेटा अपना प्यार व व्यवहार बांट के आना। दो दिनों में ही शिविर के सुखद माहौल में घुलमिल गए युवा अर्जुन चौहान व नीतिन कुशवाहा ने जोरदार शब्दों में कहा कि सिर्फ मीडिया के लोग बिहार को बदनाम करते हैं। यहां के लोग दिलेर है। यहां की विधि व्यवस्था भी काबिले तारिफ है।

युवाओं ने सीखा क्लबों का उदेश्य एवं कार्य

सबौर : शिविर में दूसरे दिन गुरुवार को युवा क्लब विनिमय कार्यक्रम के तहत युवा-युवतियों को क्लबों उदेश्य एवं कार्य की विस्तार से जानकारी दी गई। यहां कार्यक्रम के संचालन की जिम्मेदारी नेहरू युवा क्लब भागलपुर ने अपनी संबंद्ध संस्था पटेल जन कल्याण विकास केन्द्र, खानकित्ता को दिया है।

कार्यक्रम के दूसरे दिन केन्द्र के सचिव संजय कुमार सिंह ने शिविर में युवा-युवतियां को युवा क्लबों के कार्य एवं उदेश्य की विस्तार से जानकारी दी। मौके पर उपस्थित बैजलपुर के पंचायत समिति सदस्य शैलेन्द्र मंडल ने भी युवाओं को सामाजिक सेवाओं के बारे में बताया। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता उप प्रमुख संजीत कुमार सिंह कर रहे थे।

मनोरंजन के साधनों में बदलाव की उम्मीद

अशोक अनंत, भागलपुर : शहर में मनोरंजन के साधनों में एक महत्वपूर्ण साधन सिनेमा हॉल है। लेकिन उनकी स्थिति भी अब डांवाडोल हो चुकी है। पांच सिनेमा हॉल में अब मात्र दो ही बचे हैं। वहीं, खेलकूद के लिए मात्र तीन स्थान हैं। जहां सैंडिस कंपाउंड के एक हिस्से में स्टेडियम है, वहीं टॉउन हॉल और सैंडिस कंपाउंड के एक हिस्से में इनडोर गेम होता है।

2011 में स्टेडियम के सौन्दर्यीकरण की व्यवस्था के अलावा अब नई टेक्नोलॉजी से केबुल नेटवर्क का संचालन और सेटेलाइट से फिल्म डाउन लोड कर दिखाने की योजना है। हालांकि लाजपत पार्क में वर्ष में एक बार डिजनीलैंड या सर्कस लगाए जाते हैं।

अब प्रोजेक्टर के बदले नई टेक्नालॉजी से दिखाई जाएगी फिल्म

स्थानीय दीपप्रभा सिनेमा हॉल के व्यवस्थापक प्रमेन्द्र मोहन ठाकुर ने बताया कि अब प्रोजेक्टर से फिल्म दिखाने के दिन लद गए हैं। इस हॉल में अब नई टेक्नालॉजी से फिल्म दिखाई जाएगी। फिल्म का प्रिंट पहले की तुलना में तीन गुणा ज्यादा साफ रहेगा। नई टेक्नोलॉजी से फिल्म का डाउन लोडिंग सीधे सेटेलाइट से किया जाएगा। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि अब सिनेमा हॉल में दर्शकों की संख्या में कमी आती जा रही है। बिजली की बाधित आपूर्ति की वजह से भी हॉल को वातानुकूलित रखना असंभव सा होने लगा है। आबादी तो बढ़ी है लेकिन इसकी तुलना में आमदनी नहीं बढ़ी। वैसे भी शहर में पांच सिनेमा हॉल के स्थान पर मात्र दो ही कार्य कर रे हैं जिसमें दीप प्रभा और अजंता टॉकिज शामिल हैं।

केबुल नेटवर्क भी होगा आधुनिक

शहर का केबुल नेटवर्क भी अब आधुनिक होगा। अभी केबुल पर 95 चैनल दिखाए जा रहे है लेकिन नए वर्ष में 150 चैनल दिखाए जाने की उम्मीद है। केबुल मास्टर कंट्रोल रूम के व्यवस्थापक कन्हैया के मुताबिक केबुल नेटवर्क को भी नई तकनीक के सहारे चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि रिलायंस के अलावा अन्य कई ऐसी कंपनियां हैं जो केबुल नेटवर्क में अपना जलवा दिखाने के लिए आतुर हैं। नई टेक्नालॉजी से तश्वीर तो साफ होगी ही साथ-साथ 95 के बदले 150 चैनल भी दिखाए जाएंगे।

खेलकूद के लिए साधन का अभाव

शहर में खेलकूद के लिए साधन का अभाव है। शहर में इनडोर गेम के लिए दो हॉल है। जिनमें एक हॉल सैंडिस कंपाउंड के उत्तरी हिस्से में स्थित है। वालीवॉल कोच नील कमल राय ने बताया कि सैंडिस कंपाउंड में वालीवॉल के लिए दो कोर्ट बने हुए हैं। कोर्ट में गैलरी का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही बिजली और सौन्दर्यीकरण भी किया जाएगा। टेनिस कोर्ट का निर्माण कंपाउंड के उत्तरी हिस्से में किया गया है। जिसका संचालन भागलपुर टेनिस क्लब द्वारा किया जाता है। समय-समय पर खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया जाता है।

वहीं, भागलपुर फुटबॉल एंड एथेलिक एसोसिएशन के सहायक महासचिव आनंद मिश्रा के मुताबिक दोनों खेलों के लिए एक ही मैदान है। शतरंज प्रतियोगिता टॉउन हॉल में आयोजित की जाती है। इन खेल के मैदान के विकास करने की भी योजना बनाई गई है।

रबी को भी कहीं डुबो न दे पानी

रूप कुमार, भागलपुर । सरकार एक ओर जहां प्रति हेक्टेयर पांच क्विंटल अधिक अनाज उत्पादन का लक्ष्य बनाकर खेती को प्रोत्साहित कर रही है, वहीं दूसरी ओर सिंचाई संकट से तबाह किसान पटवन के लिए परेशान हो रहे हैं। खरीफ में मानसून की मार के कारण जहां खेतों में नमी नहीं के बराबर बची वहीं गेहूं की बुआई के बाद खेत पानी को तरस रहे हैं। जिले के अधिकांश नलकूप के नाकाम रहने से पटवन की समस्या का पटाक्षेप नहीं हो पा रहा है।

भागलपुर जिले में इस बार गेहूं की कुल बुआई का लक्ष्य 50 हजार हेक्टेयर रखा गया है। जिले में लघु सिचाई योजना का बुरा हाल है। 21 सिंचाई योजनाएं बंद पड़ी हुई है। सबसे बुरा हाल नलकूप विभाग का है। भागलपुर व कहलगांव अनुमंडल के सात प्रखंडों में स्थित कुल 145 नलकूपों में से 96 नलकूप बंद पड़े हैं। सिंचाई का काम मात्र 49 नलकूपों के भरोसे टिका हुआ है। उसमें भी बिजली की कमी से खेतों की प्यास नलकूप बुझा नहीं पा रहा है। किसानों का कहना है कि अगर सभी नलकूप दुरूस्त रहते तो आज सिंचाई की सुविधा काफी हद तक किसानों के लिए मददगार साबित होती। एक ओर जहां बारिश नहीं होने व जलाशयों में पानी नहीं रहने से पटवन की समस्या ने विकराल रूप धारण किए हुए है दूसरी ओर नलकूपों की खराबी से व्यवस्था कोढ़ में खाज जैसी बन गई है। नलकूप विभाग के अनुसार बंद 96 नलकूपों में से विद्युत दोष से 3, यांत्रिक दोष से 2, अन्य दोष से 58 व संयुक्त दोष से 33 नलकूप वर्षो से बंद पड़े हुए हैं।

जगदीशपुर व शाहकुंड प्रखंड का इलाका पथरीला रहने के कारण यहां एक भी नलकूप नहीं लगाया जा सका है। जिला कृषि पदाधिकारी दिनेश प्रसाद सिंह ने बताया कि अगर रबी सीजन में सिंचाई के लिए बंद पड़े नलकूपों की मरम्मत कर उसे चालू नहीं किया गया तो पटवन के अभाव में गेहूं का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। हाल ही में कृषि टास्क फोर्स की बैठक में जिलाधिकारी राहुल सिंह ने भी बंद पड़े नलकूपों को चालू करने का निर्देश दिया है। बीएयू के कृषि वैज्ञानिक डॉ. मिर्जानुल हक ने बताया कि गेहूं को रबी सीजन में कम से कम चार बार सिंचाई चाहिए। गेहूं को पूरे सीजन में कुल 45 सेमी पानी की जरूरत पड़ती है। पर्याप्त पानी के अभाव में गेहूं का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि गेहूं के बुआई के 25 दिन बाद ही गेहूं को पहली सिंचाई की जरूरत पड़ती है।

नलकूप विभाग के कार्यपालक अभियंता ई. अरविन्द कुमार ने बताया कि खरीफ के सीजन में 37 बंद नलकूपों की मरम्मत के लिए प्रति नलकूप 20 हजार की राशि आई थी। इस राशि से इन नलकूपों की मरम्मत करा उसे चालू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि बंद पड़े नलकूपों को चालू करने के लिए विभाग को पत्र लिख कर फंड की मांग की गई है। सूखाड़ के बाद से सरकार ने नलकूप से पटवन को किसानों के लिए फ्री कर दिया है।

शहर में चकाचक व चौड़ी हो जाएंगी सड़कें

मनीत कुमार मिश्र , भागलपुर पथ निर्माण विभाग की सड़कें शहर में चकाचक व चौड़ी हो जाएगी। जगह-जगह कैट्स आई, रोड साइनर व स्प्रींग कोस्टर लगेंगे। साथ ही चयनित जगह पर सड़क चौड़ीकरण किया जाएगा और गाड़ियों के लिए पार्किंग स्थल का निर्माण होगा। निर्माण कार्य आरंभ हो गया है। पहले चरण में तिलकामांझी चौक से घुरनपीर बाबा चौंक तक करीब एक किलोमीटर सड़क चौड़ीकरण कार्य आरंभ हो गया है।

पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता जेपी सिंह कश्यप ने बताया कि अभी वर्तमान में सड़क की चौड़ाई करीब 7 मीटर है जो बढ़कर 13 मीटर हो जाएगी। इस सड़क के दोनों ओर 700 मीटर गुणा 725 एमएम (नाला) आरसीसी का निर्माण हो रहा है। इसी मार्ग पर 300 मीटर लंबाई में फूटपाथ बनेगा। सैंडिस कम्पाउंड के उत्तरी गेट के पास के निकट पार्किंग स्थल तथा घुरनपीर बाबा चौक से पहले भी पार्किंग स्थल का निर्माण होगा। इस मार्ग में पड़ने वाले दो पुलिया का भी चौड़ीकरण हो रहा है। मेडिकल कॉलेज के सामने तथा घुरनपीर बाबा चौक पर स्थित पुलिया की चौड़ाई करीब 45 फीट हो जाएगी।

दूसरी ओर घुरनपीर बाबा चौक से समाहरणालय कचहरी चौक तक भी सड़क का चौड़ीकरण कार्य शुरू हो गया है। इस सड़क की चौड़ाई बढ़ाकर 13 मीटर कर दिया जाएगा। साथ ही 600 मीटर लंबा आरसीसी नाला का निर्माण चल रहा है। इस मार्ग में पड़ने वाले नगर निगम के एक भवन को हटाया जाएगा। इसके लिए पथ निर्माण विभाग ने नगर निगम को आवश्यक कार्रवाई के लिए पत्र लिख दिया है। घुरनपीर बाबा मजार के अगल-बगल भी सड़क का चौड़ीकरण हो जाएगा।

एनएच की तर्ज पर पथ निर्माण विभाग शहरी क्षेत्र की सड़क पर घुरनपीर बाबा चौक से सराय तक सड़क पर रोड साइनर, कैट्स आई और स्प्रिंग कोस्ट लगाएगा। इसके अलावा सुन्दरवती कॉलेज से ईशाकचक शीतला स्थान तक भी कैट्स आई इत्यादि लगाए जाएंगे।

रविवार, 26 दिसंबर 2010

सिल्क सिटी अब कहलाएगा मिल्क सिटी

रूप कुमार, भागलपुर
अब भागलपुर की एक नई पहचान दूध उत्पादन के क्षेत्र में बन रही है। अंग क्षेत्र में दूध उत्पादन की बढ़ी संभावना को देखते हुए सुधा डेयरी ने सिल्क सिटी को मिल्क हब बनाने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत नए साल में दूध उत्पादन से लेकर समितियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। वर्ष 1994 में सुधा डेयरी की स्थापना भागलपुर में हुई थी।

अभी 40 हजार लीटर दूध की होती है खरीद

भागलपुर में हर दिन सुधा 40 हजार लीटर दूध की खरीद करती है। इसमें से 10 हजार लीटर शहरी क्षेत्र के बूथों को आपूर्ति कर शेष दूध को सूबे से बाहर अन्य जिलों में भेजे जाते हैं।

कहां-कहां भेजे जाते हैं दूध

दिल्ली में पांच हजार लीटर, बोकारो में दस हजार लीटर, जमशेदपुर में पांच हजार लीटर, सहरसा व सुपौल में आठ हजार लीटर, देवघर में डेढ़ हजार लीटर, दुमका-जामताड़ा डेढ़ हजार लीटर दूध यहां से भेजे जाते हैं।

26 हजार पशुपालक जुड़े हैं, टर्न ओवर तीस करोड़ का

सुधा डेयरी से फिलहाल भागलपुर, मुंगेर व बांका के 26 हजार पशुपालक 340 समितियों के माध्यम से जुड़े हुए हैं। पिछले साल के मुकाबले सुधा का टर्न ओवर 20 करोड़ से बढ़कर 30 करोड़ पहुंच गया है। नए साल में टर्न ओवर 40 करोड़ का रखा गया है।

क्या है प्लानिंग

सुधा ने 50 हजार लीटर दूध खरीदने की प्लानिंग की है। नए साल में सुधा समितियों की संख्या 434 करने जा रही है। सुधा ने मुंगेर, बांका में 15 व 10 हजार लीटर क्षमता के दुग्ध शीत गृह को स्थापित किया है। इसके अलावा संग्रामपुर, सजौर, मदहतपुर, झंडापुर व सोनवर्षा में पांच से दो हजार लीटर की क्षमता के शीतगृह के जरिए पशुपालकों को दूध स्टोर करने में मदद मिल रही है। इसके अलावा पीरपैंती में पांच हजार लीटर वाला शीत गृह 25 लाख की लागत से, शाहकुंड प्रखंड के अंबा गांव में 15 लाख की लागत से 1 हजार लीटर, रजौन के कटचातर में 15 लाख की लागत से 1 हजार लीटर, मुंगेर के रामपुर में इतने ही लाख से 1 लाख हजार लीटर व बांका जिले में दो स्थानों पर 25 -25 लाख की लागत से 5-5 हजार लीटर की क्षमता के दो शीतगृह बनाए जाएंगे। किसानों को समितियों के माध्यम से दूध की राशि का भुगतान करने के बदले उन्हें जल्द ही एटीएम द्वारा राशि पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है।

क्या कहते हैं अधिकारी

भागलपुर: सुधा के प्रबंध निदेशक पीके. वर्मा ने बताया कि भागलपुर को मिल्क हब बनाने के लिए सुधा ने योजना बनाई है। सुधा की योजना है 2015 तक हर गांव में दुग्ध उत्पादन सहकारी समिति का गठन हो। डेयरी में किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए ट्रेनिंग सेंटर बनाया जाएगा। इसके अलावा पशुओं के पौष्टिक आहार के लिए सुधा प्लांट की भी स्थापना की जाएगी। झारखंड के अलावा दिल्ली को दूध भेजने के बाद अब सुधा के द्वारा गुवाहटी को दूध भेजने की योजना है। जरूरत पड़ने पर सुधा के बूथ गांवों में भी खुलेंगे।

टैक्ट्रर के दस आवेदन स्वीकृत

भागलपुर। कृषि उपादान मेले में पॉवर टीलर का पॉवर देख किसान खुश हो गए। मेले में किसानों को करीब छह पॉवर टीलर उपलब्ध कराया गया।

विक्रेता सच्चिदानंद सिंह ने बताया कि पॉवर टीलर से किसानों को कई फायदे हैं। वे इससे जुताई के अलावा सिंचाई व रोशनी की व्यवस्था भी कर सकते हैं। इसके अलावा करीब 200 धातु कोठिला की भी बिक्री हुई। गटोर, रोटावेटर भी किसानों की चाहत बनी। प्रमुख गुलचरण मंडल ने बताया कि चैप कटर यानी कुट्टी काटने वाली मशीन नहीं मिलने से किसान निराश हुए।

जिला कृषि पदाधिकारी दिनेश प्रसाद सिंह ने बताया कि मेले में स्टेट बैंक व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा स्टॉल लगाकर दस किसानों का आवेदन ट्रैक्टर के लिए स्वीकृत किया गया है। जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. योगेन्द्र प्रसाद ने बताया कि पशुपालन विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल पर तीन दिनों मं करीब 200 किसानों की समस्या का समाधान नौ पशु चिकित्सकों द्वारा किया गया।

संयुक्त कृषि निदेशक वैद्यनाथ महतो, सहायक कृषि निदेशक नवीन कुमार, मो. नईमउद्दीन, सहायक कृषि पदाधिकारी ज्ञानचंद, जिला कृषि पदाधिकारी नरेन्द्र कुमार लोहानी, मिथलेश कुमार आदि मेले में मौजूद थे।

शनिवार, 25 दिसंबर 2010

यहां हल नहीं डंडे से होती है खेती

रूप कुमार, भागलपुर ।बालू से तेल निकालने की बात आपने लोकोक्ति के रूप में सुनी होगी। लेकिन सुविधा व संसाधन विहीन दियारा के किसान इसी बालू से तेल निकालकर अपनी किस्मत चमका रहे हैं। दियारा की इसी खेती ने वैज्ञानिकों को भी काफी प्रभावित किया है। गंगा नदी किनारे स्थित दियारा के किसान हर साल बाढ़ का पानी उतरते ही लाठी से घोंप कर मकई की बुआई करते हैं। लाठी ही उनके लिए हल का काम करती है। लाठी से किए छेद में मक्का का बीज डालकर मक्के की मुंहमांगी उपज लेते हैं। इस विधि से मक्के लगाकर प्रति हेक्टेयर 60 से 65 क्विंटल की उपज लेते हैं। खेती के इस तरीके की चर्चा सुन शनिवार को बीएयू के डीन एग्रीकल्चर सह प्राचार्य डॉ. अर्जुन प्रसाद सिंह के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस खेती का जायजा लिया। टीम में मक्का वैज्ञानिक डॉ. एस. एस. मंडल, डॉ. शंभु प्रसाद शामिल थे। मकई के लहलहाते पौधों ने वैज्ञानिकों को दिल जीत लिया। किसानों ने बताया कि दियारा में हर साल मक्के की खेती इसी घोंप पद्धति से की जाती है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि क्योंकि पानी उतरने के बाद जमीन में कीचड़ होता है। ऐसे में जुताई संभव नहीं है। सो, इस दलदली जमीन में वे लाठी से मकई को टोभते हैं। वैज्ञानिकों ने किसानों को सुझाव दिया की जिंक व फास्फोरस डालकर पौधों को और ताकत प्रदान कर सकते हैं। किसान नीरज साहू, उमाशंकर मंडल, खंतर मंडल आदि ने वैज्ञानिकों से कहा कि उन्हें वैज्ञानिकों का सहयोग मिले व मक्के के बाद खेती का कोई तरीका बताया जाए तो वे दियारे की जमीन को सोने का अंडा देने वाली मुर्गी बना सकते हैं। डीन एग्रीकल्चर डॉ. एपी सिंह ने किसानों को मकई के बाद बालू वाली मिट्टी में कद्दु, नेनुआ, खरबुज सहित लत्तर वाली अन्य सब्जियों की खेती करने की सलाह दी।

उद्योगों से चमकेगा भागलपुर

अशोक अनंत, भागलपुर । 2011 जिला में उद्योगों के लिए नया सवेरा लेकर आएगा। भले ही बरारी स्थिति औद्योगिक प्रांगण में चार दशक पूर्व लगी कई औद्योगिक इकाईयों की फैक्ट्रियों की मशीनों का शोर बंद हो गया हो लेकिन उन फैक्ट्रियों के स्थान पर अब नयी फैक्ट्रिया लगाने का सिलसिला प्रारंभ हो गया है। इसमें अहम् भूमिका बिहार औद्योगिक विकास प्राधिकार की है।

देखा जाय तो बरारी स्थित औद्योगिक प्रांगण में लगी तकरीबन दो दर्जन से ज्यादा छोटी-बड़ी इकाईयां धीरे-धीरे बंद हो गयी। बंद होने के कारणों में बैंक द्वारा असहयोग रवैया भी एक कारण है तो दूसरा विधि व्यवस्था में आयी गिरावट अथवा राज्य सरकार द्वारा उपेक्षा नीति आदि भी कारणों में शामिल हैं। वहीं शहर में स्थित स्पन सिल्क मिल और स्पीनिंग मिल वर्षो पहले बंद हो गए। यहां कार्यरत कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गयी है। इन मिलों को पुन: चालू करवाने के लिए भले ही राजनैतिक दलों ने आश्वासन दिए हो लेकिन इस दिशा में अबतक कोई भी पहल नहीं हो पायी।

अब बरारी स्थित औद्योगिक प्रांगण में नए सिरे से उद्योग स्थापित किए जा रहे हैं तो कहलगांव में नए उद्योगों के स्थापित करने की नई सूची है। जो बिहार औद्योगिक विकास प्राधिकार (बियाडा) के सौजन्य से फलीभूत होगा।

इकाईयां जो बंद हुई

बरारी स्थित औद्योगिक प्रांगण एवं निजी क्षेत्र में स्थापित माडर्न फूड इंडस्ट्रीज, काशी इस्पात, अरुण केमिकल, बिहार स्पन सिल्क मिल, विक्रमशिला सहकारिता सूत मिल, शिव शंकर फ्लावर मिल, शिवगौरी फ्लावर मिल, रामवंशी सिल्क मिल, उमा शंकर मिल सहित कई अन्य इकाईयां बंद हो गयी।

औद्योगिक प्रांगण में अब स्थापित की जा रही नई इकाईयां

बरारी स्थित औद्योगिक प्रागंण में बियाडा के सहयोग से अब तेजी से नई इकाईयों को स्थापित करने का सिलसिला प्रारंभ हो गया है। बियाडा के सहायक विकास पदाधिकारी राहुल कुमार के मुताबिक वर्ष 2006-7 से बियाडा के माध्यम से उद्योग लगाने के लिए उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जाने लगा है। इस क्रम में बरारी स्थित 51.3 एकड़ जमीन में 90 इकाईयां स्थापित की गयी हैं। इनमें से 23 इकाईयां उत्पादन में हैं तथा 50 निर्माणाधीन हैं। 17 इकाईयों के लिए जमीन आवंटित की जा रही है। उक्त प्रांगण में जोधानी फ्लावर मिल, मिनरल वाटर, रंग, तेल, प्लास्टिक का थैला, आईसक्रीम, टेक्सटाइल, पशु चारा आदि इकाईयां शामिल हैं।

कहलगांव में भी कई इकाईयां स्थापित होगी

राहुल कुमार के मुताबिक कहलगांव में भी हैंडलूम पार्क सहित कई इकाईयां स्थापित करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी हैं। उन्होंने बताया कि कहलगांव में बियाडा की 1020 एकड़ जमीन है। इसमें 515 एकड़ जमीन इकाईयों के स्थापित करने के लिए आवंटित की जा चुकी हैं। यहां अंग प्रदेश हैंडलूम पार्क, सीमेंट, बिस्कुट, चावल, फूड पार्क, एक हजार मेगावाट बिजली उत्पादन आदि इकाईयां स्थापित की जाएंगी।

उपेक्षा नीति के कारण बंद हुई इकाईयां

इधर इस्टर्न बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकूटधारी अग्रवाल का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा स्थापित बृहत औद्योगिक प्रांगण में पिछले शताब्दी के अंतिम चरण में निजी तथा सरकारी क्षेत्र की कई औद्योगिक इकाईयां स्थापित हुई थीं। भागलपुर क्षेत्र के कई सिल्क उत्पादक और निर्यातक गिरती विधि व्यवस्था और मूलभूत सुविधाओं के अभाव में इस क्षेत्र से पलायन कर अन्य राज्यों में चले गए। वहीं बैंक के असहयोग करने, सरकार की उपेक्षा एवं क्षेत्रीय औद्योगिक विकास प्राधिकार द्वारा उद्यमियों की समस्याओं के निदान की दिशा में अपनायी जा रही टालमटोल नीति तथा बिजली आपूर्ति की कमी आदि समस्याओं के कारण इकाईयां बंद हो गयी।

रविवार, 19 दिसंबर 2010

शुरू हो गई नए साल के स्वागत की तैयारी

नए साल आने में महज कुछ दिन शेष रह गए हैं। साल की समाप्ति नए साल की तैयारी करने की याद लोगों दिला रही है। सभी अपने-अपने स्तर से प्लानिंग बनाने में लग गए हैं। कोई ग्रीटिंग कार्ड की खरीदारी कर रहा तो कोई अपने दोस्तों के साथ दूर कहीं पिकनिक का मजा लेने का मन बना रहा है। शहर में नए साल को ले जहां कार्ड की दुकानें सज रही हैं, वहीं रेस्तरां को नए साल के स्वागत के लिए सजाया जा रहा है।

क्षेत्र में पिकनिक स्पॉट की बात करें तो वे यहां गिने चुने ही हैं। इसमें सबसे मुख्य स्थल सैंडिस कम्पाउंड -जय प्रकाश उद्यान ही है। इसके अलावा शहर में कई ऐसे स्थल है जहां आप नए साल का स्वागत पूरी गर्मजोशी से कर सकते हैं।

जय प्रकाश उद्यान

शहर के हृदय स्थल पर स्थित जय प्रकाश उद्यान सालों से नए साल पर गुलजार होता रहा है। इस साल भी यहां लोगों की व्यापक भीड़ लगेगी। यदि आप नए साल पर घूमकर कर सेलिब्रेट करना चाहते हैं तो उसके लिए यह स्थान उपयुक्त है। यदि आप अपने परिवार और शुभचिंतकों के साथ पिकनिक का मजा लेना चाहते हैं तो उसके लिए भी यह उपयुक्त है।

लाला लाजपत पार्क

शहर के मानिक सरकार चौक से पश्चिम में स्थित नवनिर्मित पार्क नए साल पर उत्साह मनाने का उपयुक्त जगह है। यहां का पार्क व झरना अतिथियों को अलग ही एहसास कराता है। पार्क के कैंपस में एक रेस्तरां है और बच्चों के लिए झूले की व्यस्था है।

महर्षि मेंहीं आश्रम, कुप्पा घाट

तिलकामांझी चौक से करीब डेढ़ किलोमीटर उत्तर स्थित महर्षि मेंहीं के आश्रम (कुप्पा घाट) में नए साल के मौके पर हजारों लोगों की भीड़ लगती है। यहां के पार्क और प्राकृतिक छटा अतिथियों के मन को प्रफुल्लित कर देता है। महर्षि मेंहीं और नवनिर्मित संतसेवी जी का समाधी स्थल काफी खूबसूरत है जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

बरारी वाटर व‌र्क्स, बरारी

तिलकामांझी-बाररी रोड में स्थित माउंट कार्मेल स्कूल से उत्तर हनुमान घाट के बगल में स्थित बरारी वाटर व‌र्क्स नए साल पर पिकनिक मानने व घूमने के लिए खूबसूरत जगहों में से एक है। यहां आने वाले अतिथियों को शहर के कोलाहल से दूर शांति का अनुभव होता है। गंगा किनारे स्थित यह स्थल लोगों को किसी पहाड़ी स्थल का अनुभव कराती है। अंग्रेज काल में बने वाटर व‌र्क्स अतिथियों को काफी पसंद आता है। यहां पर आप नौका से गंगा में नौका विहार का आनंद लेने जा सकते हैं। इसके लिए कुछ नावें भी लगी रहती हैं।

रविन्द्र भवन, भागलपुर विवि

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के बगल में स्थित रविन्द्र भवन (टिल्ला कोठी) पर नए साल के मौके पर घूमने आप जा सकते हैं। एक तो रविन्द्र भवन की बनावट देखने लायक है इसके अलावा इस स्थल की भौगोलिक स्थिति लोगों को विशेष रूप से आकर्षित करती है। यह दिखने वाला प्राकृतिक छटा बरबस लोगों को आकर्षित करता है।

शाहजंगी पीर स्थल

शहर के दक्षिणी हिस्से में स्थित शाहजंगी पीर स्थल पर नए साल पर काफी भीड़ लगती है। यहां आसपास के लोग पिकनिक मनाने आते हैं। शहजंगी में स्थित बड़ा तालाब स्थल की खूबसूरती को बढ़ता है।

बिहार कृषि विवि, सबौर

नवनिर्मित बिहार कृषि विवि, सबौर परिसर काफी समय से लोगों को आकर्षित करता रहा है। यहा हर साल नए साल पर भीड़ लगती है। इस बार यहां का परिसर बदला-बदला नजर आएगा। विवि बनने के बाद कई निर्माण कार्य हुए और चल रहे हैं। यह स्थल शहर से मात्र आठ किलोमीटर दूर कोलाहल रहित है।

दिगम्बर जैन मंदिर, नाथनगर

जैन धर्मावलंबियों का सिद्दक्षेत्र दिगम्बर जैन मंदिर में नए साल पर काफी भीड़ जमा होती है। धार्मिक रूप के अलावा यहां स्थित पार्क, पौराणिक सुरंग द्वार, मंदिर में नक्कासी देखने लायक है। यह आपको अनुशासन का विशेष अनुभव होगा। मंदिर प्रांगण में स्थित पार्क बहुत ही खूबसूरत है। इस पार्क में देखने लायक बहुत कुछ है।

महासभा का दूसरी बार विभाजन

अखिल भारतीय संतमत-सत्संग महासभा दूसरी बार रविवार को बंट गया।

सबौर स्थित महर्षि संतसेवी ध्यानयोग आश्रम में 'अखिल भारतीय संतमत महासभा' नाम से संगठन का गठन हुआ है। स्वामी आशुतोष 'गुरुस्नेही' इसके प्रधान महात्मा हैं। संगठन का केंद्रीय आश्रम सबौर स्थित

महर्षि संतसेवी ध्यानयोग आश्रम होगा। इसकी स्थापना पिछले वर्ष सबौर में स्वामी आशुतोष ' गुरुस्नेही ' ने की थी। स्वामी आशुतोष ने गत वर्ष विवादों के कारण कुप्पाघाट आश्रम छोड़ दिया था।

नवगठित 'अखिल भारतीय संतमत महासभा' के अधिकांश पदाधिकारी 'अखिल भारतीय संतमत-सत्संग महासभा में पहले पदाधिकारी रह चुके हैं। नवगठित संगठन में 'सत्संग' शब्द का प्रयोग नहीं है।

इसके अलावा कुप्पाघाट से प्रकाशित 'शांति संदेश' की तरह ध्यानयोग आश्रम से भी 'सदगुरु शांति संदेश ' मासिक पत्रिका का प्रकाशन शुरू हो गया है। पत्रिका के संबंध में स्वामी आशुतोष ने बताया कि पत्रिका का विधिवत पंजीयन भी हो गया है। पत्रिका को टीवीएल नंबर भी मिल गया है।

पूर्व में महर्षि मेंहीं बाबा के निधन के बाद शाही बाबा महासभा से अलग हो गए थे। उसके बाद स्वामी आशुतोष ने अलग होकर अपना संगठन बनाया है।

वहीं रविवार को ध्यानयोग आश्रम में आयोजित बैठक में सर्वसम्मति से अखिल भारतीय संतमत महासभा की स्थाई कमेटी का गठन किया गया। इसमें सर्वसम्मति से मुख्य संरक्षक गजानंद तुलस्यान (रांची), संरक्षक विरंची प्रसार सिंह (खगड़िया), अध्यक्ष सच्च्चदानंद (रांची), उपाध्यक्ष गोकर्णजी (भागलपुर) और कैलाश प्रसाद अग्रवाल, महामंत्री अजेन्द्रपति त्रिपाठी (बक्सर),मंत्री राम लखन यादव (मायागंज) और राजकुमार भुवानिया, प्रचार मंत्री दिलबर प्रसाद गुप्ता (भागलपुर),कोषाध्यक्ष इं.गोविंद मेहता और अंकेकक्षण प्रकाश प्राण (सुपौल) का चुनाव किया गया। इसके अलावा 20 सदस्यों की कार्यकारिणी भी गठित की गई है। बैठक में निर्णय लिया गया कि साधकों के लिए हर साल एक माह का ध्यान योग शिविर का आयोजन होगा, जिलों में संतमत का जिलाधिवेशन होगा, सदगुरु शांति संदेश पत्रिका का सभी सदस्य अपने क्षेत्र में प्रचार-प्रसार करेंगे इसके अलावा आश्रम के संचालन के कई बड़े-छोटे निर्णय लिए गए। बैठक की अध्यक्षता सच्चिदानंद सिंह ने की और संचालन प्रकाश प्राण ने किया।

शनिवार, 18 दिसंबर 2010

फार्म भरने की तिथि घोषित

एलएलएम पार्ट वन एवं एलएलएम पार्ट टू परीक्षा 2010 के फार्म भरने की तिथि घोषित कर दी गई है। दोनों पार्ट के लिए परीक्षा फार्म भरने की तिथि 20 दिसंबर से 23 दिसंबर तक बिना दंड शुल्क के एवं 24 दिसंबर को दंड शुल्क के साथ फार्म भरा जाएगा। वहीं, तीन वर्षीय एलएलबी पार्ट वन के फ‌र्स्ट सेमेस्टर एवं पांच वर्षीय लॉ डिग्री कोर्स 2011 का परीक्षा फार्म 20 से 24 दिसंबर तक बिना दंड शुल्क के एवं 25 एवं 26 को दंड शुल्क के साथ फार्म भरा जाएगा।

आयुर्वेद महाविद्यालय में चालू होगा छात्रों का नामांकन : चौबे

स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि आयुर्वेद महाविद्यालय में शीघ्र ही नामांकन चालू हो इसके लिए वे भरपूर प्रयास करेंगे। महाविद्यालय के जीर्णोद्धार के लिए एक करोड़ रुपये से अधिक राशि आवंटित कर दी गई है। शनिवार को नाथनगर स्थित अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने महाविद्यालय के कर्मचारियों को आश्वासन देते हुए उक्त बातें कहीं।

चौबे ने कहा कि नाथनगर सहित राज्य के अन्य बंद आयुर्वेद महाविद्यालय को भी पुन: चालू कराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। आप लोग (कर्मचारियों) के भी दिन बहुरने वाले हैं, इंतजार कीजिए। चिकित्सकों एवं शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पद स्वीकृत किए जाएंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दे दी है। सेवानिवृत शिक्षकों की भी बहाली की जाएगी।

महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य एवं कर्मचारियों द्वारा यह जानकारी देने पर कि महाविद्यालय की जमीन हड़पने की साजिश की जा रही है, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। प्रभारी प्राचार्य डॉ. पवन वर्मा ने बताया जमीन हड़पने के चार मामले न्यायालय में चल रहे हैं।

2004-5 सत्र से नामांकन बंद

नाथनगर स्थित आयुर्वेदिक महाविद्यालय अस्पताल 1946 में प्रारंभ हुआ था। सरकार ने 1985 में अधिग्रहण किया। यहां कई विभागों की पढ़ाई होती थी। तब कई प्रकार की दवाएं भी मरीजों को दी जाती थीं। वर्तमान में प्रतिवर्ष मात्र 60 हजार रुपये दवा मद में आवंटित किए जाते हैं। 2004-05 से छात्रों के नामांकन पर सरकार ने रोक लगा दी। मात्र चार छात्र बचे हैं, जो अंतिम वर्ष में हैं।

जीर्णोद्धार की राशि है या वर्ष 2011-12 का बजट?

शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री अश्रि्वनी कुमार चौबे ने कहा कि महाविद्यालय के जीर्णोद्धार के लिए एक करोड़ से ज्यादा राशि की स्वीकृति दी गई है। हालांकि महाविद्यालय सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2011-12 के लिए सरकार द्वारा बजट की मांग की गई थी। सो, एक करोड़ 26 लाख रुपये का बजट बनाकर भेजा गया है। इसमें शिक्षक व कर्मचारियों के वेतन के अलावा अन्य राशि भी शामिल है। अब आवंटित राशि से महाविद्यालय का जीर्णोद्धार होगा या वेतन आदि दिए जाएंगे। यह तो महाविद्यालय प्रशासन या स्वास्थ्य मंत्री ही बेहतर जानते होंगे।

मंगलवार, 7 दिसंबर 2010

कोरियर से प्रतिस्पर्धा के लिए पोस्ट ऑफिस तैयार

डाक विभाग निजी कोरियर कंपनियों से प्रतिस्पर्धा के लिए पूरी तरह तैयार हो रहा है। विभाग ने स्पीड पोस्ट सेवा को बेहतर बनाने के लिए अपने को अपडेट करना शुरू कर दिया है। इसके लिए बिहार के तीन शहरों पटना, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में स्पीड पोस्ट हब सेंटर बनाया गया है। हब सेंटर बनने से पहले जहां स्पीड पोस्ट डिलीवरी में पांच से आठ दिनों का समय लग जाता था, अब 72 घंटों में ही डिलेवरी हो जाएगी।

डाक अधीक्षक आरएन मिश्रा ने बताया कि पिछले एक पखवारे से 'स्पीड पोस्ट हब सेंटर' कार्य करना शुरू कर दिया है। यहां प्रतिदिन औसतन पांच से सात हजार स्पीड पोस्ट आ रहे हैं। उसी दिन स्पीड पोस्ट को स्कैन कर विभिन्न सेंटरों को भेज दिया जाता है। भागलपुर से पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, पाकुड़ और साहिबगंज सहित अन्य सेंटरों पर स्पीड पोस्ट का पैकेट भेजा जाता है।

भागलपुर में स्कैन होने से ग्राहक इंटरनेट पर अपने स्पीड पोस्ट का टेक एंड ट्रेस ले सकेंगे। सेवा को सुचारू रूप से चलाने के लिए अतिरिक्त कर्मचारी भी लगाए गए हैं।

शुक्रवार, 3 दिसंबर 2010

भागलपुरी दूध पर आया दिल्ली का दिल

बिहार के बदलाव में दूध भी शामिल हो गया है। राष्ट्रीय राजधानी में दिहाड़ी, पढ़ाई व पत्रकारिता के क्षेत्र में परचम फहराने के बाद बिहारी दूध ने भी दिल्ली वालों को अपना मुरीद बना लिया है।

बाढ़ के कारण जब दिल्ली को पंजाब, हरियाणा से होने वाली दूध की आपूर्ति घटी तो वहां की डेयरी ने बिहार से दूध की मांग की। बिहार में भी भागलपुर डेयरी की दूध ने तो सब का दिल जीत लिया है। प्रयोग के तौर पर यहां से एक पखवाड़े के अंदर 40 हजार लीटर दूध दो टैंकर द्वारा भेजा गया। शुद्धता व मिठास से युक्त दूध की मांग इतनी बढ़ी की दिल्ली डेयरी ने अब हर रोज भागलपुर की सुधा डेयरी से 15 हजार लीटर दूध की मांग की है। फिलहाल दिल्ली डेयरी की इस मांग को पूरा करने के लिए यहां टैंकर का टोटा हो गया है। बुधवार को 16 हजार लीटर क्षमता वाले टैंकर में दूध की तीसरी खेप भेजी गई है। दिल्ली को दूध भेजने में शुद्धता को लेकर सुधा डेयरी बड़ी सावधानी बरत रही है। दियारा के दूध के बदले नवगछिया, बिहपुर, सजौर, सुल्तानगंज, गौराडीह, सजौर के इलाके का दूध डेयरी में विशेष रूप से इकट्ठा करने के बाद उसे और भी शुद्ध बनाया जाता है। दिल्ली में दूध का बड़ा बाजार उपलब्ध होने के बाद सुधा की स्थानीय डेयरी ने दिल्ली डेयरी से इसका वेंडर निबंधन भी करा लिया है। दिल्ली डेयरी के पैकिंग स्टेशन के रूप में भागलपुर की डेयरी शामिल हो गई है।

सुधा डेयरी के प्रबंधक पीके.वर्मा के निर्देश पर उपप्रबंधक अशोक पांडे की निगरानी में दिल्ली भेजे जाने वाले दूध को तैयार किया जाता है। उपप्रबंधक ने बताया कि दिल्ली भेजे जाने वाले दूध में सेल्फ लाइफ बहुत जरूरी है। इसलिए दूध को पहले दो से तीन डिग्री पर ठंडा कर उसे थर्मस की तकनीक पर आधारित टैंकर में स्टोर किया जाता है। टैंकर को दिल्ली पहुंचने में तीन दिन का समय लगता है। वहां छह डिग्री तापक्रम पर दूध को उतारा जाता है। दिल्ली के लिए एकत्रित दूध को 60 डिग्री पर उच्च श्रेणी की टेस्ट से गुजरना पड़ता है। दिल्ली की मांग को पूरा करने के लिए फिलहाल यहां सात टैंकर की जरूरत है। लेकिन महज एक टैंकर के कारण परेशानी हो रही है। ऐसे में सुधा डेयरी का टर्न ओवर इस साल 20 करोड़ से बढ़कर 30 करोड़ तक पहुंच गया है। वर्ष 11 तक इसे 40 करोड़ करने की योजना है।

क्या कहते हैं अधिकारी

सुधा डेयरी के प्रबंधक पीके. वर्मा का कहना है भागलपुर के गांवों का दूध दिल्ली में काफी पसंद किया जा रहा है। किसानों के लिए यह गौरव की बात है कि उनकी दूध राजधानी में हाथो-हाथ बिक रही है। पशुपालकों के लिए दिल्ली के रूप में दूध का एक बड़ा बाजार मिला है। आने वाले समय में यहां का दूध गुवाहटी भी भेजने की योजना है। भागलपुर को बिहार में मिल्क हब के रूप में विकसित करने की योजना पर सुधा कार्य कर रहा है।

आनंद विहार तक चलने लगी विक्रमशिला एक्सप्रेस

भागलपुर से प्रदेश के राजधानी तक के नेताओं, बड़े-बड़े व्यापारियों व व्यापारिक संगठनों के जोरदार विरोध भी रेल मंत्रालय के निर्णय को नहीं बदल सका। आखिरकार रेल मंत्रालय के निर्णय के अनुसार भागलपुर-नयी दिल्ली विक्रमशिला एक्सप्रेस नयी दिल्ली की बजाए एक दिसंबर से करीब दस किमी पहले आनंद विहार स्टेशन तक ही चलने लगी है।

रेलवे के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एक दिसंबर से आरक्षण केन्द्र के कंप्यूटरों में भी नई दिल्ली की जगह आनंद विहार फिड कर दिया गया है। टिकट में भी अब आनंद विहार ही प्रिंट होता है। परिचालन समय में परिवर्तन नहीं किया गया है। वहीं रेलवे के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विक्रमशिला एक्सप्रेस के बाद फरक्का एक्सप्रेस को भी अब आनंद विहार स्टेशन तक चलाने की योजना है। सूत्रों ने बताया कि नई दिल्ली स्टेशन में गाड़ियों की संख्या काफी होने से प्लेटफॉर्म पर लगाने तथा यात्रियों की भीड़ को देखते हुए ही विक्रमशिला एक्सप्रेस सहित पूर्व रेलवे की कई महत्वपूर्ण ट्रेनें नई दिल्ली के बदले आनंद विहार स्टेशन तक चलाई जाएंगी। वहीं मुंबई की अधिकतर ट्रेनों को हजरत निजामउद्दीन स्टेशन कर दिया गया है। विक्रमशिला एक्स. मंगलवार से दो कोच और बढ़ने के बाद भी इस ट्रेन में प्रतिक्षा सूची में खास कमी नहीं आ पाई है।

प्रमंडलीय व जिला कार्यालय के लिए जमीन की तलाश

भागलपुर जिला प्रशासन ने प्रमंडलीय व जिला कार्यालय के लिए शहरी क्षेत्र से दूर जमीन की तलाश शुरू कर दी है। सरकार के निर्देश पर संभावित जमीन की तलाश की जा रही है। सरकार ने 50 एकड़ जमीन की तलाशी करने का निर्देश दिया है।

सरकार के निर्देश पर अति संक्षिप्त निरीक्षण में स्थानीय अधिकारियों को सबौर, जगदीशपुर और अमरपुर मार्ग में 50 एकड़ जमीन का पता चला है। ये सभी रैयती जमीन हैं। जमीन के अधिग्रहण में अनुमानित लागत करीब 11 करोड़ रुपये आएगी। जिस रैयत से जमीन ली जाएगी, उन्हें सवा दो गुणा अधिक मुआवजा मिलेगा।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट के फैसले के बाद सभी जिला पदाधिकारियों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई थी। रिपोर्ट में जिला प्रशासन को यह बताना था कि 50 एकड़ जमीन अधिग्रहण में अनुमानित लागत कितनी आएगी। इसके आधार पर तत्काल प्रारंभिक रिपोर्ट भेज दी गई है।

नियुक्ति की मांग को लेकर अनुकंपा आश्रितों ने दिया धरना

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के अनुकंपा समन्वय समिति के तत्वावधान में नियुक्ति की मांग को लेकर गुरुवार को विवि प्रशासनिक भवन के सामने अनुकंपा आश्रितों ने धरना दिया। दोपहर बाद प्रति कुलपति डॉ. धु्रव कुमार के आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ। इस सबंध में समिति के सचिव प्रभु नारायण मंडल ने बताया कि उनलोगों को प्रति कुलपति ने आश्वासन दिया है कि 26 जनवरी तक का समय दें, उसके बाद उनलोगों की मांगो को पूरा कर दिया जाएगा। धरना में संजय कुमार, प्रभु नारायण मंडल, जीवन राम, अश्रि्वनी कुमार, रंजीत कुमार सिन्हा, संजीव कुमार मिश्रा, अमरदेव झा, दिलीप झा, मिहिर कांत झा, श्रवण कुमार, लडडु सिंह, सुरेश चौधरी, संजय कुमार, गोपाल कुमार आदि शामिल थे।

मक्के के नए मर्ज ने लिया जन्म

मक्के में दाना नहीं लगने की शिकायत के बाद मुनाफेदार मक्के की खेती करने वाले किसानों की मुश्किलें एक नई बीमारी ने बढ़ा दी है। दरअसल मक्के को पहली बार जीवाणु जनित रोग का ग्रहण लगा है। जीवाणु जनित बीमारी मक्के में पहले नहीं होती थी। लेकिन हाल ही में इस रोग के फैलने के कारण मक्के के पौधे में भी गलन की शिकायत मिलने लगी है।

दरअसल इस बीमारी के कारण जड़ से ऊपर का हिस्सा भी गलने लगता है। तना यानी कल्ला भी सड़ जाता है। सड़ा कल्ला सड़ी मछली जैसी बदबू करता है। भागलपुर जिले में इस बीमारी ने पहली बार अपना पंजा फैलाया है। कृषि विभाग के वैज्ञानिक भी इस रोग से चिंतित हो उठे हैं। रोग के निदान का प्रयास किया जा रहा है। पौधा संरक्षण विभाग को हाल ही में मक्के में लगने वाली इस बीमारी का पता चला है। खरीफ सीजन में नवगछिया अनुमंडल के भवानीपुर गांव के दिनेश यादव व झंगली रजक के मक्के के खेत में इस बीमारी को पाया गया। पहले तो किसानों ने अपने स्तर से खाद विक्रेताओं से कीटनाशक लेकर रोग को खत्म करने का प्रयास किया। जब मक्के का मर्ज बढ़ता ही गया तो किसानों ने इसकी सूचना कनीय पौधा संरक्षण विभाग को दी। नवगछिया के पौधा संरक्षण पर्यवेक्षक राजकुमार ने खेत का निरीक्षण कर इस बीमारी की जांच की। उन्होंने किसानों को ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव की सलाह दी। लेकिन इससे भी रोग नहीं खत्म हुआ। आलम यह है कि खेत में लगे करीब 60 फीसदी मक्का पूरी तरह बीमारी की भेंट चढ़ गया। कनीय पौधा संरक्षण विभाग के वैज्ञानिक सतीश चंद्र झा ने बताया कि मक्के में पहले फुफूंदनाशी या फिर कीट से बीमारी होती थी। लेकिन इस बार जीवाणु जनित बीमारी हुई है। मक्के की बीमारी रबी सीजन में न हो इसके लिए किसानों को पौधा संरक्षण विभाग द्वारा सलाह दी गई है वे मक्के की बुआई में निर्धारित दूरी का पालन करें। इसके अलावा सूर्य की रोशनी व हवा के लिए मक्के के खेत में पर्याप्त व्यवस्था करें। बुआई के पूर्व मक्के के बीज को उपचारित करें। मिट्टी की जांच कराना भी आवश्यक है। श्री झा ने बताया कि मक्के की नई बीमारी को देखते हुए इससे निबटने के लिए इस बार नजर रखी जाएगी। बीमारी की वजह मक्के की बुआई में दूरी का पालन नहीं करना भी है। अगर इस बार भी मक्के में ऐसी बीमारी पाई गई तो बीएयू के वैज्ञानिकों की मदद लेकर किसानों को नुकसान से बचाया जाएगा। विभाग का कहना है कि अगर मक्के में ऐसी बीमारी लगे तो तत्काल छोटे पौधों को खेत में ही दफन कर देना चाहिए। यह बीमारी एक पौधे से दूसरे पौधे में पकड़ती है।

बिटिया की डोली पर भी मंहगाई की मार

हाय रे मंहगाई। बाबुल के हजारो सपने। बिटिया के लाखों अरमान। सगे-संबंधियों की करोड़ों ख्वाहिशें। इन अरमानों व ख्वाहिशों के बीच आज कोई भी मंहगाई की मार से बच नहीं पाया है। मंहगाई ने लोगों के सपनों के महल में सेंध लगाकर उनके अरमानों को लूटा है। तभी तो आज घरों में सजे मंडपों की जगह मंदिरों व न्यायालयों में सात जन्मों तक साथ रहने की कसमें खाने के प्रचलन में बेतहाशा वृद्धि हो गई है।

बूढ़ानाथ मंदिर के प्रबंधक बाल्मिकी कुमार सिंह की मानें तो अब ज्यादा आय वाले लोग भी पहाड़ सरीखे हो चले शादी के खर्चो से बचने के लिए मंदिरों में बेटे-बेटियों की शादी करते हैं। वे कहते हैं कि आडंबरों से भरे समाज में इस बढ़ते प्रचलन ने एक नए सोच का संचार किया है। मंदिरों व कोर्ट में शादी कर लोग दहेज जैसी कुप्रथाओं से भी समाज को बचाने का काम करते हैं। बाल्मिकी सिंह बताते हैं कि मंदिरों में शादियां एक हजार के खर्चे में संपन्न हो जाती हैं। वहीं घर से शादी करने का मतलब है लाखों का खर्चा। उन्होंने बताया कि चालू वर्ष में बूढ़ानाथ मंदिर से अब तक 600 से अधिक शादियां हो चुकी हैं।' श्री सिंह की बात में हमारे समाज की कड़वी सच्चाई है। लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि कहीं न कहीं पिता के चेहरों पर घर से बेटी विदा न कर पाने का मलाल तो रह ही जाता है। स्वरूप लाल बताते हैं कि 'सभी माता-पिता बेटियों की शादी धूमधाम से करना चाहते हैं। लेकिन कई मध्यम व निम्नवर्गीय परिवार आज लाखों का बोझ नहीं उठा पाते हैं। खोखले स्वाभिमान से ग्रस्त होकर व कर्ज लेकर बेटियों की शादी करने के पहले लोग अब दो बार सोचते हैं। क्योंकि उन्हें कर्ज चुकाना भी पड़ता है। फिर अच्छा घर-वर मिले तो आपसी सामंजस्य से फिजूल खर्ची से बचा जा सकता है।

गुरुवार, 2 दिसंबर 2010

आधा दर्जन कॉलेजों के प्राचार्यो का हुआ तबादला

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. केएन दुबे ने आधा दर्जन कॉलेजों के प्राचार्यो का तबादला कर दिया है। बुधवार को इस आशय की अधिसूचना विवि प्रशासन ने जारी कर दी है।

आरडी एण्ड डीजे कालेज से डॉ. आरपीसी वर्मा का तबादला एसएसवी कॉलेज कहलगांव कर दिया है। वहीं एसएसवी कॉलेज कहलगांव से डॉ. रामवचन सिंह का केएमडी कॉलेज परबत्ता, कोशी कॉलेज खगड़िया से डॉ. जर्नादन शर्मा का आरडीएण्ड डीजे कॉलेज मुंगेर, एसएम कॉलेज में वर्तमान समय में पदस्थापित डॉ. कुमकुम सिंह का महिला कॉलेज खगड़िया, महिला कॉलेज खगड़िया से डॉ. अर्चना साह का एमएएम कॉलेज नवगछिया, डीएसएम कॉलेज झाझा से डॉ. रामकुमार मंडल का बीआरएम कॉलेज मुंगेर कर दिया गया। वहीं डीएसएम कॉलेज झाझा में प्रकाश झा को प्रभारी प्राचार्य एवं डॉ. शंकर लाल तुलसियान को कोशी कॉलेज खगड़िया का प्रभारी प्राचार्य बनाया गया है।

जहर पी बचा रहे है जिंदगी

जल ही जीवन है, यह बात जग जाहिर है। इसी मान्यता और जरूरत की वजह से जो भी जल मिलता है उसे पीना ही पड़ता है। वह भी बिना सोचे कि यह जल जहर है या अमृत। जब कि हर जगह जल को अमृत ही बताया गया है। फिर भी गंगा पार नवगछिया के लोग अमृत रूपी जहरीले जल को ही वर्षो से पीकर अपनी जिंदगी बचा रहे हैं। नवगछिया का इलाका चाहे वह कचहरी परिसर हो या जेल परिसर, या फिर नवगछिया शहर सब के सब पी रहे है जहर। यहां के जल में आयरन, फ्लोराइड एवं आर्सेनिक जैसे पदार्थ प्रचुर मात्रा में मौजूद है। जिसकी वजह से इस क्षेत्र के अधिकांश लोग गैसट्रिक, मस्तिष्क ज्वर, मानसिक थकान, दांत में कालापन, अल्प शरीरिक विकास, बौनापन, दुर्बलता के साथ-साथ चर्मरोगों से भी ग्रसित है। इसके अलावा ब‌र्त्तनों के साथ साथ कपड़े पीला होना, खाना पकाने में देर लगना, पानी से कभी-कभी दुर्गन्ध आना, ट्यूबेल पाईप का जल्द क्षतिग्रस्त होना जैसी समस्याएं तो इस क्षेत्र में आम हो चुकी है। इन सभी समस्याओं की जानकारी स्थानीय पदाधिकारियों को भी बखूबी है। तभी तो नवगछिया के अधिकांश पदाधिकारी अपने फिल्टर का पानी हमेशा साथ रखते है। खुद तो वही जल पीते है पर औरों को जहर घुला जल ही पिलवाते है। कचहरी परिसर, जेल परिसर तथा शहर में लोक स्वास्थ्य विभाग द्वारा वर्षों से बोरिंग से की जा रही जलापूर्ति में भी यही जहर घुला है। जिसका आम लोगों को उपयोग करना मजबूरी है। साधन संपन्न चुनिंदा लोगों ने तो एक्वागार्ड और फिल्टर लगा लिया है जो आम लोगों के बस की बात कहां। ये तो सरकार के भरोसे होने वाली व्यवस्था का इंतजार कर रहे है।

पाश्चात्य संस्कृति में गुम हो गई पालकी की परंपरा

बीते जमाने कि बात है जब कोई शादी करने जाता था तो उसे पालकी में बैठाकर ले जाया जाता था और शादी करके दुल्हन को भी उसी पालकी में दुल्हे के साथ बैठाकर लाया जाता था और पालकी को उठाने के लिये कहार भी होते थे। परन्तु आधुनिकता के इस दौर में पालकी का रिवाज समाप्त हो गया है। अब इसकी जगह मोटर कार ने ले ली है। कहते हैं कि पालकी के लिये कहार जाति के लोग हुआ करते थे जो पालकी भाड़ा पर लगाते थे और लगन के समय में इनकी खूब कमाई होती थी। इतना ही नहीं पालकी भी कई प्रकार के होते थे कुछ सामान्य दर्जे के होते थे तो कुछ अव्वल दर्जे के। शादी के अवसर पर जैसी पालकी की मांग कि जाती थी कहार वैसा मुहैया कराते थे। कुछ संपन्न घराने के लोग अपनी पालकी भी रखते थे जिसे ले जाने के लिये कहार को ही बुलाया जाता था। परन्तु आजकल पालकी सिर्फ फिल्म में ही देखे जाते हैं। पालकी कि परंपरा समाप्त होने से कहार जाति के लोग भी बेरोजगार हो गये है और रोजगार कि तलाश में अन्यत्र पलायन कर रहे हैं। पालकी के व्यवसाय से ही उसके परिवार का भरण-पोषण होता था। कहार जाति के वयोवृद्ध उमेश सिंह बताते है कि पालकी का निर्माण आकर्षक साज-सज्जा के साथ किया जाता था। पालकी उठाने के लिये दोनों तरफ मोटा बांस होता था और चकोर आकार की पालकी बनी होती थी जिसमें एक दरवाजा होता था। पालकी ले जाने के क्रम में जब कहार थक जाते थे तो पालकी को डंडे पर खड़ा किया जाता था उसे नीचे रखने की परंपरा नहीं थी।

मनरेगा के छह कार्यक्रम पदाधिकारियों का पदस्थापन

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम (मनरेगा) के संचालन के लिए छह नए कार्यक्रम पदाधिकारियों का पदस्थापन किया गया है तथा तीन के कार्यक्षेत्र बदले गए हैं।

नीरज कुमार को पीरपैंती में तथा धर्मेन्द्र कुमार को गोपालपुर से सन्हौला प्रखंड में पदस्थापित किया गया है। नवनियुक्त कुमार मनीष को जगदीशपुर भेजा गया है। इम्तियाजुल हक को सबौर से बदल कर गौराडीह में पदस्थापित किया गया है। नवनियुक्त बनीला निशात राईन को सबौर तथा राजीव कुमार सिंह का पदस्थापन सुल्तानगंज में किया गया है। नवनियुक्त संजय कुमार ठाकुर को नाथनगर का कार्यक्रम पदाधिकारी बनाया गया है। जितेन्द्र कुमार को शाहकुंड व अमित कुमार को सन्हौला से नवगछिया प्रखंड में पदस्थापित किया गया है। नवनियुक्त हंसराज कुमार को खरीक, रंजन कुमार रत्नाकर को रंगरा तथा रमणीकांत सूरज को नारायणपुर भेजा गया है। नीरज कुमार ठाकुर को बिहपुर, शशिकांत शास्त्री को जगदीशपुर से गोपालपुर भेजा गया है। संजय कुमार झा को कहलगांव तथा कविता कुमारी को इस्माइलपुर में ही रखा गया है। उप विकास आयुक्त ने सभी कार्यक्रम पदाधिकारियों से छह तक योगदान और प्रभार लेने का निर्देश दिया है।

ग्रामीण विकास विभाग पिछले तीन महीने से मनरेगा के कार्यों की समीक्षा कर रहा है। समीक्षा में यह पाया गया है कि अधिकतर कार्यक्रम पदाधिकारी अपने कार्यों में शिथिलता बरत रहे हैं। परिणामस्वरूप धरातल पर कार्य नहीं दिख रहा है। हाल ही में दो दर्जन पंचायत रोजगार सेवकों को इसी आधार पर हटाया गया है। कार्यक्रम पदाधिकारियों के स्थानांतरण और पदस्थापन से यह उम्मीद जताई गई है कि कार्य में सुधार होगा।

गांवों के लिए रवाना हुआ कृषि विकास रथ

डीआरडीए परिसर से गुरुवार को डीएम राहुल सिंह ने कृषि विकास रथ को गांवों के लिए रवाना किया। इस रथ पर कृषि विकास से जुड़ी सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार का जिम्मा है। रथ को पटना में तैयार किया गया है।

डीएम ने रथ रवानगी के बाद विभिन्न प्रखंडों में आयोजित होने वाले कृषि विकास उत्सव की भी समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों को हर संभव सहायता विकास उत्सव में मिलनी चाहिए। इस मौके पर डीडीसी गजानंद मिश्रा, जिला कृषि पदाधिकारी दिनेश प्रसाद सिंह, आत्मा के परियोजना निदेशक संजय कुमार सिंह, कनीय पौधा संरक्षण पदाधिकारी सतीशचंद्र झा के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे। कृषि विकास उत्सव के प्रथम दिन पीरपैंती व कहलगांव प्रखंड में आयोजित कार्यक्रम में महोत्सव सा माहौल रहा। जिला कृषि पदाधिकारी व आत्मा के परियोजना निदेशक को विकास उत्सव की निगरानी की जिम्मेवारी दी गई है। विकास उत्सव में किसानों को जैविक खेती, कृषि अभियंत्रण, मधुमक्खी पालन, मछली पालन, पशुपालन सहित कृषि के विभिन्न आयाम की विस्तार पूर्वक जानकारी मिलेगी। किसानों की खेती संबंधी समस्याओं के निदान के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम बनाई गई है। टीम में बीएयू के वैज्ञानिक डॉ. एस. एन. राय, डॉ. मिथिलेश कुमार, डॉ. वीरेन्द्र कुमार, ईं. पंकज, डॉ. ममता कुमारी, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. विनय कुमार को शामिल किया गया है। कनीय पौधा संरक्षण पदाधिकारी सतीश चंद्र झा ने बताया कि पौधा संरक्षण विभाग के कुल 17 कर्मचारियों की तैनाती आयोजित विकास उत्सव को लेकर विभिन्न प्रखंडों में की गई है। विकास उत्सव की सफलता के लिए 29 नवंबर को आत्मा कार्यालय में आत्मा प्रबंध समिति की बैठक परियोजना निदेशक संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी। बैठक में सहायक निदेशक गन्ना रमेश प्रसाद राउत, सचिव उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह, डीएचओ ध्रुव कुमार झा, प्राचार्य डॉ. अर्जुन प्रसाद सिंह, कार्यक्रम समन्वयक केवीके डॉ. विनोद कुमार, जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. योगेन्द्र प्रसाद सहित प्रबंध समिति के अन्य सदस्यों ने भाग लेते हुए विकास उत्सव में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

शुक्रवार, 26 नवंबर 2010

तापमान में आयेगी गिरावट बढे़गी ठंड

पूसा। राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय मौसम पूर्वानुमान के अनुसार मौसम साफ एवं शुष्क रहेगी, वहीं अगले पांच दिनों के अन्दर तापमान में पांच डिग्री की गिरावट आयेगी। नवंबर के अंतिम सप्ताह से ठंड का बढ़ना प्रारंभ हो जाएगा। इसकी जानकारी मौसम वैज्ञानिक डा. ए. के सत्तार ने दी है। उन्होंने बताया कि वर्तमान तापमान गेहूं व आलू बुआई के लिए काफी उपयुक्त है। उन्होंने बताया कि खेत में नमी की कमी है तो हल्की सिंचाई कर गेहूं की बुआई करे। आकाश में हल्के बादल छाये रहेंगे लेकिन 30 नवंबर तक वर्षो की संभावना नहीं है। वर्तमान में अधिकतम तापमान 25 डिग्री से 26 डिग्री है वहीं न्यूनतम तापमान 15 डिग्री से 16 डिग्री चल रही है। जिसमें 30 दिसंबर तक गिरावट होगी। उन्होंन बताया कि सात से पन्द्रह किलोमीटर की रफ्तार से पछुआ हवा भी चलेगी।

14 पीआरएस सहित नवगछिया के कार्यक्रम पदाधिकारी बर्खास्त

शुक्रवार को जिला पदाधिकारी राहुल सिंह ने अलग-अलग आदेश जारी कर नवगछिया के कार्यक्रम पदाधिकारी सहित 14 पंचायत रोजगार सेवकों को बर्खास्त कर दिया है।

वित्तीय अनियमितता के आरोप में डीएम ने मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी अबू बसर और पकड़ा पंचायत के पंचायत रोजगार सेवक को बर्खास्त करते हुए इस पंचायत के मुखिया के निलंबन का प्रस्ताव पंचायती राज विभाग को भेजने का आदेश दिया है। इस पंचायत के पीआरएस, मुखिया व कनीय अभियंता पर प्राथमिकी भी दर्ज होगी। उधर, एक अन्य आदेश में मनरेगा की विभिन्न योजनाओं में न्यूनतम उपलब्धि हासिल करने पर 13 पंचायत रोजगार सेवक का अनुबंध रद करते हुए बर्खास्त कर दिया गया है।

नवगछिया के कार्यक्रम पदाधिकारी पर घनश्याम प्रसाद सिंह की निजी जमीन से मनरेगा योजना के तहत मिट्टी काटने का आरोप सिद्ध होने पर कार्रवाई की गयी है। इस मामले की जांच ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव ने की थी। मामले में पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा ने संज्ञान लिया था।

उधर, पंचायत रोजगार सेवकों के कार्यों की समीक्षा के उपरांत यह पाया गया कि जिले के 13 पीआरएस ने न्यूनतम उपलब्धि भी हासिल नहीं की है। जब कि ग्रामीण विकास विभाग का स्पष्ट निर्देश है कि जिनकी उपलब्धि 30 प्रतिशत से कम होगी, उन्हें सेवा में नहीं रखा जाएगा। जिन पीआरएस का अनुबंध रद किया गया है उनमें पीरपैंती प्रखंड के बारा और पीरपैंती, नारायणपुर के नगरपारा उत्तर, जयपुर चुहर पूरब, सिंहपुर पश्चिम व बैकटपुर दुधैला, बिहपुर के वभनगामा, हरियो, झंडापुर पूरब और बिहपुर दक्षिण, इस्माइलपुर प्रखंड के लक्ष्मीपुर और पूर्वी भिट्टा तथा खरीक के लोकमानपुर शामिल हैं।

दर्जी की दुआ का दिखा दम

हाथों के हुनर में दम हो तो हर कोई मुरीद बन जाता है। लेकिन जब एक दर्जी की कारीगरी से मुख्यमंत्री उसके मुरीद हो जाएं तो यह अपने आप में एक मिसाल है। यही कारण है कि सिल्क सिटी से गहरा लगाव रखने वाले सीएम नीतीश कुमार को भागलपुर से सिला कुर्ता - पैयजामा पहनना खूब भाता है। वे समय-समय पर पटना से कपड़ा सिलने के लिए भागलपुर के कारीगर को भेजते रहते हैं।

भीखनपुर गुमटी नंबर तीन में रहने वाले 70 वर्षीय खातीमुर रहमान के हाथों की हुनर ने उन्हें शोहरत दिलाई है। इस बार भी उन्होंने मुख्यमंत्री के लिए तीन जोड़़ी कुर्ता पैयजामा सिल कर पटना भिजवाया है। पटना से सिलाई का पैसा भी उसे मिल गया है। गुरुद्वारा रोड में डीलक्स टेलर के नाम से दुकान चलाने वाले खातीमुर रहमान का सीएम के कपड़ों की सिलाई से जुड़ा रिश्ता इतना मजबूत है कि इस बार के चुनाव में भी हाजी खातीमुर ने फिर से उनके मुख्यमंत्री बनने के लिए नमाजों के जरिए खुदा से दुआ भी मांगी थी। प्रचंड बहुमत मिलते ही घुरण मास्टर ने सीएम आवास फोन कर नीतीश को बधाई भी दी है।

चुनाव प्रचार के दौरान भागलपुर प्रवास के दौरान सीएम ने खातीमुर रहमान को बुलवा कर उनका कुशल क्षेम पूछते हुए उनसे चुनावी हालात का भी जायजा लिया था। तब खातीमुर ने उन्हें फिर से सीएम बनने की बात बताई थी। रहमान अपनी इस कारीगरी के बूते घुरण मास्टर के नाम से मशहूर हैं। उनकी मास्टरी की खासियत कपड़ों को काटने का अंदाज है। उनके द्वारा काटे गए कपड़े सिलने के बाद शरीर में फिट हो जाते हैं। पिछले सात वषरें से वे नीतीश कुमार के लिए दर्जनों जोड़ी कुर्ता व पायजामे की सिलाई कर चुके हैं। उनकी मुख्यमंत्री से जान पहचान की जड़ में नीतीश कुमार के मित्र उदयकांत मिश्रा है। वर्ष 2003 में दिल्ली में एक मुलाकात के दौरान उदयकांत मिश्रा के पहने कपड़े की सिलाई देखकर मुख्यमंत्री ने जब इसके बारे में जानकारी ली तथा पूछा की कपड़े दिल्ली में सिले हैं क्या। लेकिन जब उन्हें बताया गया कपड़ा भागलपुर से सिलाई कर मंगवाया गया है तो उन्होंने इसकी सराहना की। उदयकांत मिश्रा ने उन्हें बताया कि उनके घर से पारिवारिक संबंध वाले मोहल्ले के एक पुराने दर्जी खातीमुर रहमान से वे अपना कपड़ा सिलवाते हैं। तब से लेकर आज तक घुरण मास्टर लगातार समय-समय पर मुख्यमंत्री का कपड़ा सिल रहे हैं। अब जबकि नीतीश कुमार ने विकास के मुद्दे पर तीसरी बार सीएम की कुर्सी संभाली हैं तो घुरण मास्टर की अपेक्षा है कि भागलपुर में सिल्क के कारोबार, बुनकरों की हालत में सुधार व यहां से जल्द से जल्द हवाई उड़ान की दिशा में ठोस पहल करने की जरूरत है।

क्यों नहीं आईसीयू को बंद कर दिया जाए ?

भागलपुर । क्यों नहीं गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) को बंद कर दिया जाए? अब यह चर्चा चिकित्सकों के बीच होने लगी है। जब सरकार आईसीयू में चिकित्सकों एवं कर्मचारियों के पद को स्वीकृत नहीं कर सकती है तो इस यूनिट को चलाने का क्या उद्देश्य रह गया है। विशेषज्ञ के अलावा चिकित्सकों की कमी का असर मरीजों के इलाज पर पड़ रहा है। अगर कोई मरीज की मृत्यु हो जाती है तो सारा खामियाजा चिकित्सकों को भुगतना पड़ता है।

चार वर्ष पूर्व जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के इनडोर विभाग में आईसीयू खुला। इसका उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री द्वारा किया गया था। लेकिन अब तक इस विभाग में चिकित्सकों के पद स्वीकृत नहीं किए गए। नियमत: दो मरीजों पर एक चिकित्सक को रहना चाहिए। आईसीयू में 24 बेड है। इस हिसाब से कम से कम यहां 12 चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति होनी चाहिए। इसके एवज में यहां मात्र चार चिकित्सक हैं। हद तो यह है कि निश्चेतना विभाग के विभागाध्यक्ष को आईसीयू का भार सौंपा गया है। वहीं वरीय रेजिडेंट भी 50 वर्ष उम्र से कम के नहीं हैं। तीन पालियों में किसी तरह चिकित्सक मरीजों का इलाज करते हैं। उपर से न्यूरोसर्जन, यूरोसर्जन सहित विशेषज्ञों का अभाव है।

आईसीयू में उन्हीं मरीजों का इलाज करना है जो हृदय रोग के अलावा अन्य रोगों से उनकी स्थित गंभीर हो गई हो। लेकिन वैसे मरीजों को भी भर्ती कर लिया जाता है जिसकी स्थिति गंभीर नहीं रहती। हालांकि चिकित्सक ऐसे मरीजों को भर्ती नहीं करना चाहते, लेकिन इसके लिए पैरवी की जाती है। चुनाव के वक्त पैरवी के बल पर एक मरीज को भर्ती किया गया जिसे चोट ज्यादा नहीं लगी थी। सुबह वह मोटर सायकिल चलाता हुआ खुद चला गया। ऐसे में गंभीर मरीजों को शैय्या तक नहीं मिल पाती।

आईसीयू में दो इंक्यूबेटर गत नौ माह से खराब हैं। इस उपकरण में समय से पूर्व जन्म लिए बच्चों को स्वस्थ होने के लिए रखा जाता है। इस विभाग में वयस्क से दो सौ और शिशु से एक सौ रुपए प्रतिदिन लिए जाते हैं। लेकिन सुविधा नगण्य है। पेयजल का भी अभाव है। अगर बिजली नहीं रहे तो कर्मचारी के मन पर है कि वह जेनरेटर चलाए अथवा नहीं।

रिश्वत मांगने वालों की बेहिचक जानकारी दें

भागलपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक संजय सिंह शुक्रवार को अपने विशेष जनता दरबार में पहुंचे फरियादियों से सीधा संवाद कायम किया। 100 से अधिक की संख्या में पहुंचे फरियादियों को अपना मोबाइल नंबर 9431800003 देते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस पदाधिकारी यदि उन्हें किसी बात को लेकर प्रताड़ित करें, धमकी दें तो या किसी काम के बदले रिश्वत मांगे तो उन्हें मोबाइल पर बेहिचक इसकी सूचना दें। सीधे कार्यालय आकर भी जानकारी दे सकते हैं। जगदीशपुर, इशाकचक, तातारपुर, हबीबपुर, मोजाहिदपुर, कोतवाली आदि इलाके से कई ऐसे फरियादी भी पहुंचे थे जिन्हें डीएसपी स्तर के पदाधिकारी कथित तौर पर रिश्वत की मांग करते हैं। किसी मुकदमे में झूठा फंसाने के भी कई मामले सामने आए, जिनकी जांच के लिए वरीय पुलिस अधीक्षक ने ऐसे मामलों को अपने निजी संचिका में रख लिया है। वरीय पुलिस अधीक्षक को इस बात की शिकायत मिली थी कि पुलिस महकमे के कई पदाधिकारी ऐसे हैं जो लोगों से उनके नाम पर भी रिश्वत की मांगा करते हैं। इस बात को लेकर गुरुवार के अलावा शुक्रवार को विशेष जनता दरबार का आयोजन किया था। विशेष जनता दरबार में एसएसपी ने जगदीशपुर इलाके से प्रेम संबंध में घर से भागी जूली कुमारी(काल्पनिक नाम) के मामले की भी सुनवाई की। जूली स्वयं एसएसपी कार्यालय पहुंच गई थी। उसने बताया कि वह अपनी मर्जी से घर से गई थी। एसएसपी ने पूरे प्रकरण की जानकारी लेने के बाद न्यायालय में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत जूली का बयान दर्ज कराने का निर्देश अनुसंधानकर्ता को दिया है। विशेष जनता दरबार में कुल 82 मामलों का निष्पादन किया गया।

मंगलवार, 9 नवंबर 2010

यंत्र चालित नौका पर नाचती है मौत

रूप कुमार ,भागलपुर । हाल ही में पुनामाघाट से चली एक नौका कदवा जाने के बदले अंधेरे में मोटर फेल होने के कारण भटक कर अन्झरी घाट पहुंच गई। लंगर के सहारे नाव पर सवार पचास से अधिक यात्रियों को बचाया जा सका। जिले में 100 से अधिक ऐसे मोटरचालित नौकाएं हैं, जिनका न रजिस्ट्रेशन है और न लाइसेंस। ऐसे नाव पर हर दिन सैकड़ों लोग खेतीबारी या फिर अन्य कार्यों से नदी की लहरों से लोहा लेकर सफर पूरा करते हैं। एक ही नाव पर बैलगाड़ी, सवारी और भारी भरकम सामान भी लदे होते हैं। क्षमता से अधिक भार ढोते -ढोते नौका बीच मंझधार में फंस जाती है। जिले के पीरपैंती से लेकर सुल्तानगंज , करारी तिनटंगा से लेकर कहलगांव, इस्माइलपुर से लेकर घोघा, विजयघाट मिल्की से ढोलबज्जा तक जाने के लिए सौ से अधिक यंत्रचालित नावों का परिचालन जारी है। गंगा व कोसी दियारा के लोगों की एकमात्र सवारी इन दिनों नाव ही है। खेतीबारी से लेकर घर की सारी जरूरतों को पूरा करने के लिए नौका से नदी पार करना उनकी मजबूरी है। अधिकांश नाव हादसों की वजह ओवरलोडिंग होती है। जल्दी से घर पहुंचने की होड़ में लोग जिंदगी की परवाह किए बिना नाव पर सवार हो जाते हैं। मांझी रोके तो भी नहीं मानते और इस तरह नाव खुलने के साथ ही डगमगाने लगती है। नीतीश के शासन में बाद बढ़ती नौका दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए फेरी एक्ट को प्रभावी बनाने की पहल हुई थी। लेकिन फेरी एक्ट आज तक परिवहन विभाग के फाइलों में ही दम तोड़ रही है।
क्या है फेरी एक्ट भागलपुर: फेरी एक्ट में जल परिवहन के तहत आने वाले नौका परिचालन का पूरा हिसाब-किताब रखा जाता है। इस एक्ट के तहत नदी में चलने वाली नाव का पंजीयन अनिवार्य है। इसके अलावा परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा नाविकों को नाव चलाने का लाइसेंस पूरी जांच पड़ताल के बाद दिया जाता है। नाव की क्षमता से लेकर उसकी गुणवत्ता की हर तरीके से जांच की जाती है। लेकिन भागलपुर जिले में आजतक फेरी एक्ट प्रभावी नहीं हो पाया है। और तो और प्रशासन को इतनी भी जानकारी नहीं है कि जिले में मोटरचालित कितनी नौकाएं चल रही हैं। क्या कहते जिला परिवहन अधिकारी जिला परिवहन पदाधिकारी शिवशंकर मिश्रा का कहना है फेरी एक्ट का प्रचलन यहां नहीं है। रही बात ओवरलोडिंग के कारण नाव डूबने की तो इसमें ज्यादा दोष यात्रियों का है जो नाविक के रोकने के बावजूद जबरन नाव पर चढ़ जाते हैं। अनुमंडल पदाधिकारी नवगछिया सुशील कुमार का कहना है कि ये बात सच है कि यंत्रचालित नावों में क्षमता से अधिक यात्रियों को बिठाने से नौका डूबती है। ओवरलोडिंग को रोकने के लिए प्रभावी अभियान चलाने की जरूरत है। नवगछिया के पुलिस उपाधीक्षक अरविन्द सिंह का कहना है कि फेरी एक्ट को प्रभावी किए बिना नाव पर ओवरलोडिंग को रोका नहीं जा सकता है।

रविवार, 7 नवंबर 2010

फिर दिखेगी स्वस्ति दिवाली दिलवालों की शो में

भागलपुर। बूगी- बूगी और फिर चक धूम-धूम जैसे रियलटी शो के जरिए छोटे पर्दे पर चर्चित हुई नृत्य नायिका स्वस्ति नित्या एक बार फिर कलर्स चैनल के दीपावली पर प्रस्तुत होने वाले विशेष कार्यक्रम दिवाली दिलवालों की शो में रविवार को दिखेगी। इसका प्रसारण रविवार को दिन में बारह बजे से अपरान्ह तीन बजे तक और रात्रि ग्यारह बजे से तीन बजे तक होगा। शो में स्वस्ति नित्या मिथुन चक्रवर्ती, तुषार कपूर, अजय देवगन के अलावा अन्य बड़े कलाकारों के साथ डांस करेगी। प्रोग्राम के बीच-बीच में वह डायलॉग भी बोलती दिखेगी। इसके अलावा बुधवार को एनडीटीवी इमेजिन पर शाम सात बजे एक अन्य प्रोग्राम नचले में वह सरोज खान के साथ दिखेगी। इस शो में वह बुधवार के बाद भी आती रहेगी। इस कार्यक्रम का पहला एपिसोड बुधवार से प्रसारित होगा।

सुल्तानगंज में डेंगू से चार मरे

सुल्तानगंज । नगर परिषद के वार्डो समेत प्रखंड की कई पंचायतों में अब डेंगू बीमारी महामारी का रूप ले लिया है। इसके चलते पिछले एक सप्ताह में तीन महिलाओं समेत चार लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 50 से अधिक लोग आक्रांत हैं। शनिवार को इलाजरत लोगों में से एक गनगनियां निवासी आशीष कुमार को जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में भर्ती कराया गया है . जबकि वार्ड नंबर 17 के पार्षद अवध किशोर पांडेय की भाभी रूबी देवी (45), पशुपति चौधरी (63), चौक बाजार निवासी मणिकांत चौधरी की पत्‍‌नी मंजू देवी (48) एवं अब्जूगंज निवासी उर्मिला देवी (68) की मौत हो चुकी है। वहीं घाट रोड निवासी दिलीप गुप्ता के पुत्र आकाश कुमार (14), अरविन्द कुमार चौरसिया (34), महेशी पंचायत के पैन निवासी राजीव कुमार (28) एवं राजकुमार सिंह की 22 वर्षीय पुत्री तथा महाजन टोला के सुरेश गुप्ता की पुत्री सपना (23) को मायागंज रेफर किया। डेंगू की रोकथाम के बारे में डा। अंजनी कुमार ने बताया कि जिन घरों में डेंगू केमरीज हैं, वहां मरीजों को हमेशा मच्छरदानी के भीतर रहना चाहिए। जबकि होमियोपैथी चिकित्सक डा0 दीप नारायण चौधरी ने डेंगू से बचाव के लिए लोगों को होमियोपैथ दवा एंटी डोज लेने की सलाह दी।

घाटों की सफाई आठ नवंबर से

भागलपुर। नगर निगम अब आठ नवंबर से छठ घाटों की सफाई करेगा। हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष घाटों में दलदल नहीं है। चूंकि इस बार बाढ़ के पानी के साथ बालू आने से मिट्टी में बालू के अंश रह गए है। साथ ही गंगा का जल स्तर घटने से घाटों की चौड़ाई भी बढ़ गई है। भागलपुर और नाथनगर में कुल 37 घाट हैं। स्वास्थ्य प्रभारी महेश साह के मुताबिक नगर आयुक्त विरेन्द्र कुमार द्वारा सफाई कार्य का निरीक्षण किया गया है। आठ नवंबर से घाटों की सफाई की जाएगी।
माउंट कार्मेल स्कूल के उत्तर में पिप्पली घाट है। गत वर्ष कच्ची सड़क रहने से छठवर्तियों को घाट तक जाने में काफी परेशानी हुई थी। अब पिप्पली घाट जाने के रास्ते का पक्कीकरण हो गया है। साथ ही गंगा का पानी घटने से उक्त घाट की चौड़ाई भी बढ़ गई है। हनुमान घाट की चौड़ाई अन्य घाटों की तुलना में कम है। लेकिन यहां भी छठवर्तियों की भीड़ अ‌र्घ्य देने के लिए जुटती है। यहां छठ पूजा समिति द्वारा घाटों की सफाई की जाती है। इसमें नगर निगम के सफाई कर्मचारी भी शामिल रहते हैं। खिरनी घाट खिरनी घाट में गत वर्ष भी नगर निगम द्वारा सफाई न कर सिर्फ खानापूर्ति की गई थी। अगर समिति के सदस्यों द्वारा सफाई नहीं की जाए तो यहां छठवर्ती नहीं आएंगे। उक्त घाट पर कपड़े बदलने के लिए चार स्थानों पर ईटों से घेराबंदी की गयी है। आदमपुर घाट की सफाई छठ पूजा समिति द्वारा शुरू कर दी गई है। समिति के सदस्य अजीत सिंह, संजीव राय, कर्नल रणजीत सिंह, देव कुमार ने बताया कि घाट पर बालू और पुआल के साथ सुरक्षा के लिए बेरिकेटिंग भी लगाए जाएंगे। दीपनगर घाट पर भी शहर के कई मोहल्लों के छठवर्ती अ‌र्घ्य देने आते हैं । यहां समाज सेवा समिति का बैनर लगा दिया गया है लेकिन सफाई शुरू नहीं की गई है। समिति के सदस्य प्रमोद सिंह, छोटू कुमार और राकेश महतो ने बताया कि नगर निगम द्वारा सफाई नहीं की जाती है। बल्कि उक्त घाट पर कूड़ा फेंका जाता है। बूढ़ानाथ घाट की स्थिति अन्य घाटों की तुलना में दयनीय है। घाट जाने के रास्ते में कई स्थानों में बड़े-बड़े गढ्डों में जल-जमाव से तालाब का दृश्य बना है। घाट किनारे गंदगी फैली हुई है। स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा घाट की सफाई की जाती है। किलाघाट वार्ड संख्या 17 स्थित किलाघाट की स्थिति भी दयनीय बनी हुई है। वार्ड पार्षद प्रतिनिधि राजेश राय ने बताया कि पिछले वर्ष भी कई बार आग्रह करने के बाद छठ के एक दिन पूर्व सफाई प्रारंभ की गई। स्वयं मजदूर रखा गया लेकिन अभी तक निगम द्वारा पैसा का भुगतान नहीं किया गया है।

पशुओं में गर्भपात की बढ़ी बीमारी

बगड़ी के किसान सुधीर साह ने इस बार गोव‌र्द्धन पूजा नहीं किया। भला करें भी तो किस श्रद्धा से। आठ लीटर दूध देने वाली उनकी गाय का असमय गर्भपात जो हो गया। उनकी गाय दो माह में बच्चा देती। लेकिन सातवें माह में ही बच्चा पेट में ही मर गया। दो से तीन हजार रुपये तो पेट में मरे बच्चे को निकालने में खर्च हो गए। इसके बावजूद वह इस बात को लेकर परेशान हैं कि अब तक जर गर्भाशय के अंदर ही है। इस कारण गाय ने खाना-पीना कम कर दिया है। सुधीर अब दवा दुकानदारों से वैसी दवा मांग रहा है जिससे गाय को दूध उतर आए। ऐसी परेशानी सिर्फ सुधीर की नहीं है बल्कि जिले के दर्जनों वैसे पशुपालक हैं जिन्हें पशुओं के गर्भपात से जोर का झटका लग रहा है। तेलघी के पूर्व उपमुखिया सह किसान विजय सिंह की गाय का भी गर्भपात हो गया। इस साल गर्भपात की बीमारी बड़ी तेजी से बढ़ी है। पशु अस्पतालों पर पशुपालकों का विश्र्वास नहीं रह गया है।

सोमवार, 1 नवंबर 2010

निर्मल हुई गणतंत्र की गंगा

उत्तरवाहिनी गंगा के तट पर लोकतंत्र के महापर्व में जनता ने किसी लोकपर्व से कम उत्साह व उल्लास नहीं दिखाया। एक साथ दो वोट डालने का जोश लेकर वोटरों ने निर्भीकता के बीच वोट डालकर गणतंत्र की गंगा को निर्मल कर दिया। कल तक चुनाव में हिंसा को लेकर बदनाम बिहार में बदली फिजां को देखकर ड्यूटी में लगी पुलिस के हाथ से भी तोते उड़ गए। बिहार की बदली तस्वीर देख मध्य विद्यालय कुमैठा के बूथ संख्या 122 पर तैनात एमपी पुलिस के जवानों का कहना था कि हमने बिहार आने के पहले यहां के बारे में काफी कुछ उल्टा पुल्टा सुन रखा था। लेकिन तीन चरणों के मतदान व चौथे चरण में ड्यूटी के दौरान ऐसा लग रहा है कि अधिकतर लोग अच्छे हैं। थोड़ी बहुत तो गड़बड़ी सब जगह है साहब। यहां तो लोकतंत्र के महापर्व में लोगों का उत्साह देखकर ऐसा लग रहा है कि बिहार गणतंत्र का असली पहरेदार है।रूप कुमार

नीतीश राज में जनता को मिली निर्भीकता व चुनाव आयोग की निष्पक्ष मतदान की व्यवस्था ने यहां गणतंत्र की मैली हुई गंगा को निर्मल बना दिया। सुल्तानंगज विधानसभा क्षेत्र के सुल्तानगंज, बाथ, शाहकुंड, सजौर आदि थाना क्षेत्रों के अधिकतर बूथों पर पुलिस बलों की चुस्ती व अ‌र्द्धसैनिक बलों की फुर्ती ने वोटरों को निष्पक्ष तरीके से वोट डालने का पावर दिया। सुल्तानगंज विधानसभा क्षेत्र के करीब दो दर्जन से अधिक बूथों पर ईवीएम की खराबी के कारण घंटे भर विलंब से मतदान शुरू हुआ। बावजूद इसके मौसम के मेहरबान मिजाज ने वोटरों का साथ दिया। लंबी कतार में खड़े रहने की ऊबन के बाद भी वोटरों का जोश ठंडा नहीं हुआ। इस इलाके में विकास सड़कों में भटकता दिखा। धान की मुरझाई बाली किसानों की पीड़ा बयां कर रही थी। मतदान की सबसे अधिक खूबसूरती थी आधी आबादी की उमड़ी भीड़ और उनका अनुशासन। बूथ संख्या 122 मध्य विद्यालय कुमैठा, बूथ संख्या 112 आदर्श संकुल विद्यालय आभारतनपुर, बूथ संख्या 28 राजकीयकृत दरबारी सिंह मध्य विद्यालय सुल्तानगंज, बूथ संख्या 155 मध्य विद्यालय कपसौना, बूथ संख्या 234 उच्च विद्यालय सजौर फतेहपुर, बूथ संख्या 192 क, ख उच्च विद्यालय शाहकुंड प्राथमिक विद्यालय सुखसरोवर, बूथ संख्या 204 मध्य विद्यालय घोरपीठिया आदि मतदान केन्द्रों पर ईवीएम की खराबी के कारण घंटे भर लेट से वोट चालू हुआ। इस कारण सजौर उच्च विद्यालय में पांच बजे के बाद भी लोगों को वोट डालने का अवसर मिला। विधानसभा क्षेत्र से 24 प्रत्याशियों के मैदान में रहने व संसदीय उपचुनाव साथ-साथ होने से वोटरों को तीन ईवीएम से पाला पड़ रहा था। इस कारण वोटर काफी भ्रमित होते रहे। यही कारण था कि मतदाताओं की कतार सुल्तानगंज विधानसभा क्षेत्र में ईवीएम की रफ्तार पर भारी पड़ रही थी।

जैसा करम करोगे, वैसा फल देगा मतदान

सोमवार यानी आज महापर्व चुनाव का दिन। दोपहर के दो बजे नाथनगर सीटीएस चौक पर सन्नाटा है। यहां भारी सुरक्षा व्यवस्था है। बीच-बीच में गश्ती गाड़ी खामोशी को तोड़ देती है। इसी चौक पर एक चर्चित मिठाई की दुकान है। यहां नारायण साह मिठाई पर बैठी मक्खियों को उड़ा रहे हैं और गुनगुना रहे हैं-'जैसा करम करोगे, वैसा फल देगा मतदान। यह है..।' मैं इस गाने का निहितार्थ पूछता हूं। वह गद्दी पर बैठे मालिक की ओर इशारा कर देता है। मिठाई दुकानदार परिचय पूछने के बाद बताते हैं कि नारायण व्यवस्था से दुखी हैं और सुबह से ही गाना गा रहे हैं। इसी तरह का गाना कई मतदाताओं ने गाया है सो परिणाम क्या होगा, यह कहा नहीं जा सकता?

शहर के हर गली-मोहल्लों में बस एक ही चर्चा-कैसा लग रहा है? कौन निकलेगा? जवाब संदेह उपजाने वाली सुन चिंता की लकीरें और भी गहरी हो जाती हैं। सबसे ज्यादा चिंता तो उन्हें मतदान के घटते प्रतिशत को लेकर है। फिर एक बहस-मतदाता क्यों नहीं घरों से निकल रहे? मिरजानहाट में अजीत झा और सुनील बिहारी से मुलाकात होती है। बताते हैं-'देखिए राजनीतिक दलों के करम लोगों को रास नहीं आती। जो नाराज हैं, वह दूसरों को भी वोट के काबिल नहीं समझते। ऐसे में कहां से बढ़ेगा मतों का प्रतिशत?' इसी बीच लोजपा प्रत्याशी डा.एनके यादव और मेयर वीणा यादव पहुंचती हैं। डाक्टर साहब अपने पोलिंग एजेंट से पूछते हैं-कैसा चल रहा है? पोलिंग एजेंट के सकारात्मक जवाब से वे वाहन पर सवार हो आगे बढ़ जाते हैं। यहीं रामाशीष मंडल से मुलाकात होती है। वे बताते हैं कि मिला-जुला चल रहा है। इस बार वे किनारा लग सकते हैं।

मैं गुरहट्टा चौक पर हूं। सुरक्षा व्यवस्था ऐसी कि परिंदा भी पर नहीं मार सके। दाहिनी ओर एक दर्जन से अधिक मोटरसाइकिलें खड़ी हैं, जिसे सुरक्षा कर्मियों ने जब्त कर लिया है। मुझे सैप जवान रूकने का इशारा कर रहे हैं। संतुष्ट होने पर आगे बढ़ने की सहमति प्रदान करते हैं। इतने में भाजपा प्रत्याशी अश्रि्वनी कुमार चौबे पहुंच जाते हैं। सड़क किनारे खड़े कार्यकर्ताओं से इशारों में पूछते हैं-'वो वोट बंट रहा है या नहीं?' जवाब हां में मिलने पर चेहरे पर तनाव कुछ कम होता है। फिर वे काजीचक की ओर मुड़ जाते हैं। सिकंदरपुर के पास संतोष साई बताते हैं-'कल शाम तक मिरजानहाट का इलाका उनके लिए गड़बड़ था अब ठीक है। जीतेंगे तो वही। बस अभी तेल देखिए और तेल का धार देखिए।'

रेलवे स्टेशन और मुख्य बाजार का इलाका सुनसान है। दुकानें बंद पड़ी हैं। अघोषित क‌र्फ्यू का नजारा। वेरायटी चौक पर सड़क किनारे इक्के-दुक्के लोग खड़े हैं। वहां भी चुनावी चर्चा। एक ने कहा-'ठीक है कि लोग कम निकले लेकिन जो गिरा सौलिडे गिरा। ' दूसरे ने कहा-'बौरायल जैसन बात नहीं करिए। उनको अभिए तो बुझाइए रहा है। लगुआ-भगुआ को पांच साल सटाएल रखे का। देखिएगा 'उनको' एक मौका इस बार मिल जाएगा।' तीसरे ने कहा-'अरे मालिक, उनको कम कैसे आंक लिए। वूहौ खूब पैसा खर्च कयैले हैं। देखिएगा केतना वोट लाते हैं। कौन केतना बांटा है, लगाइएगा बाजी..।' पहले ने बीच-बचाव करते हुए कहा-'देखिए पांच बजने को है। कुछ देर में मतदान खत्म हो जाएगा। राजनीतिक टीकाकारों को विश्लेषण करने दीजिए। 24 तारीख को दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। आपस में लड़ने से क्या फायदा।' मतदान का समय खत्म हो चुका है। मतदान कर्मी ईवीएम को जल्दी-जल्दी सील करने में जुट गए हैं ताकि जल्द से मशीन को जमा कर महापर्व की थकान मिटा सकें।दिनकर

ईवीएम में आज बंद होंगे 107 प्रत्याशियों के भाग्य

भागलपुर : जिले के सभी सात विधानसभा क्षेत्रों में सोमवार सुबह सात बजे से वोट डाले जाएंगे। मतदान संध्या पांच बजे तक होगा। सभी 1820 मतदान केन्द्रों पर मतदानकर्मी पहुंच गए हैं। शांतिपूर्वक मतदान सम्पन्न कराने के लिए ठोस व्यवस्था की गई है। मतदान बाद 107 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में बंद हो जाएगा।

इस बीच रविवार को दो बार हेलीकॉप्टर से जिले के विभिन्न मतदान केन्द्रों का निरीक्षण किया गया। सभी मतदान केन्द्रों पर सीपीएमएफ की प्रतिनियुक्ति की गई है। इधर, मतदानकर्मियों ने पालिटेकनिक संस्थान से ईवीएम का व सैंडिस कम्पाउंड से मतदान सामग्री का उठाव किया। मतदान पर नजर रखने के लिए 452 पेट्रोलिंग मजिस्ट्रेट, 158 सेक्टर पदाधिकारी तथा 337 माइक्रो आब्जर्वर और 115 कैमरा मैन लगाए गए हैं। 32 बूथों पर वेब कास्टिंग की व्यवस्था की गई है।

इससे पूर्व सैंडिस कंपाउंड में गश्ती दल, सेक्टर पदाधिकारियों और माइक्रो आब्जर्वर को जिला निर्वाचन पदाधिकारी राहुल सिंह तथा एसएसपी संजय सिंह ने संबोधित किया और शांतिपूर्ण, निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन करने की हिदायत दी।

विधानसभा वार नियंत्रण कक्ष

जिला निर्वाचन पदाधिकारी राहुल सिंह ने सदर अनुमंडल कार्यालय परिसर में नियंत्रण कक्ष का गठन किया है। इन कक्षों का दूरभाष संख्या निम्न है। भागलपुर विधानसभा में नियंत्रण कक्ष की प्रभारी सीडीपीओ पुष्पा कुमारी हैं। यहां का दूरभाष नम्बर 0641-2420058 है। बिहपुर की प्रभारी सीडीपीओ निरूपा कुमारी हैं। इसका दूरभाष संख्या 0641-2420036 है। गोपालपुर की प्रभारी सीडीपीओ श्रुति को बनाया गया है। यहां का दूरभाष संख्या 0641-2420026 है। पीरपैंती की प्रभारी सीडीपीओ पूनम कुमारी हैं। दूरभाष संख्या 0641-2420049 है। कहलगांव की प्रभारी अलका आम्रपाली हैं। दूरभाष संख्या 0641-2420098 है। सुल्तानगंज की प्रभारी सीडीपीओ पामेला टुडू हैं। दूरभाष संख्या 0641-2420059 है। नाथनगर की प्रभारी सीडीपीओ श्वेता कुमारी हैं। दूरभाष संख्या 0641-2420091 है। नियंत्रण कक्ष के वरीय प्रभारी निरंजन कुमार झा तथा नोडल पदाधिकारी विजय उपाध्याय हैं।

चौथे चरण की 42 सीटों पर मतदान शुरू

बिहार विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में 42 सीटों के लिए आज अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांतिपूर्ण ढंग से सुबह सात बजे मतदान शुरू हो गया। बांका लोकसभा सीट पर भी सोमवार को उपचुनाव हो रहा है। लालू यादव द्वारा सुरक्षाकर्मियों के साथ मतदान करने की वजह से वे आचार संहिता की जद में आ गए हैं। लालू पर आरोप है कि वे गनमैन के साथ मतदान करने गए थे, इसी वजह से उन पर केस दायर हो गया है। लालू की पत्नी राबड़ी देवी पर भी पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है।

राज्य निर्वाचन कार्यालय के सूत्रों ने यहाँ बताया कि प्रदेश विधानसभा की कुल 243 में से 42 सीटों और बांका लोकसभा उपचुनाव के लिए 10716 बूथों पर मतदान शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है। इसमें लगभग एक करोड़ 47 हजार 974 मतदाता मतदान करेंगे।

इस चरण में 42 में से 32 सीटो के लिए सुबह सात बजे से शाम पाँच बजे तक मतदान होगा जबकि सुरक्षा कारणों को लेकर अलौली (सु), सूर्यगढ़ा, तारापुर, जमालपुर, कटोरिया (सु), बेलहर सिकन्दरा (सु), जमुई झाझा और चकाई में सुबह सात बजे से तीन बजे तक ही वोट डाले जाएँगे।

सूत्रों ने बताया कि शहरी विधानसभा क्षेत्रों के मतदान केन्द्रों पर सुबह के समय मतदाताओं की लंबी कतार देखी जा रही है जिनमें युवाओं की संख्या अधिक है। हालाँकि ठंड के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बूथों पर मतदाता कम संख्या में पहुँच रहे हैं।

इस बीच राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) पी.के. ठाकुर ने यहाँ बताया कि सभी मतदान केन्द्रों पर शांतिपूर्ण ढंग से मतदान चल रहा है और अभी तक कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। मतदान को लेकर सुरक्षा के अभूतपूर्व प्रबंध किए गए हैं तथा बूथ लूटेरों और गड़बड़ी फैलाने वाले असामाजिक तत्वों को देखते ही गोली मारने के आदेश संबंधित जिला प्रशासन को दिए गए हैं।

ठाकुर ने बताया कि चुनाव वाले क्षेत्रों में चार हेलीकाप्टरों की मदद से गश्त की जा रही है। इसके अलावा अत्याधुनिक हथियारों से लैस अर्द्धसैनिक बल के जवान मतदान केन्द्रों के आसपास नजर रखे हुए हैं।

इस चरण में जिन प्रमुख दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दाँव पर लगी है उनमें स्वास्थ्य मंत्री नंदकिशोर यादव पटना साहिब और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री अश्विनी चौबे भागलपुर (दोनों भारतीय जनता पार्टी), बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय जनता दल के नेता शकुनी चौधरी (तारापुर) पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस नेता सदानंद सिंह (कहलगाँव) कांग्रेस के पूर्व सांसद धनराज सिंह (जमालपुर) राजद के पूर्व सांसद विजय कृष्ण (बाढ़), जनता दल यूनाइटेड के बाहुबली नेता अनंत सिंह (मोकामा) और जेल में बंद निर्दलीय रीतलाल यादव (दानापुर) शामिल हैं।

दूसरी ओर पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह के निधन से रिक्त हुई बांका संसदीय सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए स्व. सिंह की पत्नी पुतुल सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रप में चुनाव मैदान में हैं। उनका मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव से है। श्रीमती सिंह को जद यू और कांग्रेस ने अपना समर्थन दिया है।

जिन 42 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हो रहा है उनमें चेरियाबरियारपुर, बछवाडा, तेघरा, मटिहानी, साहेबपुर कमाल, बेगूसराय, बखरी (सु), खगडिया, बेलदौर, परबत्ता, लखीसराय, मुंगेर, बिहपुर, गोपालपुर, पीरपैंती (सु), कहलगाँव, भागलपुर, सुलतानगंज, नाथनगर, मोकामा, बाढ, बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब, फतुहा, दानापुर, मनेर, अमरपुर, धोरैया (सु), बांका, अलौली (सु), सूर्यगढ़ा, तारापुर, जमालपुर, कटोरिया (सु), बेलहर, सिकंदरा (सु), जमुई, झाझा और चकाई शामिल है।

शुक्रवार, 29 अक्तूबर 2010

चुनाव में बढ़-चढ़कर लें हिस्सा : डॉ. दुबे

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. केएन. दुबे ने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव एक महापर्व है। इसमें युवाओं को बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए। वे गुरुवार को विवि. सभागार में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर विवि. के प्रतिकुलपति डॉ. ध्रुव कुमार ने कहा कि मतदान करते समय सभी को जाति, धर्म व सम्प्रदाय से उठकर अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए। इस मौके पर विवि. के कुलसचिव डॉ. राजीव कुमार सिन्हा, वित्त पदाधिकारी, विवि. के विकास पदाधिकारी डॉ. इकबाल अहमद, विवि. एनएसएस के कार्डिनेटर शिवप्रसाद यादव, कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. कैलाश प्रसाद साह, डॉ. उषा कुमारी, डॉ. नरेश मोहन झा, डॉ. अशोक झा के अलावा एनएसएस के टीएनबी, मारवाड़ी, एसएम, टीएनबी लॉ, महादेव सिंह कॉलेज के 300 स्वयंसेवक मौजूद थे।

लीवर फ्लूक ने उड़ाई पशुपालकों की नींद

बरसात के बाद चारागाह में चरने वाले पशुओं में लीवर फ्लूक नामक बीमारी बड़ी तेजी से हो रही है। सबौर व नवगछिया इलाके में दर्जनों पशु इसकी चपेट में आ गए हैं। इस बीमारी के कारण दूग्ध उत्पादन में कमी आई है। समय पर इलाज नहीं होने से पशुओं को अन्य बीमारी भी हो सकती है। ऐसे में पशुपालकों की नींद उड़ गई है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के पशुपालन विभाग के वरीय चिकित्सक सह पीआरओ डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि फैसियोला हीपेटिका नामक कीड़े से लीवर फ्लूक नामक बीमारी हो रही है। उन्होंने पशुपालकों को पशुओं को कृमिनाशक दवा देने की सलाह दी है।

मंगलवार, 26 अक्तूबर 2010

जिले के 43 थाना क्षेत्रों में दंडाधिकारी व पुलिस पदा. तैनात

भागलपुर । विधानसभा चुनाव में अवैध तरीके से धन और शराब की आवाजाही रोकने के लिए जिले के 43 थाना क्षेत्रों में दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारियों को तैनात किया गया है।

आदेश है कि चार पहिये वाहनों जिसमें काले शीशे लगे हों उसकी भी जांच की जाए। दंडाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि रात में वाहनों की चेकिंग नियमित किया जाए। होटल और ढाबों पर विशेष नजर रखी जाए। जहां समूहों में लोग इकट्ठे हो रहे हैं तथा थानों के आसपास शराब की दुकानों में अगर अप्रत्याशित बिक्री हो रही है तो इसके कारणों की भी पड़ताल की जाए। मोटरसाइकिल की नियमित जांच की जाए।

कोषांग के सूत्रों ने बताया कि 156, भागलपुर विधानसभा क्षेत्र में नाथनगर में सीओ शिशिर कुमार वर्मा, ललमटिया में बीईईओ कृष्णानंद सदा, विवि थाना क्षेत्र में सीओ, तातारपुर में कार्यपालक दंडाधिकारी महेन्द्र प्रसाद, आदमपुर में पशुपालन पदाधिकारी धीरज कुमार, बरारी में सहायक अभियंता, सबौर सम्पत कुमार, तिलकामांझी में कार्यपालक दंडाधिकारी श्रीमती ट्रेसा मुर्मू, कोतवाली में कार्यपालक दंडाधिकारी महेन्द्र प्रसाद, मोजाहिदपुर व इशाकचक में बीएओ राम जीवन सिंह तथा बबरगंज में बीईईओ जवाहर लाल साहनी की प्रतिनियुक्ति है। 157, सुल्तानगंज विधानसभा में सुल्तानगंज थाना में सीओ नर्मदेश्वर झा, बाथ में नरेन्द्र कुमार, अकबरनगर में कनीय अभियंता रंजीत मंडल तथा शाहकुंड में सीओ सीताराम दास को तैनात किया गया है।

158, नाथनगर विधानसभा क्षेत्र के नाथनगर में सीओ, मधुसूदनपुर में प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी राजीव कुमार, कजरैली में कनीय अभियंता इंद्रदेव राम, लोदीपुर में चम्पा लाल विश्वास, सजौर में प्रखंड कृषि पदाधिकारी सोहन प्रसाद सिंह, हबीबपुर में जीपीएस बबुआ पासवान, जगदीशपुर में सीओ सत्येन्द्र प्रसाद वर्मा, जीरोमाईल में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ब्रजेश कुमार को तैनात किया गया है।

बाँका में मोनिका बेदी गिरफ्तार

बिहार के बाँका जिले में फिल्म अभिनेत्री मोनिका बेदी और निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव को चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामले में सोमवार को यहाँ चुनाव आयोग का कोपभाजन बनना पड़ा।

आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में आयोग के अधिकारियों के निर्देश पर अंडरवर्ल्ड सरगना अबू सलेम की पूर्व प्रेमिका मोनिका और बेल्हर से प्रत्याशी यादव को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन बाद में उन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि जिले के बेल्हर विधानसभा क्षेत्र में झावा मैदान में अधिकारियों ने डेक्कन एविएशन से किराए पर लिए गए हेलिकॉप्टर को जब्त कर लिया।

सूत्रों ने बताया कि मोनिका और पप्पू यादव को अधिकारियों ने हेलिकॉप्टर उतारने और सभा को संबोधित करने का समय क्रमश: दोपहर 12.30 बजे और एक बजे निर्धारित किया था, लेकिन दोनों तय समय से देर से अपराहन 1.20 बजे सभास्थल पर पहुँचे।

बाद में अपराहन 1.50 बजे दोनों सभास्थल की ओर रवाना हो गए। आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया और बेल्हर थाने लाया गया। उन्होंने कहा कि जमानत योग्य धाराओं के कारण बाद में दोनों को छोड़ दिया गया। सूत्रों ने कहा कि हेलिकॉप्टर को मुक्त नहीं किया गया है और अदालत के आदेश पर ही उसे छोड़ा जाएगा।

खेती पर लटक रही खतरे की तलवार

भागलपुर । खेती पर खतरे की तलवार लटक रही है। खरीफ की खेती में किसानों को जोरदार झटका लगा है, उनकी पूंजी भी डूबने की कगार पर है। दरअसल, मौसम के भरोसे खरीफ में धान की खेती करने वाले किसानों को इस बार मानसून ने जोर का झटका दिया है। मानसूनी बारिश ने पिछले 40 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। 2010 में जनवरी से लेकर अक्टूबर तक में अब तक महज 731 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जबकि अच्छी खेती के लिए कम से कम 1100 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी। पिछले साल इस महीने तक 1050 मिलीमीटर बारिश हुई थी। मौसम विभाग सबौर के प्रभारी मौसमी वेदशाला प्रभारी प्रो. वीरेन्द्र कुमार ने सोमवार को बिहार कृषि विश्वविद्यालय में वैज्ञानिकों की हुई मासिक बैठक में मौसम विभाग का जो प्रतिवेदन प्रस्तुत किया उससे वैज्ञानिकों की नींद उड़ गई। उन्होंने बताया कि अगर मानसून की बारिश का यही हाल रहा तो खेती करना घाटे का सौदा साबित होगा। उन्होंने बताया कि इस सीजन में किसानों को सबसे अधिक उम्मीद हथिया नक्षत्र से थी लेकिन इस नक्षत्र में भी महज 10 मिलीमीटर बारिश हुई। इस कारण खेतों में लगी धान की फसल में बाली नहीं निकली। कम बारिश होने से खेतों में काफी नमी है। इससे रबी फसल में खासकर गेहूं आदि की खेती भी बुरी तरह प्रभावित होगी। मौसम वैज्ञानिकों ने बारिश के पानी के संचयन तंत्र को विकसित कर सिंचाई प्रबंधन को मजबूत करने की जरूरत जताई है। मौसम विभाग ने नवंबर व दिसंबर में नहीं के बराबर बारिश होने की संभावना व्यक्त की है।

बागवानी की ओर बढ़ा किसानों का रूझान

भागलपुर । जिले के नौ प्रखंडों में धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। लेकिन पिछले दो सालों से मानसून की मार के कारण सुखाड़ की समस्या झेल रहे किसानों का रूझान अब बागवानी की ओर बढ़ा है। पीरपैंती, कहलगांव, शाहकुंड, जगदीशपुर जैसे धान बाहुल्य इलाकों में इस बार बड़े पैमाने पर आम के पौधे लगाए गए हैं। डोहराडीह के किसान उमाकांत सिंह ने बताया कि धान की खेती में काफी सिंचाई की जरूरत पड़ती है। सिंचाई की ठोस व्यवस्था नहीं होने से इस बार काफी खेत खाली रह गए। ऐसे में बागवानी की ओर किसानों का आकर्षण बढ़ा है। जिला उद्यान पदाधिकारी धु्रव कुमार झा ने बताया कि बागवानी किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है।

छेड़खानी के विरोध पर कहर बनकर टूट पड़े मनचले

भागलपुर । सोमवार को रेलवे स्टेशन पर छेड़खानी का विरोध करने पर मनचलों की टोली एक परिवार पर कहर बनकर टूट पड़ी। मनचलों ने परिवार के सदस्यों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, जिसमें महिलाएं व बच्चे भी लहूलुहान हुए हैं। करीब दस मिनट तक चले इस तांडव से प्लेटफॉर्म संख्या एक पर कुछ देर के लिए भगदड़ मच गई। सूचना मिलने पर जीआरपी पुलिस घटनास्थल पहुंची। हालांकि तब तक सभी मनचले वनांचल एक्सप्रेस में सवार होकर भाग निकले थे।

जानकारी के अनुसार गोड्डा जिले के मड़पा बलबड्डा गांव निवासी प्रदीप सिंह व उसकी पत्‍‌नी उषा देवी, बांका जिले के बढ़ौना गांव निवासी नवल किशोर सिंह (बहनोई) अपनी पत्‍‌नी अंजु देवी व बच्चे छोटू कुमार व रोहित कुमार के साथ साप्ताहिक एक्सप्रेस से दिल्ली जानेवाले थे। लक्ष्मण अपने भाई व बहनोई को भागलपुर स्टेशन छोड़ने आया था। वे लोग प्लेटफॉर्म संख्या एक पर गाड़ी का इंतजार कर रहे थे। प्लेटफॉर्म संख्या एक पर ही वनांचल एक्सप्रेस लगी थी, जिसके खुलने का इंतजार कर रहे 15-20 मनचले युवकों ने प्लेटफॉर्म पर गाड़ियों का इंतजार कर रहीं युवतियों व महिलाओं पर फब्तियां कस रहे थे। इसी क्रम में दो मनचले एक महिला पर गिर पड़े। विरोध करने पर मनचलों ने प्रदीप, लक्ष्मण, नवल, रोहित, छोटू, अंजू व उषा की जमकर पिटाई कर दी। नवल, लक्ष्मण और प्रदीप जान बचाकर वहां से भागे तो पीछा कर मनचलों ने उनकी भी पिटाई कर दी। इसकी सूचना जब थानाध्यक्ष शशिभूषण चौधरी को मिली, तो वे दल-बल के साथ वहां पहुंचे और मामले की छानबीन की। इधर, स्टेशन प्रबंधक इंदू कुमार की सूचना पर रेलवे डॉक्टर ने सभी जख्मी लोगों का इलाज किया। बाद में सुरक्षा व्यवस्था में जीआरपी पुलिस ने परिवार के सभी सदस्यों को साप्ताहिक एक्सप्रेस में बैठाकर रवाना किया।

सोमवार, 25 अक्तूबर 2010

नक्सली घटना को लेकर हाई अलर्ट

भागलपुर ।प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक शैलेश कुमार सिंह ने शिवहर में हुई नक्सली घटना को लेकर भागलपुर, बांका व नवगछिया के पुलिस अधीक्षकों को सतर्क कर दिया गया है। तीनों जगहों के पुलिस अधीक्षकों को नक्सल प्रभावित इलाकों में थानों, पुलिस पिकेट की सुरक्षा और पैदल गश्त तथा वाहनों से होने वाली गश्ती संबंधी कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं।

भागलपुर और बांका के नक्सल प्रभावित इलाकों में अभियान में लगाए गए अ‌र्द्धसैनिक बलों की टुकड़ियों के साथ जिला पुलिस के पदाधिकारियों को अनिवार्य रूप से रहने को कहा गया है। यही नहीं किसी भी अभियान के पूर्व ज्वाइंट ब्रीफिंग करने को भी अनिवार्य बना दिया है। पुलिस पिकेट, थानों व आम लोगों की सुरक्षा के लिए एक एक्शन प्लान भी बनाया गया है। एक्शन प्लान के तहत नक्सल प्रभावित इलाकों में चुनाव के दौरान अ‌र्द्धसैनिक बलों के साथ जिला पुलिस के चुनिंदे पदाधिकारियों को लगाया जाएगा। बांका में चलाए जा रहे खास अभियान को और तेज करने को कहा गया है। बेलहर, कटोरिया, रजौन, शाहकुंड, सजौर, सुल्तानगंज, पीरपैंती, कहलगांव समेत सीमावर्ती इलाकों में विशेष चौकसी की जाएगी। तीनों जगहों के पुलिस अधीक्षकों को सीमावर्ती जिलों के पुलिस अधीक्षकों से सीधा संवाद कायम करने व सूचनाओं के आदान-प्रदान करने को कहा गया है। इधर, रविवार की शाम से बांका और भागलपुर के नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस संचार के तमाम आधुनिक संसाधनों से लैस नक्सलियों के किसी भी नापाक मंसूबों को नाकाम करने के लिए चौकसी शुरू कर दी है।

स्वयंसेवकों ने बताया वोट का महत्व

नाथनगर, भागलपुर । नाथनगर में मारवाड़ी कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. कैलाश प्रसाद साह के नेतृत्व में स्वयंसेवकों ने रविवार को लालूचक, कसबा, हसनाबाद, गढ़कछारी, मोहनपुर व नरगा मोहल्लों में घर-घर जाकर करीब दो हजार मतदाताओं को मतदान के लिए जागरूक किया। विशेष तौर पर स्वयंसेवकों ने युवा व महिलाओं को पहले मतदान फिर कोई काम करने के साथ कब, क्यों, कहां और किस तरह मतदान करेंगे इसकी विस्तृत जानकारी दी। इस मौके स्वयंसेवक छात्र कुन्दन गांधी, पल्लवी चटर्जी, अभिषेक, रजनीप्रभा, अंकिता, दीपशिखा, रोहित, मनीष, संतोष, वरूण व कपिलदेव मंडल आदि ने मतदाताओं को जागरूक किया।

पथ व पुल नहीं तो पोल नहीं

सबौर, भागलपुर । बीते 60 वर्षो से सड़क एवं पुल की मांग करते आ रहे मतदाताओं ने इस बार वोट बहिष्कार करने का फैसला किया है। रविवार को सबौर दक्षिणी क्षेत्र के कुरपट, बैजलपुर, मुशहरी, आमडांड, महेशपुर, शिवायडीह, बैजनाथपुर, परघड़ी, अलंग, महादलित टोला, अलीनगर, एवं तातपुर रंगा सहित दर्जनों गांव के लोगों ने कुरपट के पास पुल निर्माण के लिए प्रस्तावित घोघा नदी किनारे विशाल प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में लोग पथ एवं पुल नहीं तो वोट नहीं के नारे लगा रहे थे। इस मौके पर सभा की अध्यक्षता करते हुए पथ एवं पुल निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा कि यह क्षेत्र आजादी से लेकर आज तक विकास की रोशनी से कोसों दूर है। यहां के लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ-साथ प्रखंड सह जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग नहीं है। बरसात के दिनों में यह क्षेत्र करीब चार महीनों तक टापू में तब्दील हो जाता है। यहां की जिंदगी थम सी जाती है। महिलाएं प्रसव वेदना से इलाज के अभाव में बेमौत मारी जाती हैं। बीते दो माह में कुरपट की रिंकू देवी एवं परघड़ी की पारो देवी की मौत इलाज के अभाव में प्रसव पीड़ा से हो चुकी है। बैजलपुर के जिछो मंडल की मौत भी समय पर इलाज नहीं हो पाने के कारण हो चुकी है।

संघर्ष समिति के सचिव चंद्रशेखर मंडल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 13 मार्च, 2010 को विक्रमशीला महोत्सव के दौरान चार माह में सड़क एवं पुल निर्माण कार्य शुरू करवाने की घोषणा की थी। लेकिन उनकी घोषणा को सात माह गुजर गए। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र से अब तक मकबुल अहमद, सदानंद सिंह, महेश मंडल, स्व. सुधा श्रीवास्तव, भागवत झा आजाद, सुशील मोदी (व‌र्त्तमान में उपमुख्यमंत्री),सांसद के रूम में डॉ. रामजी सिंह, चुनचुन यादव, स्व.प्रभाष चंद्र तिवारी, सुबोध राय एवं व‌र्त्तमान में शाहनवाज हुसैन प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पर किसी ने पुल व पथ निर्माण की पहल नहीं की। समिति के संयोजक मो. बदरूद्दीन चिश्ती ने कहा कि समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो क्षेत्र की जनता अब जनहित याचिका दायर करेगी।

रविवार, 24 अक्तूबर 2010

26 से 28 तक भागलपुर में रहेंगे नीतीश

भागलपुर । चुनाव में राजग प्रत्याशियों के पक्ष में चुनावी सभाएं करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 26 से 28 अक्टूबर तक भागलपुर में प्रवास करेंगे। इस दौरान वे जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में कई जगहों पर सभा को संबोधित करेंगे।

शनिवार को यह जानकारी जदयू के जिला अध्यक्ष लक्ष्मीकांत मंडल ने दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सर्वप्रथम 26 अक्टूबर को कहलगांव विधानसभा अन्तर्गत मुक्तापुर मध्य विद्यालय में दिन के तीन बजे व चार बजे नाथनगर विधानसभा अन्तर्गत उच्च विद्यालय व ममलखा में सभा करेंगे। पांच बजे संध्या भागलपुर विधानसभा के बागवाड़ी (अलीगंज) में उनकी सभा होगी। उन्होंने बताया कि 27 अक्टूबर को सुबह नौ बजे कहलगांव विधानसभा के सनोखर, गोपालपुर विधानसभा के कदवा, प्रतापनगर में 10 बजे, बिहपुर विधानसभा अन्तर्गत खरीक उच्च विद्यालय में 11 बजे, सुल्तानगंज विधानसभा अन्तर्गत कृष्णानंद उच्च विद्यालय, सुल्तानगंज में चार बजे तथा नाथनगर विधानसभा के मेला मैदान, शाहजंगी में छह बजे वे सभा को संबोधित करेंगे। अध्यक्ष ने बताया कि 27 अक्टूबर को उच्च विद्यालय, जगदीशपुर में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और कृषि मंत्री रेणु कुमारी की संयुक्त सभा होगी। मुख्यमंत्री की 28 अक्टूबर को कहां-कहां सभाएं होंगी। इसकी सूचना बाद में आएगी।

शनिवार, 23 अक्तूबर 2010

मतदान व मतगणना केन्द्र पर मोबाइल की मनाही

भागलपुर । आदर्श चुनाव आचार संहिता के तहत अब चुनाव आयोग ने मतदान व मतगणना केन्द्रों पर मोबाइल या अन्य संचार उपकरण का उपयोग नहीं किए जाने देने निर्देश दिया है। इस निर्देश के बाद अब मतदान और मतगणना केन्द्रों से सौ मीटर की परिधि में मोबाइल, सेल्यूलर, वायरलेस सेट, कॉडलेस फोन ले जाने पर पाबंदी लगा दिया गया है।

शनिवार को वरीय पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) संजय सिंह ने चुनाव आयोग के इस निर्देश के आलोक में सभी पुलिस उपाधीक्षकों, इंस्पेक्टरों, थानेदारों को मतदान और मतगणना केन्द्रों पर आयोग की उस पाबंदी का सख्ती से पालन कराने का निर्देश जारी किया है। इस पाबंदी के दायरे में सभी अभ्यर्थी, निर्वाचन अभिकर्ता और सभी राजनैतिक दलों को भी लाया गया है। विधि व्यवस्था के प्रभारी पदाधिकारी, चुनाव कर्तव्य पर लगे सुरक्षाकर्मियों, प्रेक्षक, माइक्रो आ‌र्ब्जवर, पीठासीन पदाधिकारी समेत आयोग द्वारा मतदान केन्द्रों तक जाने को अधिकृत पदाधिकारियों को मोबाइल, सेल्यूलर, वायरलेस सेट, कॉडलेस आदि ले जाने की तो छूट मिली है, पर सभी स्विच ऑफ रखेंगे। आपातकालीन स्थिति में स्विच ऑन कर संचार यंत्रों का उपयोग करने के बाद फिर उसे स्विच ऑफ करने का निर्देश है। वहीं उपरोक्त पदाधिकारियों को मतगणना केन्द्रों पर मोबाइल ले जाने की छूट तो मिली है, पर मोबाइल सेटों को साइलेंट मोड में रखने को कहा गया है। किसी भी स्थिति में उपरोक्त पदाधिकारियों और आयोग द्वारा निर्देशित पदाधिकारियों को छोड़ मोबाइल या अन्य संचार उपकरणों के इस्तेमाल की छूट किसी और को नहीं दी गई है। एसएसपी ने सभी पुलिस पदाधिकारियों को आयोग के निर्देशों का पालन सख्ती से कराने को कहा है।

गुरुवार, 21 अक्तूबर 2010

केरोसिन की अधिक कीमत ले रहे हैं डीलर

भागलपुर । सरकार से हर माह जिले को केरोसिन का आवंटन मिल रहा है इसके बावजूद उपभोक्ता राशन दुकानों से खाली डिब्बा लेकर लौट जाते हैं। जहां मिल रहा है वहां निर्धारित दर से अधिक कीमत वसूली जा रही है। इसकी शिकायत पर नवगछिया में पिछले माह नौ जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों की अनुज्ञप्ति निलंबित की गयी है। जिला आपूर्ति पदाधिकारी ईश्वर चन्द्र शर्मा ने कहा है कि जिन डीलरों के द्वारा केरोसिन के नाम पर उनसे अधिक पैसा मांगा जाता है उसकी लिखित शिकायत उनसे करें। इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि नवगछिया अनुमंडल में शिकायत सही पाये जाने पर कार्रवाई की गयी है।

जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने कहा है कि इसका खुदरा विक्रय मूल्य 13 रुपये 02 पैसे से लेकर 13 रुपये 37 पैसे तक निर्धारित है। गोदाम से दूरी के हिसाब से कीमत में कुछ पैसे का अंतर आ सकता है। सूत्रों का मानना है कि खुदरा पैसा नहीं रहने की स्थिति में उपभोक्ताओं से 13 रुपये 37 पैसे के बदले 14 रुपये लिये जाते हैं। जब कि जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों का कहना है कि अगर कोई उपभोक्ता निर्धारित कीमत को जोड़कर ढाई या तीन लीटर की कीमत देते हैं तो उसे स्वीकार कर लिया जाता है। आपूर्ति कार्यालय ने दावा किया है कि केरोसिन का आवंटन जिले को प्रतिमाह मिल रहा है। इसमें किसी माह में गैप नहीं है। अब तो कूपन के आधार पर ही इसका वितरण होता है। एक माह के कूपन पर शहरी क्षेत्र में ढाई और ग्रामीण क्षेत्र में तीन लीटर केरोसिन दिया जा रहा है।

147 हॉकरों के माध्यम से वितरण व्यवस्था

नगर निगम क्षेत्र में 147 हॉकरों के द्वारा आम लोगों को केरोसिन बांटा जाता है। एक हॉकर को एक माह में एक हजार लीटर केरोसिन देने का आदेश है। अगस्त माह में जितना कूपन विभाग में जमा हुआ है उसके आधार पर अक्टूबर माह में आवंटन दिया गया है। इस माह 17 लाख 35 हजार 311 लीटर केरोसिन का आवंटन दिया गया है।

बुधवार, 20 अक्तूबर 2010

आंगनबाड़ी केन्द्रों में लागू होगा ड्रेस कोड

भागलपुर । आम तौर पर आंगनबाड़ी केन्द्रों से जुड़े बच्चे फटेहाली में रहते हैं। गरीबी के कारण इन बच्चों के तन पर सही तरह से कपड़ा नहीं रहता है। किसी बच्चे का शर्ट फटा हुआ मिलता है तो किसी का पैंट। ऐसे में आंगनबाड़ी केन्द्रों से जुड़े बच्चों में संस्कार भरने व पढ़ने का माहौल पैदा करने के लिए उन्हें अब पोशाक दिया जाएगा। इसका लाभ लड़का व लड़कियों दोनों को मिलेगा। हालांकि इसका लाभ यहां के बच्चे विधानसभा चुनाव के बाद ही उठा सकेंगे। इसके लिए भागलपुर जिले को दो करोड़ 21 लाख 50 हजार रुपए का आवंटन मिला है।

वर्तमान में जिस तरह सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चे ड्रेस कोड में नजर आते हैं, ठीक उसी तरह आने वाले दिनों में आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चे भी ड्रेस कोड में पढ़ते नजर आएंगे। आंगनबाड़ी केन्द्रों में ड्रेस कोड लागू हो गया है। यहां पढ़ने वाले तीन से छह वर्ष के बच्चे ब्लू पैंट और ब्लू शर्ट पहने हुए नजर आएंगे। इसके लिए प्रति बच्चे 250 रुपये की दर से जिले को आवंटन दिया गया है। एक केन्द्र में 40 बच्चे पढ़ते हैं, जिनकी उम्र तीन से छह वर्ष के बीच है। इसके लिए शिविर लगाकर राशि का वितरण किया जाएगा। बच्चों के अभिभावकों को राशि नगद दी जाएगी। सूत्रों ने बताया कि चुनाव के बाद राशि का उठाव कर केन्द्रों की संख्या का आकलन कर सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को दी जाएगी। जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या 2215 हैं।

मंगलवार, 19 अक्तूबर 2010

डॉ. अमरनाथ को मिलेगा स्वर्ण पदक

भागलपुर । तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर वनस्पति विज्ञान विभाग में अपना शोध कार्य पूरा कर चुके डॉ. अमरनाथ सिंह को कोलंबो(श्रीलंका) स्थित ओपेन इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी फार कंप्लीमेंटरी मेडिसीन ने अपने 48 वें विश्व काग्रेस में स्वर्ण पदक से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। विश्व कांग्रेस का आयोजन कोलंबो स्थित एशिया के सबसे बड़े भंडारनायके इंटरनेशनल मेमोरियल कांफ्रेस हाल में 12-14 नवंबर 2010 को होगा। वहां डॉ. सिंह को व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया है। डॉ. सिंह को इसी विश्वविद्यालय ने 2007 में डॉक्टर आफ साइंस की उपाधि प्रदान की थी। डॉ. अमरनाथ ने इस उपलब्धि के लिए अपने माता -पिता व अपने शोध निर्देशक स्नातकोत्तर वनस्पति विज्ञान विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. डॉ. एके. राय को देते हैं।

शनिवार, 16 अक्तूबर 2010

पांच प्रत्याशियों के नामांकन अस्वीकृत

भागलपुर जिले में पांच नामांकन पत्र अलग-अलग कारणों से अस्वीकृत कर दिये गए हैं। शुक्रवार को पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में नामांकन पत्रों की संवीक्षा (स्क्रूटनी) की गई। 158, नाथनगर विधानसभा क्षेत्र से झामुमो प्रत्याशी चन्द्रशेखर पासवान का नामांकन अस्वीकार किया गया। उनके नामांकन पत्र के साथ एक प्रस्तावक का नाम था जब कि दस प्रस्तावक का हस्ताक्षर होना चाहिए। बिहपुर में निर्दलीय छंगूरी शर्मा और पैंथर्स पार्टी के प्रभु नारायण यादव का नामांकन अस्वीकार कर दिया गया। निर्वाची पदाधिकारी ईश्वर चन्द्र शर्मा ने बताया कि अब इस विधानसभा में 12 प्रत्याशी रह गये हैं। पीरपैंती विधानसभा में अम्बेदकर नेशनल कांग्रेस की पुष्पा कुमारी का नामांकन अस्वीकार कर दिया गया है। पुष्पा ने नामांकन प्रपत्र में उम्र 23 वर्ष ही बताया है जबकि चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम अहर्ता 25 वर्ष है। निर्वाची पदाधिकारी शिव नारायण सिंह ने बताया कि इस विधानसभा में अब 14 अभ्यर्थी रह गये हैं। गोपालपुर विधानसभा में जेएंडके पैंथर्स पार्टी के राम विलास पासवान का नामांकन अस्वीकार कर दिया गया है। उनके नामांकन में नौ प्रस्तावकों ने अंगूठा निशान लगाया था जिसका सत्यापन नहीं था। निर्वाची पदाधिकारी सुशील कुमार ने बताया कि इस विधानसभा में अब 14 प्रत्याशी मैदान में रह गये हैं। कहलगांव विधानसभा में नेशनल टाइगर पार्टी के उम्मीदवार सुरेश पासवान का नामांकन पत्र जांच के बाद कुछ तकनीकी कारणों से स्थगित रखा गया है। निर्वाची पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार ने बताया कि श्री पासवान ने समय लिया है। 18 अक्टूबर को उनके मामले की सुनवाई की जाएगी। निर्वाची पदाधिकारी ने बताया कि 18 अक्टूबर को तीन बजे तक अभ्यर्थी प्रपत्र-पांच में आवेदन देकर नामांकन वापस ले सकते हैं।

रविवार, 3 अक्तूबर 2010

भागलपुर की बेटी का बॉलीवुड में धमाल

दक्षिण भारत में दो कामयाब फिल्मों में अभिनय का जलवा दिखा चुकीं नेहा अब बॉलीवुड में धमाल मचा रही हैं। महेश भट्ट की फिल्म क्रुक आठ अक्टूबर को रिलीज होने वाली है। इसको ले भागलपुर में भी उत्साह है। हो भी क्यों नहीं, फिल्म की हिरोइन नेहा शर्मा कांग्रेस नेता अजीत शर्मा की पुत्री हैं। पिता भी इस फिल्म की कामयाबी को ले काफी उत्साहित हैं। आठ अक्टूबर को रिलीज होने वाली फिल्म क्रुक से भागलपुर का नाम भी सुर्खियों में आ जाएगा। इमरान हाशमी के साथ इस फिल्म में मुख्य रोल निभाने वाली अदाकारा नेहा शर्मा भागलपुर की बेटी है। सात अक्टूबर 1987 को भागलपुर में जन्मी नेहा ने माउंट कार्मेल स्कूल से दसवीं और माउंट असीसि से बारहवीं की पढ़ाई की। इसके बाद नई दिल्ली स्थित निफ्ट से फैशन डिजाइनिंग का कोर्स पूरा किया। मॉडलिंग से फिल्मों में जलवा दिखाने उतरीं नेहा शर्मा दक्षिण भारत की दो सफल फिल्मों में भी अभिनय कर चुकी हैं। 28 सितंबर 2007 को चिरंजीवी के पुत्र रामचरण तेजा के साथ बनायी हुई पहली फिल्म चिरूथा रिलीज हुई। दोनों की यह पहली फिल्म थी। इस फिल्म ने दक्षिण भारत में काफी अच्छा व्यवसाय भी किया। अपनी फिल्म क्रुक की लांचिंग के लिए नेहा, इमरान हाशमी और निर्माता महेश भट़्ट शनिवार को पटना आए हुए थे। उनके पिता अजीत शर्मा कहते हैं कि नेहा अब अभिनय को ही अपना करियर बना चुकी है। यह गर्व की बात है कि भागलुपर की बेटी आज बॉलीवुड में परचम लहरा रही है। उन्होंने बताया कि नेहा भागलपुर भी आती, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से यह संभव नहीं हो पाया। इसके पूर्व भागलपुर के कई कलाकारों ने छोटे पर्दे (टेलीविजन) पर काम किया है। यह पहला अवसर है जब भागलपुर की बेटी बॉलीवुड की चर्चित फिल्म में मुख्य किरदार निभा रही है। अब बॉलीवुड के साथ भागलपुर को भी क्रुक फिल्म की कामयाबी से काफी आस लगी है।

बुधवार, 29 सितंबर 2010

जिंदगी का पावर छीन रहा पावरलूम

भागलपुर के नाथनगर में एक ऐसा मोहल्ला है, जहां जिंदगी की खातिर लोग मौत को गले लगा रहे हैं। यह उनकी मजबूरी है, पापी पेट का सवाल जो ठहरा। दो वक्त की रोटी के लिए उन्हें पावरलूम चलाना पड़ता है। पावरलूम चलाने के दौरान सूत का कण सांस के माध्यम से फेफड़े में फंस जाने से बुनकर बहुल्य इस क्षेत्र के अधिकांश लोग टीबी जैसी गंभीर बीमारी के शिकार हो रहे हैं। हम बात कर रहे हैं भागलपुर शहरी क्षेत्र के वार्ड नंबर सात में पड़ने वाले हसनाबाद, कसबा और गढ़कछारी मोहल्ले की, जहां लगभग प्रत्येक घर का एक व्यक्ति टीबी जैसी घातक बीमारी से ग्रसित हैं। इनमें वृद्ध से लेकर महिलाएं व बच्चे तक शामिल हैं। इस क्षेत्र के अधिकांश लोग गरीब तबके के हैं, जो पावरलूम चलाकर अपना और अपने परिवार का पेट पालते हैं। जिंदगी की जद्दोजहद में मौत का उपहार लेने वाले ऐसे लोगों की संख्या यहां 200 के करीब है, जिन्हें देखने मात्र से ही कुपोषण व टीबी ग्रसित होने का अंदाजा लगाया जा सकता है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन इनकी सुध लेना आज तक मुनासिब नहीं समझा। जिले में यक्ष्मा उन्मूलन अभियान की पोल खुल कर रह गई है। इनकी पीड़ा यहीं खत्म नहीं होती। पिछले दो वर्षो में जनवितरण प्रणाली की दुकान से बीपीएल परिवार वालों को एक बार भी अनाज नहीं मिला। नतीजतन लोग कुपोषण के भी शिकार हो रहे हैं। हसनाबाद मोहल्ले के टीबी रोगी मो. जियाउर रहमान, मो शुबराती, मो. इकराम, मो. शब्बीर, मो. अंसारी, मो. शमशाद, मो. अब्दुल गफार मियांजी, मो. शाहजहां, मो. अजीम एवं बीबी सोनी ने बताया कि मजदूरी से अर्जन की गई राशि से परिवार का भरण-पोषण करना संभव नहीं होता। कड़ी मेहनत और भोजन की कमी के कारण लोग ऐसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हो रहे हंै। लोगों ने बताया कि बीपीएल कार्ड के तहत दो वर्ष में मात्र एक बार ही आनाज मिला। मजदूरी से कमाए गये पैसे इतने कम होते हैं कि बाजार से अनाज खरीद कर खाना संभव नहीं होता। पीडि़तों ने बताया कि टीबी व कुपोषण के चलते मोहल्ले में दर्जनों लोग अपनी जान गवां चुके हैं, जिसकी सुध लेने आज तक कोई नहीं आया। सो, घुट-घुटकर मरना उनकी मजबूरी बनी है। नाथनगर रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी राजेन्द्र कुमार सिंह के अनुसार, अगर रोगी इलाज के अस्पताल में आएंगे तो उनका समुचित इलाज किया जाएगा।

रविवार, 26 सितंबर 2010

गांव छोड़ दो या गांव का पानी

भागलपुर जिला के जगदीशपुर प्रखंड स्थित फ्लोराइड प्रभावित गांव कोलाखुर्द के ग्रामीण फुलेश्वर ने बताया कि एम्स में इलाज के लिए गया तो डॉक्टर ने कहा गांव छोड़ दो या गांव का पानी। पीड़ितों में किसी के पैर की हड्डी टेढ़ी हो गई है या किसी की रीढ़ धनुष आकार की हो गई है। 21 वर्षीय मालती देवी बीमारी के कारण वृद्ध नजर आ रही थी।इस गाँव में पेयजल आपूर्ति की यही स्थिति रही तो 10 साल के बाद गांव का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। यह मानना है कल्याणी विश्वविद्यालय, नोएडा के पूर्व व्याख्याता सह रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ0 एमएन मजूमदार का। डॉ0 मजूमदार ने जगदीशपुर के फ्लोराइड प्रभावित गांव के बारे में बताया कि उन्होंने देश और विदेश के कई फ्लोराइड प्रभावित गांव का दौरा किया। लेकिन ऐसी स्थिति कहीं नहीं देखी। यहां 90 प्रतिशत आबादी गंभीर बीमारी से पीड़ित है। इस कारण इस गांव के लोगों की औसत आयु 50 साल के करीब हो गई है। गांव में विधवाओं की संख्या बढ़ती जा रही है।

डॉ. मजूमदार से लोगों ने अपनी पीड़ा भी बयां की। ग्रामीण फुलेश्वर ने बताया कि एम्स में इलाज के लिए गया तो डॉक्टर ने कहा गांव छोड़ दो या गांव का पानी। पीड़ितों में किसी के पैर की हड्डी टेढ़ी हो गई है या किसी की रीढ़ धनुष आकार की हो गई है। 21 वर्षीय मालती देवी बीमारी के कारण वृद्ध नजर आ रही थी।

जीबी कॉलेज नवगछिया में आयोजित सेमिनार में शामिल होने के लिए आए डॉ. मजूमदार ने कहा कि यहां फ्लोराइड मुक्त जल आपूर्ति के लिए सरकारी प्रयास पर्याप्त नहीं हैं। एक परिवार को मात्र 5 लीटर शुद्ध पानी ही मिल पा रहा है। उन्होंने चानन नदी से जल आपूर्ति को कारगर बताया। उन्होंने बताया कि ट्यूबवेल के बदले यदि तालाब से पानी की व्यवस्था यहां की जाए तो अधिक अच्छा होगा। डॉ. मजूमदार के साथ जीबी कॉलेज नवगछिया के रसायन विभाग के अध्यक्ष डॉ. बिन्देश्वरी सिंह और डॉ. अशोक कुमार झा भी कोलाखुर्द पहुंचे थे। उन लोगों ने गांव के दो किमी. क्षेत्र से पानी का सैंपल लिया है। इसकी जांच की जाएगी। वहीं इस संबंध पीएचईडी विभाग का कहना है कि कोलाखुर्द में फ्लोराइड मुक्त जल आपूर्ति के लिए 2008-09 में 75 फ्लोराइड रिमुवल हैंड पंप एटैचमेंट यूनिट लगाए गए हैं। इसके अलावा चांदपुर स्थित चानन नदी से कारनॉट साइकिल द्वारा पेय जल आपूर्ति की जा रही है।

मंदिर में नजर आएंगी मां दुर्गा

दुर्गा पूजा करीब आते ही शहरी क्षेत्र में प्रतिमाओं और पंडालों का निर्माण का कार्य तेज हो गया है। इस वर्ष मां दुर्गा की प्रतिमाओं को स्थापित के लिए भागलपुर में महरौली के छत्तरपुर दुर्गा मंदिर, बेंगलुरु के बेलूर मठ और दिल्ली के लाल किला की तरह पंडाल बनाए जा रहे हैं।

दुर्गा पूजा शुरू होने में अब महज 11 दिन शेष रह गए हैं। इस वजह से प्रतिमा और पंडालों को भव्य रूप में देने में कारीगार दिन-रात एक किए हुए हैं। हर वर्ष की भांति इस बार भी दुर्गा पूजा में शहर का मुख्य आकर्षण मारवाड़ी पाठशाला स्थित युवक संघ का पंडाल होगा। युवक संघ शहर वाशियों के लिए एक स्तरीय पंडाल बनवाने में लगा हुआ है। संगठन के सचिव बब्बन साह ने बताया कि युवक संघ का 28वां दुर्गा पूजा समारोह होगा। झारखंड स्थित गिरीडीह एवं मधुपुर के कलाकार महरौली स्थित मां दुर्गा के मंदिर का प्रतिरूप बना रहे हैं। यह पंडाल करीब 85 फीट ऊंचा और 6200 वर्गफीट में फैला होगा। 13 दिन पूर्व से ही दर्जन भर से अधिक कारीगर पंडाल निर्माण में लगे हुए हैं। कारीगर हरमुज ने बताया कि पंडाल में करीब 1800 बांस और 1200 किलो रस्सी का उपयोग किया जाएगा। हरमुज के साथ लुकमान व राजा मुख्य रूप से लगे हुए हैं। पूजा के आयोजन को लेकर अध्यक्ष डॉ. आरएन झा, मुख्य संयोजक किशोर कर्मकार, डॉ. सुरेश प्रसाद सिंह, डॉ. हेमशंकर शर्मा, डॉ. ओम प्रकाश, डॉ. डीपी सिंह, डॉ. शांतनु घोष, डॉ. सोमेन चटर्जी, दीपक साह, डॉ. शंकर, स्वपन कुमार कुमार साह, सहित देव ज्योति बोस, बच्चू डे, बबलू अनिक डे, शुतानु साधु सहित दर्जनों कार्यकर्ता योगदान दे रहे हैं।

इधर, मुंदीचक गढ़ैया स्थित सार्वजनिक दुर्गा स्थान में मां की प्रतिमा बेलूर मठ में विराजमान दिखेगी। पंडाल के निर्माण में पश्चिम बंगाल मालदा के कारीगर लगे हुए हैं। पूजा समिति के सदस्य प्रदीप साह ने बताया कि अध्यक्ष राजेश कुमार मंडल के नेतृत्व में भव्य आयोजन की तैयारी चल रही है। वहीं कचहरी चौक पर स्थापित की जाने वाली मां दुर्गा की प्रतिमा के लिए भव्य पंडाल का निर्माण चल रहा है। आयोजक सत्कार क्लब के धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि इस साल लाल किला का प्रतिरूप बनाया जा रहा है। मालदा के ही कारीगर यहां भी पंडाल के निर्माण में लगे हुए है। उन्होंने बताया कि संजीत शर्मा, दीपक कुमार, संतोष कुमार और दोपन कुमार सहित कई सदस्य सक्रिय योगदान दे रहे हैं।

रंगदारी मामले में व्याख्याता पुत्र भी गिरफ्तार

आभूषण व्यवसायी एवं तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति से मोबाइल पर संदेश भेज कर रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस ने एक और युवक को गिरफ्तार किया है। इसका नाम सुमित कुमार बताया जाता है। सुमित के पिता भागलपुर विश्वविद्यालय में व्याख्याता हैं। उसकी गिरफ्तारी शनिवार की देर शाम को पुलिस ने प्रोफेसर कॉलोनी स्थित क्वार्टर से की है।

इधर, सुमित को छुड़ाने के लिए अधिवक्ता, राजनीतिक दलों से जुड़े स्थानीय नेता के साथ उसके पिता कोतवाली थाना परिसर स्थित कार्यालय पहुंच कर सिटी डीएसपी से मिले। सुमित को सुधारने का एक मौका देने की डीएसपी गुजारिश की। लेकिन उन्होंने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया।

नगर डीएसपी डॉ. परवेज अहमद ने रविवार को बताया कि रंगदारी मामले में गिरफ्तार बीबीए के छात्र राहुल सिंह व अंकित सिंह, छोटू उर्फ अभिषेक की निशानदेही पर सुमित को दबोचा गया है। उन्होंने बताया कि अनिश सिंह के इशारे पर ही रंगदारी की मांग की गई थी। इस मामले में अनिश सिंह को पहले ही जेल भेजा चुका है। डीएसपी ने बताया कि कुलपति का मोबाइल नंबर उपलब्ध कराते हुए सुमित ने कहा था कि रंगदारी मांगने पर वीसी घबरा कर रकम दे देंगे। उन्होंने बताया कि मामले में संलिप्त अधिवक्ता पुत्र अंकुर सिंह एवं अजीत गुप्ता की गिरफ्तारी के लिए शनिवार रात उसके घर पर छापेमारी की गई। दोनों फरार हैं। दोनों की गिरफ्तारी के लिए संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार युवकों से पूछताछ जारी है।

शनिवार, 25 सितंबर 2010

जाम से परेशान शहरवासी

आए दिन सड़क जाम और इस बीच गाडि़यों की गूंजती हॉर्न की आवाज से भागलपुर के शहरवासी परेशान हैं। मोजाहिदपुर, तातारपुर, खलीफाबाग, तिलकामांझी, भीखनपुर, डिक्सन रोड, इशाकचक, नाथनगर, सुजागंज बाजार, एमपी द्विवेदी रोड, स्टेशन चौक व डीएन सिंह रोड में दिनभर जाम की स्थिति रहती है । नियमों का पालन करवाने के लिए तैनात सिपाहियों की शिथिल कार्रवाई तथा वाहन चालकों द्वारा यातायात नियमों का पालन नहीं करना जाम का मुख्य कारण रहता है । आगे बढ़ने की होड़ में कतार में चलने की बजाय टेम्पो, रिक्शा, मोटर साइकिल, साइकिल व ठेला को बीच में घुसाने की प्रवृति के कारण जाम की समस्या और गंभीर होती है । शुक्रवार को भी जाम समाप्त करवाने में पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी। मालगोदाम के पास सड़क किनारे बसों, मैक्सी, ऑटो सड़क पर खड़ा कर यात्री बैठाने के कारण डिक्सन रोड व मोजाहिदपुर रोड में जाम में फंसे लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ा। सुगम यातायात व्यवस्था के लिए प्रशिक्षु ट्रैफिक सिपाहियों की शहर के मुख्य चौराहों पर तैनाती की गई है। स्टेशन चौक, तिलकामांझी चौक, खलीफाबाग चौक, घूरनपीरबाबा मजार चौक, कचहरी चौक, पटलबाबू उल्टापुल तथा डिक्सन चौक के पास ट्रैफिक सिपाही के अलावा अतिरिक्त आरक्षी की भी तैनाती की गई है। बावजूद इसके शहर को जाम से निजात नहीं मिल रहा है। बल्कि जाम की स्थिति और गंभीर होती जा रही है।

गुरुवार, 23 सितंबर 2010

डेंगू की दहशत फैलने लगी

डेंगू की दहशत अब गंगापार में भी फैलने लगी है। इसका कारण है इन दिनों जहरीले मच्छरों का यहां प्रकोप बढ़ गया है। इस मच्छर के काटने से शरीर में जलन महसूस होती है। कई को तो शरीर में छोटे दाने एवं बुखार भी आ जाती है। जिसकी वजह से नवगछिया के इलाके में मच्छरदानी का उपयोग करने वालों की संख्या बढ़ रही है। स्थिति यह है कि प्राय: कपड़ों की दुकानों में अब मच्छरदानी की मांग बढ़ने लगी है। जहरीले मच्छरों के बढ़ते प्रकोप से नवगछिया नगर पंचायत ने जनता को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से बड़ी फॉगिंग मशीन भी मंगाई गई है।

बुधवार, 22 सितंबर 2010

बीमा अभिकर्ता पुरस्कृत

भारतीय जीवन बीमा निगम के 42 अभिकर्ताओं को अच्छे कार्य के लिए पुरस्कृत किया गया है । विकास अधिकारी रामावतार के अनुसार 27 फरवरी से जारी प्रतियोगिता में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले तीन अभिकर्ताओं को भीआईपी ब्रीफकेस, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले तीन अभिकर्ताओं को एरिस्टोक्रेट ब्रीफकेस , अच्छा प्रदर्शन करने वाले तीन अभिकर्ताओं को अल्फा ब्रीफकेस तथा अन्य 27 प्रतिभागी अभिकर्ताओं को बेडसीट प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। भारतीय जीवन बीमा निगम के बेगूसराय मंडल कार्यालय के विक्रय प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा ने सभी अभिकर्ताओं को पुरस्कार प्रदान किया। इस मौके पर खगडि़या शाखा के विक्रय प्रबंधक द्वय जयराम चौधरी एवं रवि प्रकाश मिश्रा, वरिष्ठ शाखा प्रबंधक पीआर शंकर तथा नवगछिया सेटेलाइट शाखा प्रबंधक डीपी रजक भी मौजूद थे।

डेंगू के 15 मरीज भर्ती , 47 का हो रहा इलाज

भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में मंगलवार को डेंगू के 15 नए मरीज इलाज के लिए भर्ती हुए। इनमें बांका, गोड्डा, दुमका व भागलपुर के मरीज हैं। इनमें से पांच मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है तथा दस मरीजों में लक्षण मिले हैं जिनकी जांच कराई जा रही है। जेएलएनएमसीएच के अधीक्षक डा. बिनोद प्रसाद के अनुसार चार मरीजों को मंगलवार की सुबह छुट्टी देने के बाद कुल 47 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इनमें 27 को डेंगू वार्ड तथा शेष को औषधि व मानसिक रोग वार्ड में भर्ती किया गया है।

अस्पताल सूत्रों ने बताया कि मंगलवार की सुबह आठ बजे के बाद जीछो के मो. एहसान, मुंगेर के किशोर मंडल, बांका के विश्वनाथ भगत, कहलगांव के बबलू मंडल, मोजाहिदपुर के तरूण सिन्हा, बांका के धीरज कुमार, गोड्डा के शंभू, नवगछिया के कृष्ण कुमार, गोड्डा के मो. रोकिया, सजौर की छोटी कुमारी, साहेबगंज (भागलपुर) की शहजादी, कजरैली की नमिता, मुंगेर के राहुल कुमार, दुमका के धर्मवीर तथा नाथनगर के प्रेम कुमार मिश्रा को इलाज के लिए भर्ती किया गया है।