सोमवार, 25 अक्तूबर 2010

पथ व पुल नहीं तो पोल नहीं

सबौर, भागलपुर । बीते 60 वर्षो से सड़क एवं पुल की मांग करते आ रहे मतदाताओं ने इस बार वोट बहिष्कार करने का फैसला किया है। रविवार को सबौर दक्षिणी क्षेत्र के कुरपट, बैजलपुर, मुशहरी, आमडांड, महेशपुर, शिवायडीह, बैजनाथपुर, परघड़ी, अलंग, महादलित टोला, अलीनगर, एवं तातपुर रंगा सहित दर्जनों गांव के लोगों ने कुरपट के पास पुल निर्माण के लिए प्रस्तावित घोघा नदी किनारे विशाल प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में लोग पथ एवं पुल नहीं तो वोट नहीं के नारे लगा रहे थे। इस मौके पर सभा की अध्यक्षता करते हुए पथ एवं पुल निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा कि यह क्षेत्र आजादी से लेकर आज तक विकास की रोशनी से कोसों दूर है। यहां के लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ-साथ प्रखंड सह जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग नहीं है। बरसात के दिनों में यह क्षेत्र करीब चार महीनों तक टापू में तब्दील हो जाता है। यहां की जिंदगी थम सी जाती है। महिलाएं प्रसव वेदना से इलाज के अभाव में बेमौत मारी जाती हैं। बीते दो माह में कुरपट की रिंकू देवी एवं परघड़ी की पारो देवी की मौत इलाज के अभाव में प्रसव पीड़ा से हो चुकी है। बैजलपुर के जिछो मंडल की मौत भी समय पर इलाज नहीं हो पाने के कारण हो चुकी है।

संघर्ष समिति के सचिव चंद्रशेखर मंडल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 13 मार्च, 2010 को विक्रमशीला महोत्सव के दौरान चार माह में सड़क एवं पुल निर्माण कार्य शुरू करवाने की घोषणा की थी। लेकिन उनकी घोषणा को सात माह गुजर गए। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र से अब तक मकबुल अहमद, सदानंद सिंह, महेश मंडल, स्व. सुधा श्रीवास्तव, भागवत झा आजाद, सुशील मोदी (व‌र्त्तमान में उपमुख्यमंत्री),सांसद के रूम में डॉ. रामजी सिंह, चुनचुन यादव, स्व.प्रभाष चंद्र तिवारी, सुबोध राय एवं व‌र्त्तमान में शाहनवाज हुसैन प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पर किसी ने पुल व पथ निर्माण की पहल नहीं की। समिति के संयोजक मो. बदरूद्दीन चिश्ती ने कहा कि समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो क्षेत्र की जनता अब जनहित याचिका दायर करेगी।

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