शुक्रवार, 26 नवंबर 2010
तापमान में आयेगी गिरावट बढे़गी ठंड
14 पीआरएस सहित नवगछिया के कार्यक्रम पदाधिकारी बर्खास्त
शुक्रवार को जिला पदाधिकारी राहुल सिंह ने अलग-अलग आदेश जारी कर नवगछिया के कार्यक्रम पदाधिकारी सहित 14 पंचायत रोजगार सेवकों को बर्खास्त कर दिया है।
वित्तीय अनियमितता के आरोप में डीएम ने मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी अबू बसर और पकड़ा पंचायत के पंचायत रोजगार सेवक को बर्खास्त करते हुए इस पंचायत के मुखिया के निलंबन का प्रस्ताव पंचायती राज विभाग को भेजने का आदेश दिया है। इस पंचायत के पीआरएस, मुखिया व कनीय अभियंता पर प्राथमिकी भी दर्ज होगी। उधर, एक अन्य आदेश में मनरेगा की विभिन्न योजनाओं में न्यूनतम उपलब्धि हासिल करने पर 13 पंचायत रोजगार सेवक का अनुबंध रद करते हुए बर्खास्त कर दिया गया है।
नवगछिया के कार्यक्रम पदाधिकारी पर घनश्याम प्रसाद सिंह की निजी जमीन से मनरेगा योजना के तहत मिट्टी काटने का आरोप सिद्ध होने पर कार्रवाई की गयी है। इस मामले की जांच ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव ने की थी। मामले में पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा ने संज्ञान लिया था।
उधर, पंचायत रोजगार सेवकों के कार्यों की समीक्षा के उपरांत यह पाया गया कि जिले के 13 पीआरएस ने न्यूनतम उपलब्धि भी हासिल नहीं की है। जब कि ग्रामीण विकास विभाग का स्पष्ट निर्देश है कि जिनकी उपलब्धि 30 प्रतिशत से कम होगी, उन्हें सेवा में नहीं रखा जाएगा। जिन पीआरएस का अनुबंध रद किया गया है उनमें पीरपैंती प्रखंड के बारा और पीरपैंती, नारायणपुर के नगरपारा उत्तर, जयपुर चुहर पूरब, सिंहपुर पश्चिम व बैकटपुर दुधैला, बिहपुर के वभनगामा, हरियो, झंडापुर पूरब और बिहपुर दक्षिण, इस्माइलपुर प्रखंड के लक्ष्मीपुर और पूर्वी भिट्टा तथा खरीक के लोकमानपुर शामिल हैं।
दर्जी की दुआ का दिखा दम
भीखनपुर गुमटी नंबर तीन में रहने वाले 70 वर्षीय खातीमुर रहमान के हाथों की हुनर ने उन्हें शोहरत दिलाई है। इस बार भी उन्होंने मुख्यमंत्री के लिए तीन जोड़़ी कुर्ता पैयजामा सिल कर पटना भिजवाया है। पटना से सिलाई का पैसा भी उसे मिल गया है। गुरुद्वारा रोड में डीलक्स टेलर के नाम से दुकान चलाने वाले खातीमुर रहमान का सीएम के कपड़ों की सिलाई से जुड़ा रिश्ता इतना मजबूत है कि इस बार के चुनाव में भी हाजी खातीमुर ने फिर से उनके मुख्यमंत्री बनने के लिए नमाजों के जरिए खुदा से दुआ भी मांगी थी। प्रचंड बहुमत मिलते ही घुरण मास्टर ने सीएम आवास फोन कर नीतीश को बधाई भी दी है।
चुनाव प्रचार के दौरान भागलपुर प्रवास के दौरान सीएम ने खातीमुर रहमान को बुलवा कर उनका कुशल क्षेम पूछते हुए उनसे चुनावी हालात का भी जायजा लिया था। तब खातीमुर ने उन्हें फिर से सीएम बनने की बात बताई थी। रहमान अपनी इस कारीगरी के बूते घुरण मास्टर के नाम से मशहूर हैं। उनकी मास्टरी की खासियत कपड़ों को काटने का अंदाज है। उनके द्वारा काटे गए कपड़े सिलने के बाद शरीर में फिट हो जाते हैं। पिछले सात वषरें से वे नीतीश कुमार के लिए दर्जनों जोड़ी कुर्ता व पायजामे की सिलाई कर चुके हैं। उनकी मुख्यमंत्री से जान पहचान की जड़ में नीतीश कुमार के मित्र उदयकांत मिश्रा है। वर्ष 2003 में दिल्ली में एक मुलाकात के दौरान उदयकांत मिश्रा के पहने कपड़े की सिलाई देखकर मुख्यमंत्री ने जब इसके बारे में जानकारी ली तथा पूछा की कपड़े दिल्ली में सिले हैं क्या। लेकिन जब उन्हें बताया गया कपड़ा भागलपुर से सिलाई कर मंगवाया गया है तो उन्होंने इसकी सराहना की। उदयकांत मिश्रा ने उन्हें बताया कि उनके घर से पारिवारिक संबंध वाले मोहल्ले के एक पुराने दर्जी खातीमुर रहमान से वे अपना कपड़ा सिलवाते हैं। तब से लेकर आज तक घुरण मास्टर लगातार समय-समय पर मुख्यमंत्री का कपड़ा सिल रहे हैं। अब जबकि नीतीश कुमार ने विकास के मुद्दे पर तीसरी बार सीएम की कुर्सी संभाली हैं तो घुरण मास्टर की अपेक्षा है कि भागलपुर में सिल्क के कारोबार, बुनकरों की हालत में सुधार व यहां से जल्द से जल्द हवाई उड़ान की दिशा में ठोस पहल करने की जरूरत है।
क्यों नहीं आईसीयू को बंद कर दिया जाए ?
भागलपुर । क्यों नहीं गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) को बंद कर दिया जाए? अब यह चर्चा चिकित्सकों के बीच होने लगी है। जब सरकार आईसीयू में चिकित्सकों एवं कर्मचारियों के पद को स्वीकृत नहीं कर सकती है तो इस यूनिट को चलाने का क्या उद्देश्य रह गया है। विशेषज्ञ के अलावा चिकित्सकों की कमी का असर मरीजों के इलाज पर पड़ रहा है। अगर कोई मरीज की मृत्यु हो जाती है तो सारा खामियाजा चिकित्सकों को भुगतना पड़ता है।
चार वर्ष पूर्व जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के इनडोर विभाग में आईसीयू खुला। इसका उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री द्वारा किया गया था। लेकिन अब तक इस विभाग में चिकित्सकों के पद स्वीकृत नहीं किए गए। नियमत: दो मरीजों पर एक चिकित्सक को रहना चाहिए। आईसीयू में 24 बेड है। इस हिसाब से कम से कम यहां 12 चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति होनी चाहिए। इसके एवज में यहां मात्र चार चिकित्सक हैं। हद तो यह है कि निश्चेतना विभाग के विभागाध्यक्ष को आईसीयू का भार सौंपा गया है। वहीं वरीय रेजिडेंट भी 50 वर्ष उम्र से कम के नहीं हैं। तीन पालियों में किसी तरह चिकित्सक मरीजों का इलाज करते हैं। उपर से न्यूरोसर्जन, यूरोसर्जन सहित विशेषज्ञों का अभाव है।
आईसीयू में उन्हीं मरीजों का इलाज करना है जो हृदय रोग के अलावा अन्य रोगों से उनकी स्थित गंभीर हो गई हो। लेकिन वैसे मरीजों को भी भर्ती कर लिया जाता है जिसकी स्थिति गंभीर नहीं रहती। हालांकि चिकित्सक ऐसे मरीजों को भर्ती नहीं करना चाहते, लेकिन इसके लिए पैरवी की जाती है। चुनाव के वक्त पैरवी के बल पर एक मरीज को भर्ती किया गया जिसे चोट ज्यादा नहीं लगी थी। सुबह वह मोटर सायकिल चलाता हुआ खुद चला गया। ऐसे में गंभीर मरीजों को शैय्या तक नहीं मिल पाती।
आईसीयू में दो इंक्यूबेटर गत नौ माह से खराब हैं। इस उपकरण में समय से पूर्व जन्म लिए बच्चों को स्वस्थ होने के लिए रखा जाता है। इस विभाग में वयस्क से दो सौ और शिशु से एक सौ रुपए प्रतिदिन लिए जाते हैं। लेकिन सुविधा नगण्य है। पेयजल का भी अभाव है। अगर बिजली नहीं रहे तो कर्मचारी के मन पर है कि वह जेनरेटर चलाए अथवा नहीं।
रिश्वत मांगने वालों की बेहिचक जानकारी दें
मंगलवार, 9 नवंबर 2010
यंत्र चालित नौका पर नाचती है मौत
क्या है फेरी एक्ट भागलपुर: फेरी एक्ट में जल परिवहन के तहत आने वाले नौका परिचालन का पूरा हिसाब-किताब रखा जाता है। इस एक्ट के तहत नदी में चलने वाली नाव का पंजीयन अनिवार्य है। इसके अलावा परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा नाविकों को नाव चलाने का लाइसेंस पूरी जांच पड़ताल के बाद दिया जाता है। नाव की क्षमता से लेकर उसकी गुणवत्ता की हर तरीके से जांच की जाती है। लेकिन भागलपुर जिले में आजतक फेरी एक्ट प्रभावी नहीं हो पाया है। और तो और प्रशासन को इतनी भी जानकारी नहीं है कि जिले में मोटरचालित कितनी नौकाएं चल रही हैं। क्या कहते जिला परिवहन अधिकारी जिला परिवहन पदाधिकारी शिवशंकर मिश्रा का कहना है फेरी एक्ट का प्रचलन यहां नहीं है। रही बात ओवरलोडिंग के कारण नाव डूबने की तो इसमें ज्यादा दोष यात्रियों का है जो नाविक के रोकने के बावजूद जबरन नाव पर चढ़ जाते हैं। अनुमंडल पदाधिकारी नवगछिया सुशील कुमार का कहना है कि ये बात सच है कि यंत्रचालित नावों में क्षमता से अधिक यात्रियों को बिठाने से नौका डूबती है। ओवरलोडिंग को रोकने के लिए प्रभावी अभियान चलाने की जरूरत है। नवगछिया के पुलिस उपाधीक्षक अरविन्द सिंह का कहना है कि फेरी एक्ट को प्रभावी किए बिना नाव पर ओवरलोडिंग को रोका नहीं जा सकता है।
रविवार, 7 नवंबर 2010
फिर दिखेगी स्वस्ति दिवाली दिलवालों की शो में
सुल्तानगंज में डेंगू से चार मरे
घाटों की सफाई आठ नवंबर से
माउंट कार्मेल स्कूल के उत्तर में पिप्पली घाट है। गत वर्ष कच्ची सड़क रहने से छठवर्तियों को घाट तक जाने में काफी परेशानी हुई थी। अब पिप्पली घाट जाने के रास्ते का पक्कीकरण हो गया है। साथ ही गंगा का पानी घटने से उक्त घाट की चौड़ाई भी बढ़ गई है। हनुमान घाट की चौड़ाई अन्य घाटों की तुलना में कम है। लेकिन यहां भी छठवर्तियों की भीड़ अर्घ्य देने के लिए जुटती है। यहां छठ पूजा समिति द्वारा घाटों की सफाई की जाती है। इसमें नगर निगम के सफाई कर्मचारी भी शामिल रहते हैं। खिरनी घाट खिरनी घाट में गत वर्ष भी नगर निगम द्वारा सफाई न कर सिर्फ खानापूर्ति की गई थी। अगर समिति के सदस्यों द्वारा सफाई नहीं की जाए तो यहां छठवर्ती नहीं आएंगे। उक्त घाट पर कपड़े बदलने के लिए चार स्थानों पर ईटों से घेराबंदी की गयी है। आदमपुर घाट की सफाई छठ पूजा समिति द्वारा शुरू कर दी गई है। समिति के सदस्य अजीत सिंह, संजीव राय, कर्नल रणजीत सिंह, देव कुमार ने बताया कि घाट पर बालू और पुआल के साथ सुरक्षा के लिए बेरिकेटिंग भी लगाए जाएंगे। दीपनगर घाट पर भी शहर के कई मोहल्लों के छठवर्ती अर्घ्य देने आते हैं । यहां समाज सेवा समिति का बैनर लगा दिया गया है लेकिन सफाई शुरू नहीं की गई है। समिति के सदस्य प्रमोद सिंह, छोटू कुमार और राकेश महतो ने बताया कि नगर निगम द्वारा सफाई नहीं की जाती है। बल्कि उक्त घाट पर कूड़ा फेंका जाता है। बूढ़ानाथ घाट की स्थिति अन्य घाटों की तुलना में दयनीय है। घाट जाने के रास्ते में कई स्थानों में बड़े-बड़े गढ्डों में जल-जमाव से तालाब का दृश्य बना है। घाट किनारे गंदगी फैली हुई है। स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा घाट की सफाई की जाती है। किलाघाट वार्ड संख्या 17 स्थित किलाघाट की स्थिति भी दयनीय बनी हुई है। वार्ड पार्षद प्रतिनिधि राजेश राय ने बताया कि पिछले वर्ष भी कई बार आग्रह करने के बाद छठ के एक दिन पूर्व सफाई प्रारंभ की गई। स्वयं मजदूर रखा गया लेकिन अभी तक निगम द्वारा पैसा का भुगतान नहीं किया गया है।
पशुओं में गर्भपात की बढ़ी बीमारी
सोमवार, 1 नवंबर 2010
निर्मल हुई गणतंत्र की गंगा
नीतीश राज में जनता को मिली निर्भीकता व चुनाव आयोग की निष्पक्ष मतदान की व्यवस्था ने यहां गणतंत्र की मैली हुई गंगा को निर्मल बना दिया। सुल्तानंगज विधानसभा क्षेत्र के सुल्तानगंज, बाथ, शाहकुंड, सजौर आदि थाना क्षेत्रों के अधिकतर बूथों पर पुलिस बलों की चुस्ती व अर्द्धसैनिक बलों की फुर्ती ने वोटरों को निष्पक्ष तरीके से वोट डालने का पावर दिया। सुल्तानगंज विधानसभा क्षेत्र के करीब दो दर्जन से अधिक बूथों पर ईवीएम की खराबी के कारण घंटे भर विलंब से मतदान शुरू हुआ। बावजूद इसके मौसम के मेहरबान मिजाज ने वोटरों का साथ दिया। लंबी कतार में खड़े रहने की ऊबन के बाद भी वोटरों का जोश ठंडा नहीं हुआ। इस इलाके में विकास सड़कों में भटकता दिखा। धान की मुरझाई बाली किसानों की पीड़ा बयां कर रही थी। मतदान की सबसे अधिक खूबसूरती थी आधी आबादी की उमड़ी भीड़ और उनका अनुशासन। बूथ संख्या 122 मध्य विद्यालय कुमैठा, बूथ संख्या 112 आदर्श संकुल विद्यालय आभारतनपुर, बूथ संख्या 28 राजकीयकृत दरबारी सिंह मध्य विद्यालय सुल्तानगंज, बूथ संख्या 155 मध्य विद्यालय कपसौना, बूथ संख्या 234 उच्च विद्यालय सजौर फतेहपुर, बूथ संख्या 192 क, ख उच्च विद्यालय शाहकुंड प्राथमिक विद्यालय सुखसरोवर, बूथ संख्या 204 मध्य विद्यालय घोरपीठिया आदि मतदान केन्द्रों पर ईवीएम की खराबी के कारण घंटे भर लेट से वोट चालू हुआ। इस कारण सजौर उच्च विद्यालय में पांच बजे के बाद भी लोगों को वोट डालने का अवसर मिला। विधानसभा क्षेत्र से 24 प्रत्याशियों के मैदान में रहने व संसदीय उपचुनाव साथ-साथ होने से वोटरों को तीन ईवीएम से पाला पड़ रहा था। इस कारण वोटर काफी भ्रमित होते रहे। यही कारण था कि मतदाताओं की कतार सुल्तानगंज विधानसभा क्षेत्र में ईवीएम की रफ्तार पर भारी पड़ रही थी।
जैसा करम करोगे, वैसा फल देगा मतदान
शहर के हर गली-मोहल्लों में बस एक ही चर्चा-कैसा लग रहा है? कौन निकलेगा? जवाब संदेह उपजाने वाली सुन चिंता की लकीरें और भी गहरी हो जाती हैं। सबसे ज्यादा चिंता तो उन्हें मतदान के घटते प्रतिशत को लेकर है। फिर एक बहस-मतदाता क्यों नहीं घरों से निकल रहे? मिरजानहाट में अजीत झा और सुनील बिहारी से मुलाकात होती है। बताते हैं-'देखिए राजनीतिक दलों के करम लोगों को रास नहीं आती। जो नाराज हैं, वह दूसरों को भी वोट के काबिल नहीं समझते। ऐसे में कहां से बढ़ेगा मतों का प्रतिशत?' इसी बीच लोजपा प्रत्याशी डा.एनके यादव और मेयर वीणा यादव पहुंचती हैं। डाक्टर साहब अपने पोलिंग एजेंट से पूछते हैं-कैसा चल रहा है? पोलिंग एजेंट के सकारात्मक जवाब से वे वाहन पर सवार हो आगे बढ़ जाते हैं। यहीं रामाशीष मंडल से मुलाकात होती है। वे बताते हैं कि मिला-जुला चल रहा है। इस बार वे किनारा लग सकते हैं।
मैं गुरहट्टा चौक पर हूं। सुरक्षा व्यवस्था ऐसी कि परिंदा भी पर नहीं मार सके। दाहिनी ओर एक दर्जन से अधिक मोटरसाइकिलें खड़ी हैं, जिसे सुरक्षा कर्मियों ने जब्त कर लिया है। मुझे सैप जवान रूकने का इशारा कर रहे हैं। संतुष्ट होने पर आगे बढ़ने की सहमति प्रदान करते हैं। इतने में भाजपा प्रत्याशी अश्रि्वनी कुमार चौबे पहुंच जाते हैं। सड़क किनारे खड़े कार्यकर्ताओं से इशारों में पूछते हैं-'वो वोट बंट रहा है या नहीं?' जवाब हां में मिलने पर चेहरे पर तनाव कुछ कम होता है। फिर वे काजीचक की ओर मुड़ जाते हैं। सिकंदरपुर के पास संतोष साई बताते हैं-'कल शाम तक मिरजानहाट का इलाका उनके लिए गड़बड़ था अब ठीक है। जीतेंगे तो वही। बस अभी तेल देखिए और तेल का धार देखिए।'
रेलवे स्टेशन और मुख्य बाजार का इलाका सुनसान है। दुकानें बंद पड़ी हैं। अघोषित कर्फ्यू का नजारा। वेरायटी चौक पर सड़क किनारे इक्के-दुक्के लोग खड़े हैं। वहां भी चुनावी चर्चा। एक ने कहा-'ठीक है कि लोग कम निकले लेकिन जो गिरा सौलिडे गिरा। ' दूसरे ने कहा-'बौरायल जैसन बात नहीं करिए। उनको अभिए तो बुझाइए रहा है। लगुआ-भगुआ को पांच साल सटाएल रखे का। देखिएगा 'उनको' एक मौका इस बार मिल जाएगा।' तीसरे ने कहा-'अरे मालिक, उनको कम कैसे आंक लिए। वूहौ खूब पैसा खर्च कयैले हैं। देखिएगा केतना वोट लाते हैं। कौन केतना बांटा है, लगाइएगा बाजी..।' पहले ने बीच-बचाव करते हुए कहा-'देखिए पांच बजने को है। कुछ देर में मतदान खत्म हो जाएगा। राजनीतिक टीकाकारों को विश्लेषण करने दीजिए। 24 तारीख को दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। आपस में लड़ने से क्या फायदा।' मतदान का समय खत्म हो चुका है। मतदान कर्मी ईवीएम को जल्दी-जल्दी सील करने में जुट गए हैं ताकि जल्द से मशीन को जमा कर महापर्व की थकान मिटा सकें।दिनकर ।
ईवीएम में आज बंद होंगे 107 प्रत्याशियों के भाग्य
भागलपुर : जिले के सभी सात विधानसभा क्षेत्रों में सोमवार सुबह सात बजे से वोट डाले जाएंगे। मतदान संध्या पांच बजे तक होगा। सभी 1820 मतदान केन्द्रों पर मतदानकर्मी पहुंच गए हैं। शांतिपूर्वक मतदान सम्पन्न कराने के लिए ठोस व्यवस्था की गई है। मतदान बाद 107 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में बंद हो जाएगा।
इस बीच रविवार को दो बार हेलीकॉप्टर से जिले के विभिन्न मतदान केन्द्रों का निरीक्षण किया गया। सभी मतदान केन्द्रों पर सीपीएमएफ की प्रतिनियुक्ति की गई है। इधर, मतदानकर्मियों ने पालिटेकनिक संस्थान से ईवीएम का व सैंडिस कम्पाउंड से मतदान सामग्री का उठाव किया। मतदान पर नजर रखने के लिए 452 पेट्रोलिंग मजिस्ट्रेट, 158 सेक्टर पदाधिकारी तथा 337 माइक्रो आब्जर्वर और 115 कैमरा मैन लगाए गए हैं। 32 बूथों पर वेब कास्टिंग की व्यवस्था की गई है।
इससे पूर्व सैंडिस कंपाउंड में गश्ती दल, सेक्टर पदाधिकारियों और माइक्रो आब्जर्वर को जिला निर्वाचन पदाधिकारी राहुल सिंह तथा एसएसपी संजय सिंह ने संबोधित किया और शांतिपूर्ण, निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन करने की हिदायत दी।
विधानसभा वार नियंत्रण कक्ष
जिला निर्वाचन पदाधिकारी राहुल सिंह ने सदर अनुमंडल कार्यालय परिसर में नियंत्रण कक्ष का गठन किया है। इन कक्षों का दूरभाष संख्या निम्न है। भागलपुर विधानसभा में नियंत्रण कक्ष की प्रभारी सीडीपीओ पुष्पा कुमारी हैं। यहां का दूरभाष नम्बर 0641-2420058 है। बिहपुर की प्रभारी सीडीपीओ निरूपा कुमारी हैं। इसका दूरभाष संख्या 0641-2420036 है। गोपालपुर की प्रभारी सीडीपीओ श्रुति को बनाया गया है। यहां का दूरभाष संख्या 0641-2420026 है। पीरपैंती की प्रभारी सीडीपीओ पूनम कुमारी हैं। दूरभाष संख्या 0641-2420049 है। कहलगांव की प्रभारी अलका आम्रपाली हैं। दूरभाष संख्या 0641-2420098 है। सुल्तानगंज की प्रभारी सीडीपीओ पामेला टुडू हैं। दूरभाष संख्या 0641-2420059 है। नाथनगर की प्रभारी सीडीपीओ श्वेता कुमारी हैं। दूरभाष संख्या 0641-2420091 है। नियंत्रण कक्ष के वरीय प्रभारी निरंजन कुमार झा तथा नोडल पदाधिकारी विजय उपाध्याय हैं।
चौथे चरण की 42 सीटों पर मतदान शुरू
राज्य निर्वाचन कार्यालय के सूत्रों ने यहाँ बताया कि प्रदेश विधानसभा की कुल 243 में से 42 सीटों और बांका लोकसभा उपचुनाव के लिए 10716 बूथों पर मतदान शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है। इसमें लगभग एक करोड़ 47 हजार 974 मतदाता मतदान करेंगे।
इस चरण में 42 में से 32 सीटो के लिए सुबह सात बजे से शाम पाँच बजे तक मतदान होगा जबकि सुरक्षा कारणों को लेकर अलौली (सु), सूर्यगढ़ा, तारापुर, जमालपुर, कटोरिया (सु), बेलहर सिकन्दरा (सु), जमुई झाझा और चकाई में सुबह सात बजे से तीन बजे तक ही वोट डाले जाएँगे।
सूत्रों ने बताया कि शहरी विधानसभा क्षेत्रों के मतदान केन्द्रों पर सुबह के समय मतदाताओं की लंबी कतार देखी जा रही है जिनमें युवाओं की संख्या अधिक है। हालाँकि ठंड के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बूथों पर मतदाता कम संख्या में पहुँच रहे हैं।
इस बीच राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) पी.के. ठाकुर ने यहाँ बताया कि सभी मतदान केन्द्रों पर शांतिपूर्ण ढंग से मतदान चल रहा है और अभी तक कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। मतदान को लेकर सुरक्षा के अभूतपूर्व प्रबंध किए गए हैं तथा बूथ लूटेरों और गड़बड़ी फैलाने वाले असामाजिक तत्वों को देखते ही गोली मारने के आदेश संबंधित जिला प्रशासन को दिए गए हैं।
ठाकुर ने बताया कि चुनाव वाले क्षेत्रों में चार हेलीकाप्टरों की मदद से गश्त की जा रही है। इसके अलावा अत्याधुनिक हथियारों से लैस अर्द्धसैनिक बल के जवान मतदान केन्द्रों के आसपास नजर रखे हुए हैं।
इस चरण में जिन प्रमुख दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दाँव पर लगी है उनमें स्वास्थ्य मंत्री नंदकिशोर यादव पटना साहिब और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री अश्विनी चौबे भागलपुर (दोनों भारतीय जनता पार्टी), बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय जनता दल के नेता शकुनी चौधरी (तारापुर) पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस नेता सदानंद सिंह (कहलगाँव) कांग्रेस के पूर्व सांसद धनराज सिंह (जमालपुर) राजद के पूर्व सांसद विजय कृष्ण (बाढ़), जनता दल यूनाइटेड के बाहुबली नेता अनंत सिंह (मोकामा) और जेल में बंद निर्दलीय रीतलाल यादव (दानापुर) शामिल हैं।
दूसरी ओर पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह के निधन से रिक्त हुई बांका संसदीय सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए स्व. सिंह की पत्नी पुतुल सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रप में चुनाव मैदान में हैं। उनका मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव से है। श्रीमती सिंह को जद यू और कांग्रेस ने अपना समर्थन दिया है।
जिन 42 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हो रहा है उनमें चेरियाबरियारपुर, बछवाडा, तेघरा, मटिहानी, साहेबपुर कमाल, बेगूसराय, बखरी (सु), खगडिया, बेलदौर, परबत्ता, लखीसराय, मुंगेर, बिहपुर, गोपालपुर, पीरपैंती (सु), कहलगाँव, भागलपुर, सुलतानगंज, नाथनगर, मोकामा, बाढ, बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब, फतुहा, दानापुर, मनेर, अमरपुर, धोरैया (सु), बांका, अलौली (सु), सूर्यगढ़ा, तारापुर, जमालपुर, कटोरिया (सु), बेलहर, सिकंदरा (सु), जमुई, झाझा और चकाई शामिल है।