रविवार, 7 नवंबर 2010

घाटों की सफाई आठ नवंबर से

भागलपुर। नगर निगम अब आठ नवंबर से छठ घाटों की सफाई करेगा। हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष घाटों में दलदल नहीं है। चूंकि इस बार बाढ़ के पानी के साथ बालू आने से मिट्टी में बालू के अंश रह गए है। साथ ही गंगा का जल स्तर घटने से घाटों की चौड़ाई भी बढ़ गई है। भागलपुर और नाथनगर में कुल 37 घाट हैं। स्वास्थ्य प्रभारी महेश साह के मुताबिक नगर आयुक्त विरेन्द्र कुमार द्वारा सफाई कार्य का निरीक्षण किया गया है। आठ नवंबर से घाटों की सफाई की जाएगी।
माउंट कार्मेल स्कूल के उत्तर में पिप्पली घाट है। गत वर्ष कच्ची सड़क रहने से छठवर्तियों को घाट तक जाने में काफी परेशानी हुई थी। अब पिप्पली घाट जाने के रास्ते का पक्कीकरण हो गया है। साथ ही गंगा का पानी घटने से उक्त घाट की चौड़ाई भी बढ़ गई है। हनुमान घाट की चौड़ाई अन्य घाटों की तुलना में कम है। लेकिन यहां भी छठवर्तियों की भीड़ अ‌र्घ्य देने के लिए जुटती है। यहां छठ पूजा समिति द्वारा घाटों की सफाई की जाती है। इसमें नगर निगम के सफाई कर्मचारी भी शामिल रहते हैं। खिरनी घाट खिरनी घाट में गत वर्ष भी नगर निगम द्वारा सफाई न कर सिर्फ खानापूर्ति की गई थी। अगर समिति के सदस्यों द्वारा सफाई नहीं की जाए तो यहां छठवर्ती नहीं आएंगे। उक्त घाट पर कपड़े बदलने के लिए चार स्थानों पर ईटों से घेराबंदी की गयी है। आदमपुर घाट की सफाई छठ पूजा समिति द्वारा शुरू कर दी गई है। समिति के सदस्य अजीत सिंह, संजीव राय, कर्नल रणजीत सिंह, देव कुमार ने बताया कि घाट पर बालू और पुआल के साथ सुरक्षा के लिए बेरिकेटिंग भी लगाए जाएंगे। दीपनगर घाट पर भी शहर के कई मोहल्लों के छठवर्ती अ‌र्घ्य देने आते हैं । यहां समाज सेवा समिति का बैनर लगा दिया गया है लेकिन सफाई शुरू नहीं की गई है। समिति के सदस्य प्रमोद सिंह, छोटू कुमार और राकेश महतो ने बताया कि नगर निगम द्वारा सफाई नहीं की जाती है। बल्कि उक्त घाट पर कूड़ा फेंका जाता है। बूढ़ानाथ घाट की स्थिति अन्य घाटों की तुलना में दयनीय है। घाट जाने के रास्ते में कई स्थानों में बड़े-बड़े गढ्डों में जल-जमाव से तालाब का दृश्य बना है। घाट किनारे गंदगी फैली हुई है। स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा घाट की सफाई की जाती है। किलाघाट वार्ड संख्या 17 स्थित किलाघाट की स्थिति भी दयनीय बनी हुई है। वार्ड पार्षद प्रतिनिधि राजेश राय ने बताया कि पिछले वर्ष भी कई बार आग्रह करने के बाद छठ के एक दिन पूर्व सफाई प्रारंभ की गई। स्वयं मजदूर रखा गया लेकिन अभी तक निगम द्वारा पैसा का भुगतान नहीं किया गया है।

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