शनिवार, 29 जनवरी 2011

भागलपुर को मिला रेल का तोहफा




आसाम और राजस्थान की सीधी ट्रेन सेवा के बाद रेलवे ने भागलपुर क्षेत्र की जनता के लिए बंगाल और नेपाल जाने के लिए भी एक विशेष साप्ताहिक ट्रेन दे दी है। जिसका पहला ठहराव 29 जनवरी शनिवार की शाम सात बजे नवगछिया स्टेशन पर हुआ। जब यह 15723 अप न्यू जलपाईगुड़ी से दरभंगा जा रही थी उसी दिन इस ट्रेन का न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से परिचालन प्रारंभ हुआ था।

जानकारी के अनुसार 15723 अप न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से दो फरवरी से प्रत्येक बुधवार की रात दस बजे खुलेगी जो नवगछिया गुरुवार पूर्वाह्न (रात्रि) को दो बजकर 37 मिनट पर पहुंचेगी। यहां दो मिनट का ठहराव होगा। इसके बाद सीधे बेगूसराय, बरौनी तथा समस्तीपुर में रुकते हुए गुरुवार की सुबह साढ़े आठ बजे दरभंगा पहुंचेगी। इसके साथ ही तीन फरवरी से 15724 डाउन गाड़ी प्रत्येक गुरुवार की शाम सात बजकर बीस मिनट पर दरभंगा से खुलकर उसी दिन रात के 11:25 बजे में नवगछिया भी पहुंच जाएगी, जो कटिहार, दालकोला, किशनगंज और अलुआबाड़ी रोड के बाद सीधे न्यू जलपाईगुड़ी शुक्रवार की सुबह 5:50 बजे पहुंच जाएगी। इस ट्रेन में 8 शयनयान श्रेणी तथा दो वातानुकूलित कोच के अलावा 4 सामान्य श्रेणी के यात्रियों के लिए बॉगी देखे गए।

शनिवार को दरभंगा की ओर जा रही 15723 अप न्यू जलपाईगुड़ी दरभंगा ट्रेन के नवगछिया स्टेशन पर ठहराव होने से रेलकर्मियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों में काफी उत्साह और हर्ष देखा गया। इस ट्रेन के लिए विधायक गोपाल मंडल(गोपालपुर) , कुमार शैलेंद्र(बिहपुर) , भाजपा के नवगछिया जिलाध्यक्ष सुबोध सिंह कुशवाहा, उपाध्यक्ष सह सांसद प्रतिनिधि प्रवीण भगत, मंत्री मुकेश राणा, जदयू नवगछिया जिला अध्यक्ष वीरेद्र कुमार सिंह, नवगछिया नगर पंचायत उपाध्यक्ष कृष्णदेव यादव, नगर पार्षद सोनी, विनोद मंडल, अरूण कसेरा, व्यवसायी पवन सर्राफ इत्यादि काफी लोगों ने रेल मंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया।

रविवार, 23 जनवरी 2011

लाल आतंक के खिलाफ मुर्गा देगा बांग

रूप कुमार, भागलपुर।
सोने का अंडा देने वाली मुर्गी अब नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की तकदीर बदलेगी। गरीबी का फायदा उठाकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भोले-भाले गरीब मजदूरों को अपने संगठन से जोड़ने की नक्सली चतुराई अब नहीं चलेगी। इन इलाकों में लाल आतंक के खिलाफ अब मुर्गा देगा बांग। दरअसल, बिहार कृषि विश्र्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मेवालाल चौधरी ने एक विशेष परियोजना बनाई है, जिसे शनिवार को हरी झंडी मिल गई है। इस परियोजना को बिहार के नक्सल प्रभावित हर जिलों में लागू करने की योजना है लेकिन प्रयोग के तौर पर इसे मुंगेर जिले से शुरू किया जा रहा है। परियोजना के अनुसार बीएयू नक्सल प्रभावित गांव के हर गरीब मजदूर परिवारों को 25 से 40 मुर्गी का चूजा देगी । इनमें से ग्राम प्रिया नामक मुर्गी का चूजा बिना मुर्गे के भी अंडा देगी। जबकि मीट के लिए एक परिवार को वनराजा नामक चूजा दिया जाएगा। ग्राम प्रिया को मजदूर देसी मुर्गी की तरह खुले में पाल सकते हैं। बीएयू बैकयार्ड पॉलिसी के तहत मुर्गे व मुर्गी के चूजों को देगी। देशी मुर्गी साल में 45 या 60 अंडा देती है, जबकि ग्राम प्रिया मुर्गी साल में 160 से 180 अंडे देती है। बीएयू प्रत्येक परिवार को 40 मुर्गी देगी। इससे साल में एक परिवार को 4 हजार अंडा होगा। इससे गरीब परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ- साथ परिवार को रोजगार भी मिलेगा। बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय पटना में फिलहाल 6 हजार मुर्गी के बच्चे हैं। इनमें से 3 हजार पैरेटैंस स्टॉक है, जिससे इस परियोजना के लिए 2500 और चूजों को हैचरी के जरिए तैयार किया जा रहा है। पटना पशु चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मणिकांत चौधरी ने बताया कि प्रत्येक परिवार को 6 से 8 सप्ताह का चूजा दिया जाएगा। चूजों को देने के पहले इस परियोजना से जुड़ने वाले हर व्यक्ति को मुर्गी पालन का प्रशिक्षण स्थानीय स्तर पर दिया जाएगा। प्राचार्य ने बताया कि नक्सली गरीबी का फायदा उठाकर गरीब व भोले-भाले लोगों को अपने प्रभाव में लाकर उनके जीवन में अंधेरा कर रहे हैं। लेकिन इस परियोजना से उनके जीवन में नई रोशनी आएगी। इधर, कुलपति ने इस संबंध में वहां के डीएम व पुलिस अधीक्षक से भी बात की है। डीएम व एसपी ने भी बीएयू की इस योजना को गले लगाते हुए मिशन में काफी रूचि ली है। परियोजना की कमान बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय पटना के प्राचार्य डॉ. मणिकांत चौधरी को सौंपी गई है।

रविवार, 9 जनवरी 2011

नहीं मिल रहा ठंड में ठौर

कड़ाके की ठंड ने सब कुछ ठंडा कर दिया है। कल तक सैंडिस कम्पाउंड में सुबह-शाम घूमने आने वालों की संख्या अब अंगुलियों पर गिनी जाने लगी है। दुकानदारों का व्यवसाय भी मंदा हो गया है। बच्चों ने घर से बाहर निकलकर खेलना छोड़ दिया है। वहीं बाजारों में पहले जैसी रौनक नहीं रही। कुल मिलाकर ठंड के संग पछुआ हवा व धुंध की मार ने सभी को बेजार कर दिया है। दस बजे के बाद आकाश से पानी की हल्की बूंदें टपकने लगती है। घने कोहरे के कारण पास की चीज भी दूर मालूम पड़ती है। शनिवार की रात शहर में कयामत की रात का अहसास करा गई। विद्युत आपूर्ति ठप रहने से पूरा शहर में अंधेरे में डूबा रहा।

मौसमी वेदशाला सबौर के अनुसार रविवार को न्यूनतम तापमान 5.1 डिग्री व अधिकतम तापमान 15.2 डिग्री दर्ज किया गया है। मौसम वैज्ञानिक प्रो. वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि अधिकतम तापमान में शनिवार के मुकाबले छह डिग्री की कमी दर्ज की गई है। अधिकतम तापमान में कमी होने से ठंड और बढ़ जाती है। ठंड के चलते आम जिंदगी लाचार हो गई है। अगले एक सप्ताह तक ठंड में किसी प्रकार की कमी नहीं होगी। हालांकि रविवार की दोपहर कुछ देर के लिए निकली धूप ने लोगों को थोड़ी राहत जरूर दी। धूप में बदन को सेंकने के लिए लोग छतों पर लेटे रहे।

खुली हवा में पशु भी लाचार

भागलपुर : ठंड की मार से न सिर्फ इंसान बल्कि जानवर भी परेशान हैं। आलम है कि बड़ी संख्या में पशु ठंड के कारण निमोनिया नामक बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। निमोनिया के कारण पशु काफी कमजोर हो रहे हैं। अगर पशु का इलाज तुरंत नहीं कराया गया तो उसकी जान भी जा सकती है। इसके अलावा अन्य बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ गया है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राजेश कुमार ने ठंड में पशुओं में होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए एक हेल्प नंबर जारी किया है जिसके जरिए पशुपालक बीमारी की रोकथाम व उपचार को लेकर महत्वपूर्ण सलाह प्राप्त कर सकते हैं। पशुपालक 9431046362 पर कॉल कर मुफ्त में पशुओं से जुड़ी पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। पशु चिकित्सक डॉ. राजेश ने बताया कि खुली हवा में अभी पशु को रखना खतरे से खाली नहीं है। ऐसे में पशुओं को हवा से बचाने के लिए पशुघर को चारों ओर से घेर देना चाहिए। इसके अलावा ठंड में दूध की मात्रा को बरकरार रखने के लिए पशुओं को सरसों की खल्ली देना चाहिए। ठंड के मौसम में सर्दी से पशुओं को बचाने के लिए उनके खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

15 तक बंद रहेंगे सभी स्कूल

कंपकपाती ठंड, कनकनी और शीतलहरी को देखते हुए भागलपुर जिला प्रशासन ने 15 जनवरी तक सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद करने का आदेश दे दिया है। पूर्व के आदेश पर सभी स्कूलों को 10 जनवरी से खुलना था लेकिन ठंड में कमी नहीं होने के कारण अब 15 जनवरी तक स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। जिला प्रशासन ने इस निर्णय से शहर के अधिकांश निजी स्कूलों (सेंट जोसफ, माउंट असीसी व माउंट कार्मेल आदि) को अवगत करा दिया है। उधर, रविवार को भागलपुर का न्यूनतम तापमान 5.1 और अधिकतम तापमान 15.2 डिग्री से. रहा।

बुधवार, 5 जनवरी 2011

मौसम हुआ कूल- कूल

भागलपुर। मौसम में ठंडक इस कदर घुल गई है कि सब कुछ कूल- कूल हो गया है। बुधवार को न्यूनतम तापमान में फिर गिरावट दर्ज की गई है। न्यूनतम तापमान ६ डिग्री से घट कर ४.५ डिग्री पहुंच गया है। अधिकतम तापमान 18.5 दर्ज किया गया है। मौसम विभाग के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि 15 जनवरी तक ठंड बढ़ती - घटती रहेगी। उन्होंने बताया कि सर्दी के सीजन में जनवरी महीने के प्रथम सप्ताह से लेकर दूसरे सप्ताह तक सबसे कम तापमान होता है।

जर्दालू आम के लिए लगेगी पाठशाला

भागलपुर। भागलपुर जिले के उद्यान फसल के रूप में चयनित जर्दालू आम को इस साल से लगाने के लिए आत्मा किसानों को प्रोत्साहित करेगी। इसके लिए 24 पंचायतों में फरवरी माह से किसान पाठशाला का आयोजन किया जाएगा। पाठशाला में किसानों को जर्दालू आम से जुड़ी जानकारी विस्तार से दी जाएगी।

कहलगांव, पीरपैंती, नाथनगर व सुल्तानगंज प्रखंड में दो-दो पंचायत, सबौर प्रखंड में तीन पंचायत, गोपालपुर प्रखंड के दो पंचायत के अलावा अन्य प्रखंडों के एक-एक पंचायत में पाठशाला लगाई जाएगी। आत्मा के परियोजना निदेशक संजय कुमार ने बताया कि जिले में इस बार 800 हेक्टेयर में जर्दालू आम को लगाया जाएगा।

पक्षियों से करें प्यार

रूप कुमार, भागलपुर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय पुस्तकालय परिसर में बुधवार को डॉ. जयंत जलद की अध्यक्षता में पक्षी दिवस पर खतरे में पक्षी एवं पारिस्थितिक असंतुलन पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में मंदार नेचर क्लब के क्षेत्रीय शोधकर्ता जयनंदन मंडल मौजूद थे। मंच संचालक अमरनाथ झा ने कहा कि आज भारतीय प्रजाति के कई पक्षी विलुप्त होने की कगार पर हैं। यह पारिस्थितिक असंतुलन की भयावह स्थिति का जनक है। मुख्य वक्ता जयनंदन मंडल ने कहा कि पर्यावरण संतुलन हेतु पक्षीराज गरुड़ ग्रेटर एडजुटैंट का प्रजनन स्थली भागलपुर दियारा है। सरकार की बेरूखी व अर्थाभाव में उचित व्यवस्था की कमी से यह विनाश की कगार पर है। उन्होंने बिहार में ह्वाईट नेक स्टॉर्क, ब्लैक नेक स्टॉर्क, लेसर एडजुटेंट स्टॉर्क के प्रजनन स्थलियों की चर्चा करते हुए इनके संरक्षण पर सरकार द्वारा समुचित ध्यान देने की जरूरत जताई। डॉ. जयंत जलद ने कहा कि मानव ने अपने ऐच्छिक सुख- सुविधा उपभोग की लालसा में अपनी बुद्धि का दुरूपयोग किया है। इस कारण राष्ट्रीय पक्षी मोर, गिद्ध, नन्हीं गोरैया व अन्य पक्षी विलुप्त होने की स्थिति में है। इसके समाप्त होने से भविष्य में प्रकृति के संतुलन में भयानक असंतुलन उत्पन्न होने वाला है। इस अवसर पर सुधीर मंडल, राजीव सिन्हा, अरविन्द योगेन्द्र, पूनम श्रीवास्तव, लीला देवी, भूदेव विश्वकर्मा ने पक्षी संरक्षण पर विचार व्यक्त किए। धन्यवाद ज्ञापन प्रज्जवल राय ने किया।