बुधवार, 5 जनवरी 2011
पक्षियों से करें प्यार
रूप कुमार, भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय पुस्तकालय परिसर में बुधवार को डॉ. जयंत जलद की अध्यक्षता में पक्षी दिवस पर खतरे में पक्षी एवं पारिस्थितिक असंतुलन पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में मंदार नेचर क्लब के क्षेत्रीय शोधकर्ता जयनंदन मंडल मौजूद थे। मंच संचालक अमरनाथ झा ने कहा कि आज भारतीय प्रजाति के कई पक्षी विलुप्त होने की कगार पर हैं। यह पारिस्थितिक असंतुलन की भयावह स्थिति का जनक है। मुख्य वक्ता जयनंदन मंडल ने कहा कि पर्यावरण संतुलन हेतु पक्षीराज गरुड़ ग्रेटर एडजुटैंट का प्रजनन स्थली भागलपुर दियारा है। सरकार की बेरूखी व अर्थाभाव में उचित व्यवस्था की कमी से यह विनाश की कगार पर है। उन्होंने बिहार में ह्वाईट नेक स्टॉर्क, ब्लैक नेक स्टॉर्क, लेसर एडजुटेंट स्टॉर्क के प्रजनन स्थलियों की चर्चा करते हुए इनके संरक्षण पर सरकार द्वारा समुचित ध्यान देने की जरूरत जताई। डॉ. जयंत जलद ने कहा कि मानव ने अपने ऐच्छिक सुख- सुविधा उपभोग की लालसा में अपनी बुद्धि का दुरूपयोग किया है। इस कारण राष्ट्रीय पक्षी मोर, गिद्ध, नन्हीं गोरैया व अन्य पक्षी विलुप्त होने की स्थिति में है। इसके समाप्त होने से भविष्य में प्रकृति के संतुलन में भयानक असंतुलन उत्पन्न होने वाला है। इस अवसर पर सुधीर मंडल, राजीव सिन्हा, अरविन्द योगेन्द्र, पूनम श्रीवास्तव, लीला देवी, भूदेव विश्वकर्मा ने पक्षी संरक्षण पर विचार व्यक्त किए। धन्यवाद ज्ञापन प्रज्जवल राय ने किया।
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