भागलपुर। निहार होटल के परिसर में पुष्प मित्र संस्था की ओर से रविवार को आयोजित पुष्प प्रदर्शनी सह प्रतियोगिता में नवगछिया बाजार निवासी व्यवसायी पवन कुमार सर्राफ ने 18 से अधिक पुरस्कार जीत कर फ्लावर शो के चैम्पियन ऑफ द चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया है। प्रतियोगिता में डॉ. हेमशंकर शर्मा की पत्नी सुजाता शर्मा ने दूसरा स्थान हासिल किया है। 21 सालों से आयोजित हो रहे इस पुष्प प्रदर्शनी में रविवार को पुष्प, सब्जी, फल, गार्डन की 100 कैटेगरी में 500 प्रवृष्टियों की इंट्री हुई थी। प्रथम व द्वितीय के कुल 39 पुरस्कार थे। फ्लावर शो के चैम्पियन ऑफ द चैम्पियन पवन कुमार सर्राफ घोषित किए गए जबकि प्रतियोगिता सह प्रदर्शनी में 21 वर्षों से लगातार शिरकत करने के लिए डॉ. हेमशंकर शर्मा को विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया। बेस्ट गार्डन छोटे आकार में डॉ. हेमशंकर शर्मा, बड़े आकार में आलोक ढांढनियां, टैरेस गार्डन में शिवेन्द्र कुमार सर्राफ व पवन कुमार सर्राफ, राजा को ब्लैककाडीनल के लिए किंग ऑफ दी शो, बोनसाय के लिए बैंक अधिकारी सुजय जायसवाल के अलावा आंनिदो बोस, संजय झा, निभा झा, एस. एन. जायसवाल, प्रो. विनोद कुमार, डॉ. अरशद अहमद, डॉ. बी. एल. चौधरी, ललन राय, किरण भगत, अभिजीत सहाय को भी पुष्प प्रतियोगिता में पुरस्कृत किया गया। संस्थान में अलंकृत बागवानी के लिए बाल भारती विद्यालय, नवगछिया को प्रथम व सरस्वती विद्या मंदिर नरगा को द्वितीय स्थान मिला। पुष्प मित्र संस्था के अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह ने आगत अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति डॉ. मेवालाल चौधरी ने सिल्क सिटी में ऐसे आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि पुष्प संस्था की मदद से पूरे भागलपुर को फूलों का शहर बनाने का बीड़ा बीएयू उठाएगी। उन्होंने पुष्प मित्र संस्था के संरक्षक का प्रस्ताव स्वीकार करते हुए फूलों से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियों से लोगों को अवगत कराया। पुरस्कार वितरण कुलपति डॉ. मेवालाल चौधरी व डॉ. हेमशंकर शर्मा ने किया। समारोह का संचालन अवकाश प्राप्त कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम. एम. पूजारी ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन सजय झा ने किया। इस अवसर पर तारापुर की विधायक नीता चौधरी, कमलमोहन ठाकुर, प्रो. धनंजय कुमार, डॉ. राजेश कुमार, पूनम सिंह, ज्योति ठाकुर, संजय कुमार शर्मा, तपन घोष, अजय रूंगटा, रामप्रकाश रूंगटा, डीपी सिंह सहित बड़ी संख्या में पुष्प प्रेमियों ने भाग लिया।
रविवार, 27 फ़रवरी 2011
चैम्पियन ऑफ द चैम्पियन पवन कुमार सर्राफ
बुधवार, 9 फ़रवरी 2011
जनगणना कार्य में सहयोग करें : डीएम
जिलाधिकारी ने कहा कि जनगणना कार्य में लगे प्रगणकों को सहयोग दें तथा पूछे गए सारे प्रश्नों का जबाव दें। चार्ज अधिकारी अनिल सिंह ने बताया कि जनगणना कार्य नौ फरवरी से 28 फरवरी की रात तक चलेगा। 28 फरवरी के दिन तक सामान्य जनगणना किया जाएगा वहीं रात को फूटपाथों पर सोए लोगों से जनगणना की जाएगी। उन्होंने बताया कि एक मार्च से पांच मार्च तक छुटे हुए लोगों की जनगणना की जाएगी। जिसके तहत छुटे हुए घरों तथा जन्म-मृत्यु का शुद्धिकरण किया जाएगा। जिलाधिकारी आवास पर अपर जिला जनगणना पदाधिकारी संजय कुमार सिन्हा, चार्ज अधिकारी अनिल सिंह, सहायक चार्य अधिकारी गोपेन्द्र घोष व प्रगणक उपस्थित थे।
प्रधान सचिव के आगमन पर चकाचक हो रहे अस्पताल
सदर अस्पताल में डॉ. विनय मिश्रा की देखरेख में सफाई कार्य किया जा रहा है। सदर अस्पताल के टूटे खिड़की के शीशे लगाए जा रहे हैं वहीं नालियों आदि की सफाई भी की जा रही है। मरीजों की शैय्या पर नए गद्दे भी बिछाए जा रहे हैं। वहीं जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल की बगानों की सफाई भी जारी है।
बिजली चोरी रोकना पहली प्राथमिकता : महाप्रबंधक
श्री सिंह ने कहा कि विद्युत चोरी करने वालों की खैर नहीं है। उन्होंने कहा कि चोरी रोकने के लिए व्यापक अभियान चलाया जायेगा। महाप्रबंधक ने कहा कि बिना मीटर के बिजली का उपयोग करने वाले कनेक्शनधारियों के यहां मीटर लगाया जायेगा। उन्होंने कहा कि जर्जर तारों को बदला जायेगा। श्री सिंह की तैनाती यहां तीसरी बार हुई है। इससे पहले वह यहां वर्ष 2001-02 में विद्युत आपूर्ति क्षेत्र में सहायक अभियंता तथा वर्ष 2006-07 में कार्यपालक अभियंता के रूप में कार्य कर चुके हैं। वह इसके बाद बांका में कार्यपालक अभियंता रहे। भागलपुर क्षेत्र से पूरी तरह परिचित श्री सिंह ने कहा कि वह अभी एक सप्ताह तक स्थिति का आंकलन करेंगे। इसके बाद उक्त दिशा में कार्रवाई शुरू करेंगे।
सोमवार, 7 फ़रवरी 2011
रूठी बौर, आम का नहीं ठौर
बसंत ऋतु का आगमन हो चुका है। लेकिन अब तक आम की डालियां मंजरों से नहीं लदीं। हालांकि छिटपुट पेड़ों पर मंजर दिखाई दे रहे हैं। यह स्थिति जलवायु परिवर्तन के कारण पैदा हुई है। दरअसल कड़ाके की ठंड ने मंजर के फलन की प्रक्रिया बाधित कर दी। आम तौर पर फरवरी के प्रथम सप्ताह में आम के पेड़ों पर मंजर दिखने लगता था। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर 30 दिनों के अंदर मंजर नहीं आया तो इस वर्ष आम सुलभ व सस्ता नहीं होगा। इस बार महज 20 फीसदी पेड़ों में ही मंजर आने की संभावना है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के उद्यान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. यूएस जायसवाल ने बताया कि अक्टूबर से ही मंजर निकलने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इसके लिए 16 से 20 डिग्री तापमान कम से कम दो सौ घंटे चाहिए। लेकिन फरवरी को छोड़ इस बार इतना तापमान कभी नहीं पहुंचा है। नतीजतन पहले अधिक ठंड व बाद के दिनों में ठंड नहीं रहने से मंजर का फलन नहीं हुआ। इसके अलावा बारिश न होने के कारण जमीन में प्रर्याप्त नमी नहीं है। उद्यान वैज्ञानिक प्रो. डीपी. साहा ने बताया कि भागलपुर व आसपास के क्षेत्रों में मालदह, बंबइया, फजली, गुलाबखस व अन्य किस्म के पाए जाने वाले आम अन्तरवर्षीय हैं। बागों का सही प्रबंधन न होने से अन्तरवर्षीय फलन की स्थिति पैदा हो रही है।
रविवार, 6 फ़रवरी 2011
..अरे देखो, लगता है वसंत आ गया
वसंत का मौसम आते ही हर चीजों में नई तरूणाई और जोश आ जाता है। हर मुरझाई चीज फिर से खिल उठती है। यहां तक कि सूखे पेड़ भी फिर से हरे होने लगते हैं।मानव से लेकार पशु पक्षी एवं पेड़ पौधे तथा खेतों तक में हरियाली छा जाती है । प्रकृति के इस सौंदर्य नजारे को नजदीक से निहारने का मन करने लगता है। वसंत में जब फूलों पर बहार आते है और खेतों में सरसों का फूल सोना जैसे चमकने लगता है। वहीं, जौ व गेहूं की बालियां खिलने लगती है, आमों के पेड़ पर बौर या मंजर आने लगते हें। चारो ओर मंजर की खुशबू फैलने लगती है। फूलों पर भवरें व तितलियां मंडराने लगती हैं तो हर किसी के मुंह से निकलने लगता है-अरे देखो लगता है वसंत आ गया।
वसंत एक ऋतु अथवा मौसम का नाम है। जो भारत की छह ऋतुओं में से एक है। जिसे लोग मनभावन मौसम भी कहते हैं। इस मौसम में मानव तो क्या पशु-पक्षी भी उल्लास भरने लगते हैं। यों तो माघ का पूरा मास ही उत्साह और उल्लास देने वाला होता है। माघ महीना आते ही माघी की पीली -पीली चुनरिया खेतों में दूर से ही लहलहाती नजर आने लग जाती है।
दर असल माघी का मतलब है माघ महीने में होने वाली विशेष फसल से। जिसका उपयोग किसान व मवेशी के साथ आम लोग सालों भर करते हैं। किसानों द्वारा रैंचा व सरसों की बुआई कार्तिक मास के बाद, छठ पर्व के आस पास की जाती है। जिसकी उपज प्रकृति पर निर्भर करती है। जगतपुर के अरविन्द यादव , विनोद यादव, साहू परवत्ता के राम कुमार साहू सहित कई किसान बताते हैं कि इस माघी फसल का उपज12 से 15 मन प्रति बीघा होती है। कभी-कभी 20 मन प्रति बीघा भी हो जाती है। जिसका उपयोग हम शुद्ध सरसों के रूप में सालभर करते हैं। वहीं, सरसों की खल्ली का उपयोग हम मवेशियों के भोजन के रूप करते हैं। ढाई से तीन किलो सरसों में एक किलो तेल निकल जाता है। बांकी खल्ली बच जाती है। गेहूं, चावल मक्का व अन्य सामान देखकर खरीद सकते हैं लेकिन तेल नहीं। जब से होश संभाला है अपनी माघी पर ही भरोसा छाया है। अपनी माघी का कोई जवाब नहीं।
जरूरतों पर चली कटौती की कैंची
डायन बनी महंगाई विकराल रूप लेती जा रही है। हर तबका इससे परेशान है। गरीबों को तो दाल-रोटी के लिए भी प्रतिदिन जूझना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों ने अपनी जरूरतों पर कटौती की कैंची चलाना सीख लिया है। सेहत से समझौता करना उनकी मजबूरी बन गई है। सबसे खस्ता हाल तो मध्यमवर्गीय परिवारों का है, जो परिवार का बोझ उठाते-उठाते कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं। निम्न मध्यमवर्गीय सरकारी सेवक प्रणीत कुमार मिश्रा की मासिक आय 11 हजार रुपए है। एक साल पहले तक वे इस पैसे में खुशी-खुशी छह सदस्यों वाले अपने परिवार का खर्च चलाते थे तथा दो से तीन हजार रुपए की बचत भी कर लेते थे। लेकिन पिछले एक साल में उनकी हालत पतली हो गई है। कर्ज लेकर परिवार चलाने की नौबत आ गई है। हरी सब्जी की जगह आलू और दूध वाली चाय की जगह नींबू चाय से ही दिनचर्या शुरू करनी पड़ रही है। नॉनवेज को तो बाय-बाय कर चुके हैं। वहीं, उच्च मध्यमवर्गीय शिक्षिका छाया पांडे की हालत भी कमोबेश ऐसी ही है। उनका मासिक वेतन 35 हजार है। महंगाई ने उनका बजट बिगाड़ दिया है। क्योंकि अब मासिक खर्च डेढ़ गुना अधिक हो गया है। पहले वे 10 हजार बचा लेती थीं अब 5 हजार भी नहीं बचते। क्योंकि रोजमर्रा की वस्तुएं एवं खाद्यान्न 25 फीसदी महंगे हो गए हैं।
मंगलवार, 1 फ़रवरी 2011
22 से होगी बीसीए व एमसीए की परीक्षा
110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें
सीओआईओयू सिस्टम से होगी ट्रेनों की रिपोर्ट
महानगरों की तरह भागलपुर में कोचिंग ऑपरेशन इनफॉरमेशन सिस्टम (सीओआईओयूसी) चालू हो जाएगा।
स्टेशन अधीक्षक (एसएस) इंदु कुमार के अनुसार देश के लगभग सभी बड़े स्टेशनों में सीओआईओयूसी व्यवस्था लागू हो गई है। उप स्टेशन प्रबंधक के सटे कमरे में सीओआईओयूसी कक्ष बनाया गया है। मालदा रेल मंडल के अंतर्गत मालदा के बाद भागलपुर स्टेशन में ऑपरेशन विभाग के कर्मी अभिषेक घोष द्वारा इस सिस्टम के तहत कम्प्यूटर लगा दिया गया है। उन्होंने बताया कि अब कंप्यूटर में यहां से खुलने वाली सभी ट्रेनों के नंबर, गाड़ियों के बोगियों की संख्या, इंजन नंबर, संबंधित ट्रेन के गार्ड व इंजन चालक सहित कई सूचनाएं कंप्यूटर में प्रतिदिन अंकित की जायेंगी। इसकी रिपोर्ट संबंधित कर्मियों द्वारा इंटरनेट से हावड़ा मंडल को भेजा जाएगा। स्टेशन मास्टर ने बताया कि बुधवार तक यह सिस्टम चालू करने की योजना है। इसके बाद मैनुअल सिस्टम समाप्त हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इस सिस्टम के चालू होने पर इंटरनेट के जरिए ट्रेनों की स्थिति जानी जा सकेगी। अभिषेक घोष ने बताया कि इसके बाद साहेबगंज, जमालपुर, किऊल व अन्य प्रमुख स्टेशनों में सीओआईओयूसी की व्यवस्था की जाएगी।
दो राजस्व कर्मचारी निलंबित
भागलपुर की मंडी में नासिक का प्याज
प्याज के थोक विक्रेता रंजीत साह बताते हैं कि जनवरी के पहले सप्ताह में प्याज की थोक कीमत 3000 रुपए से 4200 रुपए प्रति क्विंटल थी, जो 25 से 31 जनवरी के बीच कीमत 1000 रुपए से 2000 रुपए तक आ पहुंची है।
वहीं प्याज का खुदरा मूल्य 15 से 25 रुपए है। 15 रुपए में छोटा और कम क्वालिटी वाला प्याज मंडी में मिल रहा है। उच्च क्वालिटी का प्याज 25 रुपए प्रति किलो के आसपास मिल रहा है। वहीं मोहल्ले में फूटपाथी दुकानदार अभी भी 35 रुपए प्रतिकिलो तक प्याज की कीमत ले रहे हैं। प्याज व्यापारी प्रकाश कहते हैं प्याज की कीमत में अभी और कमी आएगी। होली के आसपास जैसे ही बाजार में स्थानीय फसल की आवक शुरू होगी मूल्य पूरी तरह सामान्य हो जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में अभी नासिक और गुजरात से प्याज आ रही है। प्याज की कीमत नियंत्रित होने का सबसे बड़ा कारण नए फसल का बाजार में आना है। इस दौरान मौसम ने भी साथ दिया। यदि मौसम दगा दे जाता तो प्याज की कीमत नियंत्रित होने में काफी परेशानी हो जाती। जमाखोरी के कारण प्याज की कीमत में इजाफा होने की संभावना बहुत कम रहती है। उन्होंने भागलपुर और आसपास में प्याज की खपत के बारे बताया कि प्रत्येक दिन एक ट्रक प्याज यानी करीब 10 टन प्याज की खपत है। जब प्याज की कीमत 40 रुपए प्रति किलो से अधिक थी तो बाजार से प्याज की रौनक गायब थी। इस दौरान प्याज की खपत 50 प्रतिशत से भी कम हो गई थी।