मंगलवार, 9 नवंबर 2010

यंत्र चालित नौका पर नाचती है मौत

रूप कुमार ,भागलपुर । हाल ही में पुनामाघाट से चली एक नौका कदवा जाने के बदले अंधेरे में मोटर फेल होने के कारण भटक कर अन्झरी घाट पहुंच गई। लंगर के सहारे नाव पर सवार पचास से अधिक यात्रियों को बचाया जा सका। जिले में 100 से अधिक ऐसे मोटरचालित नौकाएं हैं, जिनका न रजिस्ट्रेशन है और न लाइसेंस। ऐसे नाव पर हर दिन सैकड़ों लोग खेतीबारी या फिर अन्य कार्यों से नदी की लहरों से लोहा लेकर सफर पूरा करते हैं। एक ही नाव पर बैलगाड़ी, सवारी और भारी भरकम सामान भी लदे होते हैं। क्षमता से अधिक भार ढोते -ढोते नौका बीच मंझधार में फंस जाती है। जिले के पीरपैंती से लेकर सुल्तानगंज , करारी तिनटंगा से लेकर कहलगांव, इस्माइलपुर से लेकर घोघा, विजयघाट मिल्की से ढोलबज्जा तक जाने के लिए सौ से अधिक यंत्रचालित नावों का परिचालन जारी है। गंगा व कोसी दियारा के लोगों की एकमात्र सवारी इन दिनों नाव ही है। खेतीबारी से लेकर घर की सारी जरूरतों को पूरा करने के लिए नौका से नदी पार करना उनकी मजबूरी है। अधिकांश नाव हादसों की वजह ओवरलोडिंग होती है। जल्दी से घर पहुंचने की होड़ में लोग जिंदगी की परवाह किए बिना नाव पर सवार हो जाते हैं। मांझी रोके तो भी नहीं मानते और इस तरह नाव खुलने के साथ ही डगमगाने लगती है। नीतीश के शासन में बाद बढ़ती नौका दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए फेरी एक्ट को प्रभावी बनाने की पहल हुई थी। लेकिन फेरी एक्ट आज तक परिवहन विभाग के फाइलों में ही दम तोड़ रही है।
क्या है फेरी एक्ट भागलपुर: फेरी एक्ट में जल परिवहन के तहत आने वाले नौका परिचालन का पूरा हिसाब-किताब रखा जाता है। इस एक्ट के तहत नदी में चलने वाली नाव का पंजीयन अनिवार्य है। इसके अलावा परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा नाविकों को नाव चलाने का लाइसेंस पूरी जांच पड़ताल के बाद दिया जाता है। नाव की क्षमता से लेकर उसकी गुणवत्ता की हर तरीके से जांच की जाती है। लेकिन भागलपुर जिले में आजतक फेरी एक्ट प्रभावी नहीं हो पाया है। और तो और प्रशासन को इतनी भी जानकारी नहीं है कि जिले में मोटरचालित कितनी नौकाएं चल रही हैं। क्या कहते जिला परिवहन अधिकारी जिला परिवहन पदाधिकारी शिवशंकर मिश्रा का कहना है फेरी एक्ट का प्रचलन यहां नहीं है। रही बात ओवरलोडिंग के कारण नाव डूबने की तो इसमें ज्यादा दोष यात्रियों का है जो नाविक के रोकने के बावजूद जबरन नाव पर चढ़ जाते हैं। अनुमंडल पदाधिकारी नवगछिया सुशील कुमार का कहना है कि ये बात सच है कि यंत्रचालित नावों में क्षमता से अधिक यात्रियों को बिठाने से नौका डूबती है। ओवरलोडिंग को रोकने के लिए प्रभावी अभियान चलाने की जरूरत है। नवगछिया के पुलिस उपाधीक्षक अरविन्द सिंह का कहना है कि फेरी एक्ट को प्रभावी किए बिना नाव पर ओवरलोडिंग को रोका नहीं जा सकता है।

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