मंगलवार, 26 अक्तूबर 2010

छेड़खानी के विरोध पर कहर बनकर टूट पड़े मनचले

भागलपुर । सोमवार को रेलवे स्टेशन पर छेड़खानी का विरोध करने पर मनचलों की टोली एक परिवार पर कहर बनकर टूट पड़ी। मनचलों ने परिवार के सदस्यों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, जिसमें महिलाएं व बच्चे भी लहूलुहान हुए हैं। करीब दस मिनट तक चले इस तांडव से प्लेटफॉर्म संख्या एक पर कुछ देर के लिए भगदड़ मच गई। सूचना मिलने पर जीआरपी पुलिस घटनास्थल पहुंची। हालांकि तब तक सभी मनचले वनांचल एक्सप्रेस में सवार होकर भाग निकले थे।

जानकारी के अनुसार गोड्डा जिले के मड़पा बलबड्डा गांव निवासी प्रदीप सिंह व उसकी पत्‍‌नी उषा देवी, बांका जिले के बढ़ौना गांव निवासी नवल किशोर सिंह (बहनोई) अपनी पत्‍‌नी अंजु देवी व बच्चे छोटू कुमार व रोहित कुमार के साथ साप्ताहिक एक्सप्रेस से दिल्ली जानेवाले थे। लक्ष्मण अपने भाई व बहनोई को भागलपुर स्टेशन छोड़ने आया था। वे लोग प्लेटफॉर्म संख्या एक पर गाड़ी का इंतजार कर रहे थे। प्लेटफॉर्म संख्या एक पर ही वनांचल एक्सप्रेस लगी थी, जिसके खुलने का इंतजार कर रहे 15-20 मनचले युवकों ने प्लेटफॉर्म पर गाड़ियों का इंतजार कर रहीं युवतियों व महिलाओं पर फब्तियां कस रहे थे। इसी क्रम में दो मनचले एक महिला पर गिर पड़े। विरोध करने पर मनचलों ने प्रदीप, लक्ष्मण, नवल, रोहित, छोटू, अंजू व उषा की जमकर पिटाई कर दी। नवल, लक्ष्मण और प्रदीप जान बचाकर वहां से भागे तो पीछा कर मनचलों ने उनकी भी पिटाई कर दी। इसकी सूचना जब थानाध्यक्ष शशिभूषण चौधरी को मिली, तो वे दल-बल के साथ वहां पहुंचे और मामले की छानबीन की। इधर, स्टेशन प्रबंधक इंदू कुमार की सूचना पर रेलवे डॉक्टर ने सभी जख्मी लोगों का इलाज किया। बाद में सुरक्षा व्यवस्था में जीआरपी पुलिस ने परिवार के सभी सदस्यों को साप्ताहिक एक्सप्रेस में बैठाकर रवाना किया।

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