सरकार के निर्देश पर अति संक्षिप्त निरीक्षण में स्थानीय अधिकारियों को सबौर, जगदीशपुर और अमरपुर मार्ग में 50 एकड़ जमीन का पता चला है। ये सभी रैयती जमीन हैं। जमीन के अधिग्रहण में अनुमानित लागत करीब 11 करोड़ रुपये आएगी। जिस रैयत से जमीन ली जाएगी, उन्हें सवा दो गुणा अधिक मुआवजा मिलेगा।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट के फैसले के बाद सभी जिला पदाधिकारियों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई थी। रिपोर्ट में जिला प्रशासन को यह बताना था कि 50 एकड़ जमीन अधिग्रहण में अनुमानित लागत कितनी आएगी। इसके आधार पर तत्काल प्रारंभिक रिपोर्ट भेज दी गई है।
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