शुक्रवार, 3 दिसंबर 2010

भागलपुरी दूध पर आया दिल्ली का दिल

बिहार के बदलाव में दूध भी शामिल हो गया है। राष्ट्रीय राजधानी में दिहाड़ी, पढ़ाई व पत्रकारिता के क्षेत्र में परचम फहराने के बाद बिहारी दूध ने भी दिल्ली वालों को अपना मुरीद बना लिया है।

बाढ़ के कारण जब दिल्ली को पंजाब, हरियाणा से होने वाली दूध की आपूर्ति घटी तो वहां की डेयरी ने बिहार से दूध की मांग की। बिहार में भी भागलपुर डेयरी की दूध ने तो सब का दिल जीत लिया है। प्रयोग के तौर पर यहां से एक पखवाड़े के अंदर 40 हजार लीटर दूध दो टैंकर द्वारा भेजा गया। शुद्धता व मिठास से युक्त दूध की मांग इतनी बढ़ी की दिल्ली डेयरी ने अब हर रोज भागलपुर की सुधा डेयरी से 15 हजार लीटर दूध की मांग की है। फिलहाल दिल्ली डेयरी की इस मांग को पूरा करने के लिए यहां टैंकर का टोटा हो गया है। बुधवार को 16 हजार लीटर क्षमता वाले टैंकर में दूध की तीसरी खेप भेजी गई है। दिल्ली को दूध भेजने में शुद्धता को लेकर सुधा डेयरी बड़ी सावधानी बरत रही है। दियारा के दूध के बदले नवगछिया, बिहपुर, सजौर, सुल्तानगंज, गौराडीह, सजौर के इलाके का दूध डेयरी में विशेष रूप से इकट्ठा करने के बाद उसे और भी शुद्ध बनाया जाता है। दिल्ली में दूध का बड़ा बाजार उपलब्ध होने के बाद सुधा की स्थानीय डेयरी ने दिल्ली डेयरी से इसका वेंडर निबंधन भी करा लिया है। दिल्ली डेयरी के पैकिंग स्टेशन के रूप में भागलपुर की डेयरी शामिल हो गई है।

सुधा डेयरी के प्रबंधक पीके.वर्मा के निर्देश पर उपप्रबंधक अशोक पांडे की निगरानी में दिल्ली भेजे जाने वाले दूध को तैयार किया जाता है। उपप्रबंधक ने बताया कि दिल्ली भेजे जाने वाले दूध में सेल्फ लाइफ बहुत जरूरी है। इसलिए दूध को पहले दो से तीन डिग्री पर ठंडा कर उसे थर्मस की तकनीक पर आधारित टैंकर में स्टोर किया जाता है। टैंकर को दिल्ली पहुंचने में तीन दिन का समय लगता है। वहां छह डिग्री तापक्रम पर दूध को उतारा जाता है। दिल्ली के लिए एकत्रित दूध को 60 डिग्री पर उच्च श्रेणी की टेस्ट से गुजरना पड़ता है। दिल्ली की मांग को पूरा करने के लिए फिलहाल यहां सात टैंकर की जरूरत है। लेकिन महज एक टैंकर के कारण परेशानी हो रही है। ऐसे में सुधा डेयरी का टर्न ओवर इस साल 20 करोड़ से बढ़कर 30 करोड़ तक पहुंच गया है। वर्ष 11 तक इसे 40 करोड़ करने की योजना है।

क्या कहते हैं अधिकारी

सुधा डेयरी के प्रबंधक पीके. वर्मा का कहना है भागलपुर के गांवों का दूध दिल्ली में काफी पसंद किया जा रहा है। किसानों के लिए यह गौरव की बात है कि उनकी दूध राजधानी में हाथो-हाथ बिक रही है। पशुपालकों के लिए दिल्ली के रूप में दूध का एक बड़ा बाजार मिला है। आने वाले समय में यहां का दूध गुवाहटी भी भेजने की योजना है। भागलपुर को बिहार में मिल्क हब के रूप में विकसित करने की योजना पर सुधा कार्य कर रहा है।

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