रविवार, 26 दिसंबर 2010

सिल्क सिटी अब कहलाएगा मिल्क सिटी

रूप कुमार, भागलपुर
अब भागलपुर की एक नई पहचान दूध उत्पादन के क्षेत्र में बन रही है। अंग क्षेत्र में दूध उत्पादन की बढ़ी संभावना को देखते हुए सुधा डेयरी ने सिल्क सिटी को मिल्क हब बनाने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत नए साल में दूध उत्पादन से लेकर समितियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। वर्ष 1994 में सुधा डेयरी की स्थापना भागलपुर में हुई थी।

अभी 40 हजार लीटर दूध की होती है खरीद

भागलपुर में हर दिन सुधा 40 हजार लीटर दूध की खरीद करती है। इसमें से 10 हजार लीटर शहरी क्षेत्र के बूथों को आपूर्ति कर शेष दूध को सूबे से बाहर अन्य जिलों में भेजे जाते हैं।

कहां-कहां भेजे जाते हैं दूध

दिल्ली में पांच हजार लीटर, बोकारो में दस हजार लीटर, जमशेदपुर में पांच हजार लीटर, सहरसा व सुपौल में आठ हजार लीटर, देवघर में डेढ़ हजार लीटर, दुमका-जामताड़ा डेढ़ हजार लीटर दूध यहां से भेजे जाते हैं।

26 हजार पशुपालक जुड़े हैं, टर्न ओवर तीस करोड़ का

सुधा डेयरी से फिलहाल भागलपुर, मुंगेर व बांका के 26 हजार पशुपालक 340 समितियों के माध्यम से जुड़े हुए हैं। पिछले साल के मुकाबले सुधा का टर्न ओवर 20 करोड़ से बढ़कर 30 करोड़ पहुंच गया है। नए साल में टर्न ओवर 40 करोड़ का रखा गया है।

क्या है प्लानिंग

सुधा ने 50 हजार लीटर दूध खरीदने की प्लानिंग की है। नए साल में सुधा समितियों की संख्या 434 करने जा रही है। सुधा ने मुंगेर, बांका में 15 व 10 हजार लीटर क्षमता के दुग्ध शीत गृह को स्थापित किया है। इसके अलावा संग्रामपुर, सजौर, मदहतपुर, झंडापुर व सोनवर्षा में पांच से दो हजार लीटर की क्षमता के शीतगृह के जरिए पशुपालकों को दूध स्टोर करने में मदद मिल रही है। इसके अलावा पीरपैंती में पांच हजार लीटर वाला शीत गृह 25 लाख की लागत से, शाहकुंड प्रखंड के अंबा गांव में 15 लाख की लागत से 1 हजार लीटर, रजौन के कटचातर में 15 लाख की लागत से 1 हजार लीटर, मुंगेर के रामपुर में इतने ही लाख से 1 लाख हजार लीटर व बांका जिले में दो स्थानों पर 25 -25 लाख की लागत से 5-5 हजार लीटर की क्षमता के दो शीतगृह बनाए जाएंगे। किसानों को समितियों के माध्यम से दूध की राशि का भुगतान करने के बदले उन्हें जल्द ही एटीएम द्वारा राशि पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है।

क्या कहते हैं अधिकारी

भागलपुर: सुधा के प्रबंध निदेशक पीके. वर्मा ने बताया कि भागलपुर को मिल्क हब बनाने के लिए सुधा ने योजना बनाई है। सुधा की योजना है 2015 तक हर गांव में दुग्ध उत्पादन सहकारी समिति का गठन हो। डेयरी में किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए ट्रेनिंग सेंटर बनाया जाएगा। इसके अलावा पशुओं के पौष्टिक आहार के लिए सुधा प्लांट की भी स्थापना की जाएगी। झारखंड के अलावा दिल्ली को दूध भेजने के बाद अब सुधा के द्वारा गुवाहटी को दूध भेजने की योजना है। जरूरत पड़ने पर सुधा के बूथ गांवों में भी खुलेंगे।

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