शनिवार, 19 दिसंबर 2015

नौ मई को दो घंटे पहले होगा सूर्यास्त

वर्ष 2016 में दो सूर्य ग्रहण होंगे। इसमें पहला नौ मार्च बुधवार (फाल्गुन कृष्ण अमावस्या) को पड़ेगा जो भारत में ग्रस्तोदित खंड सूर्य ग्रहण के रूप में दिखेगा। दूसरा सूर्य ग्रहण
एक सितंबर 2016 गुरुवार को (भाद्र कृष्ण अमावस्या) कंकड़ा कृति का होगा जो भारत में नहीं दिखेगा।
इन दो ग्रहणों के बीच 2016 में एक बड़ी खगोलीय घटना नौ मई को होगी। यह खगोलीय घटना भारत सहित पूरी दुनिया में देखी जा सकेगी।
प्रख्यात ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार, यह अद्भुत खगोलीय घटना भारतीय मानक समयानुसार शाम 4.41 बजे से रात्रि 12.12 बजे तक होगी। काशी में यह खगोलीय घटना शाम 4.41 बजे से लेकर सूर्यास्त 6.31 बजे तक देखी जा सकती है। इसे नग्न आंखों से देखने का प्रयास कदापि नहीं करना चाहिए।
भारत के अतिरिक्त यह खगोलीय घटना एशिया के अधिकांश भाग (दक्षिण पूर्वी एशिया व जापान को छोड़कर) यूरोप, अफ्रीका, ग्रीनलैंड, दक्षिण व उत्तर अमेरिका, आर्कटिक क्षेत्र, उत्तर अटलांटिक महासागर व प्रशांत महासागर के अधिकांश भाग में दिखेगी।
बुध का संपूर्ण पारगमन उत्तर अमेरिका के पूर्वी भाग, दक्षिण अमेरिका का उत्तरी भाग, आर्कटिक क्षेत्र, ग्रीनलैंड व अफ्रीका के सुदूर उत्तर पश्चिमी भाग, पश्चिमी यूरोप व उत्तर अटलांटिक महासागर में देखा जा सकेगा।
सिर्फ आरंभ दिखेगा, अंत नहीं
भारत में इस घटना का आरंभ सभी स्थानों पर देखा जा सकेगा लेकिन इसका अंत अपने देश में कहीं भी दृश्यमान नहीं होगा। इस वजह से भारत में निर्धारित समय से करीब दो घंटे पूर्व ही सूर्यास्त की स्थिति देखने को मिलेगी जो कि वास्तव में पारगमन का असर होगा। अर्थात नौ मई को दो घंटे पूर्व ही अंधेरा छा जाएगा।

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