आपके घर में बिजली की खपत अगर ज्यादा है और सेंक्शन (स्वीकृत) लोड की मंजूरी कम की ली हुई है तो भी कोई बात नहीं। न तो आपके घर में विजिलेंस विंग के छापे पड़ेंगे और न ही अधिक बिजली की खपत पर जुर्माना लगेगा।
कनेक्शन भी नहीं कटेगा। बिजली वितरण कंपनियों ने इस बार मांग आधारित (डिमांड बेस्ड) टैरिफ का प्रस्ताव दिया है, जिसके मुताबिक जितनी ज्यादा बिजली खपत होगी, उसी के आधार पर बिल भी चुकाना पड़ेगा।
बिजली वितरण कंपनियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक निर्धारित लोड से अधिक बिजली का उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को नई टैरिफ में काफी राहत मिलने जा रही है। लोड से अधिक बिजली इस्तेमाल करते पाए जाने पर केवल उन्हें बढ़े हुए बिल का भुगतान करना पड़ेगा। साथ ही उनकी इच्छा हुई तो उनके मीटर की श्रेणी बदली जाएगी।
पिछली बार ऐसा ही सुझाव बिहार विद्युत विनियामक आयोग की ओर से बिजली कंपनियों को दिया गया था, जिसे व्यावहारिक नहीं माना गया था। इस बार बिजली कंपनियों ने ही यह प्रस्ताव तैयार किया है।
बिजली कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक उपभोक्ता अपनी जरूरत के हिसाब से ही लोड सेंक्शन कराते हैं। समय के साथ जब उनके परिवार का दायरा बढ़ जाता है तो बिजली की खपत भी बढ़ जाती है।
कई बार बढ़ी हुई जरूरतों के मुताबिक उपभोक्ता बिजली का इस्तेमाल तो करते जाते हैं, लेकिन अपने मीटर की श्रेणी नहीं बदलवाते हैं। क्योंकि ऐसा करने पर उनकी बिजली दरों में इजाफा हो जाता है।
इससे बिजली बिल भी अधिक आने लगता है। इसी दौरान अगर ऑपरेशन विंग या विजिलेंस विंग की टीम छापे मारती है तो मामला पकड़ में आ जाता है। ऐसे में उनपर अवैध रूप से बिजली खपत करने का केस बन जाता है। मोहल्ले में उनकी फजीहत होती है और जुर्माना भी वसूला जाता है। नए टैरिफ प्रस्ताव को अगर मंजूरी मिलती है तो उपभोक्ताओं को इन सारे झंझटों से मुक्ति मिल जाएगी।
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