बुधवार, 16 सितंबर 2009

ज्योतिष की आवश्यकता जन्म से मरण तक

महंथ वैदेही शरण संस्कृत महाविद्यालय द्वारा आयोजित वैदेही प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह में रविवार को ज्योतिष शास्त्र के प्रशिक्षण प्राप्त ज्योतिषियों द्वारा इसकी महत्ता पर प्रकाश डाला गया। कहा कि आज के युग में ज्योतिष के बिना कोई भी कार्य सुचारु रूप से संपन्न नहीं हो सकता है। इसकी आवश्यकता जन्म से मरण तक है। प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह की अध्यक्षता इंटरस्तरीय उच्च विद्यालय के पूर्व प्रधानाध्यापक प्रेम नारायण सिंह कर रहे थे। इस समारोह में प्राचार्य बुद्धि प्रकाश ठाकुर ने बताया कि प्रशिक्षण शिविर में 10 ज्योतिषियों को प्रशिक्षण दिया गया। समारोह में कामेश्र्वर सिंह संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य, श्रवण कुमार शास्त्री व्याकरण व्याख्यात, सुरेन्द्र कुमार मिश्र, समाज सेवी बच्चा प्रसाद, पंडित अशोक शर्मा, ज्योतिष राज आनन्द, रूपा कुमारी, निरंजन झा, विभाष कुमार, मुकेश कमुार झा, ज्योतिष कुमार एवं रूपेश कुमार शाह उपस्थित थे। मंच संचालन साहित्य व्याख्यात प्रभात कुमार भारती ने किया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.