गुरुवार, 5 अगस्त 2010

जनता के विश्र्वास का सेतु है विजय घाट पुल

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विजय घाट का पुल अंग और मिथिला के मिलन का आधार साबित होगा। यह सेतु जनता के विश्र्वास का सेतु है। मैंने, आप लोगों से पांच साल का जो एकरारनामा किया था, उसी के अनुरूप काम किया। अगर आप लोग बिहार को और विकसित देखना चाहते हैं तो एक बार फिर मेरे साथ एकरारनामा करें। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने गुरुवार को मधेपुरा के चौसा स्थित जनता उच्च विद्यालय के प्रांगण में बहुप्रतीक्षित विजय घाट पुल का रिमोट से शिलान्यास करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि कोसी में अब तक तीन पुलों का शिलान्यास हो चुका है, जो राजग की बड़ी उपलब्धि है। कोसी बांध के अंदर रेल-सड़क व महासेतु का शिलान्यास देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था। बलुआहा पुल का शिलान्यास मैंने किया, जहां निर्माण कार्य जारी है। अब विजय घाट पुल की बारी है। उन्होंने कहा कि मैं जुबान नहीं चलाता, काम करता हूं। हमने समाज को जोड़ा है, किसी को छोड़ा नहीं है। अगर बिहार का विकास चाहते हैं तो भाईचारे को मुकम्मल रखें। लगभग दो घंटे विलंब से पहुंचे सांसद शरद यादव ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कांगे्रस जब भी सत्ता में आती है, महंगाई बढ़ा देती है। कांग्रेस बिहार की उपेक्षा कर रही है, जबकि मैंने बिहार के विकास का मन बना लिया है और उसी के अनुरूप काम भी किया जा रहा है। अमन चैन के साथ विकास कैसे किया जाता है, इसे कोई भी बिहार की यात्रा कर देख सकता है। समारोह को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, कृषि मंत्री रेणु कुमारी, भूमि सुधार मंत्री नरेंद्र नारायण यादव, पीएचईडी मंत्री अश्रि्वनी कुमार चौबे व सांसद शाहनवाज हुसैन ने भी संबोधित किया। इस मौके पर सदर विधायक मणिंद्र कुमार, सिंहेश्र्वार विधायक रामेश्र्वर यादव एवं कुमारख्ंाड के विधायक रमेश ऋषिदेव भी मौजूद थे। समारोह का संचालन पृथ्वीराज यदुवंशी ने किया।

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