गुरुवार, 5 अगस्त 2010

भागलपुर से घटेगी नेपाल की दूरी

विजय घाट पर पक्के पुल बनने की आस लोगों में जग गई है। गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यहां पुल का शिलान्यास करेंगे। पुल बनने के बाद भागलपुर से मधेपुरा, सुपौल, सहरसा एवं पूर्णिया की दूरी घट जाएगी। साथ ही यहां से पड़ोसी देश नेपाल की भी दूरी घट जाएगी। ज्ञात हो कि इससे पूर्व 13 जुलाई को इस पुल का शिलान्यास मुख्यमंत्री करने वाले थे। लेकिन किसी कारणवश कार्यक्रम को स्थगित हो गया था। पुल बनने पर मधेपुरा जिले के 20 लाख लोग लाभान्वित होंगे। पुल निर्माण में 367 करोड़ 80 लाख 67 हजार रुपए खर्च होंगे और इसका आधार 47 पायों पर टिका होगा। इसकी कुल चौड़ाई 20.7 मीटर होगी। इसके दोनों तरफ 1.5 मीटर चौड़ा फुटपाथ भी बनेगा। मधेपुरा जिले के चौसा प्रखंड के भटगामा से शुरू होने वाले इस पुल के पहुंच पथ का अंतिम हिस्सा भागलपुर जिले के नवगछिया (तेतरी) जीरा ेमाइल में मिलेगा। इसका पहुंच पथ चार लेन का होगा। इसके अलावा क्रॉस ड्रेनेज, गाइड बांध निर्माण, आरओबी निर्माण, रोड फर्नीचर का भी निर्माण होगा। साथ ही इस पर सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्य किया जाएगा। गौरतलब है कि इस पुल की मांग 1985 से ही हो रही है। इस क्रम में सबसे पहले 23 जनवरी 1987 को नागरिक सुरक्षा कमेटी से जुडे़ नागेंद्र सरकार और वर्ष 1992 में उनकी पुत्री नंदनी सरकार ने आमरण अनशन किया था। परिणामस्वरूप 1995 में प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने विजय घाट पर पीपा पुल का शिलान्यास किया था। लेकिन यह पुल वर्ष में केवल तीन-चार महीने ही लोगों की सेवा कर पाता था।इसके बाद पक्के पुल के निर्माण के लिए 6 फरवरी 2004 में संत योगेश ने सात माह तक निराहार अनशन किया। उनके नेतृत्व में एक मार्च 2004 को नवगछिया बंद रहा। इस दौरान आंदोलनकारियों पर पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में 14 लोग घायल भी हुए थे। उक्त मामले में 30 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। बाद में योगेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। यह मामला न्यायालय में अब तक लंबित है। इस बीच आंदोलनकारियों ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति का भी दरवाजा खटखटाया। जब नीतीश कुमार की सरकार सत्ता में आई तो उन्होंने पुल बनवाने का आश्वासन दिया। इतना ही नहीं बाबा विशु राउत के मेले में 15 अप्रैल 2007 को उन्होंने पुल बनवाने की बात दोहराई। इसके निर्माण से भागलपुर और मधेपुरा जिले के अलावा सहरसा, सुपौल, पूर्णिया तथा नेपाल तक के लोगों को लाभ मिलेगा। बहरहाल जो भी हो गुरुवार को होने वाले शिलान्यास कार्यक्रम से क्षेत्र के लोगों में खुशी व्याप्त है।

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